सकल जीएसटी राजस्व 1,82,075 करोड़ रुपये रहा, जिसमें 32,386 करोड़ रुपये का केंद्रीय जीएसटी, 40,289 करोड़ रुपये का राज्य जीएसटी और 96,447 करोड़ रुपये का एकीकृत जीएसटी शामिल है।
जीएसटी डिपार्टमेंट द्वारा 32,403 करोड़ रुपये का नोटिस भेजे जाने के मामले में नैसकॉम अब इंफोसिस के समर्थन में उतर गया है। नैसकॉम ने जीएसटी डिपार्टमेंट की समझ पर सवाल खड़े किए हैं।
कर्नाटक राज्य जीएसटी अधिकारियों ने इन्फोसिस लिमिटेड के विदेशी शाखा कार्यालयों द्वारा किए गए खर्चों के लिए जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि के लिए यह नोटिस दिया है।
जीवन बीमा और हेल्थ इंश्योरेंस दोनों के प्रीमियम पर अभी 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है। पत्र में लिखा गया है कि जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लगाना जीवन की अनिश्चितताओं पर कर लगाने के समान है।
इस साल अप्रैल में जीएसटी संग्रह 2.10 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छू गया था। सूत्रों ने बताया कि सरकार आगे कर संग्रह के संबंध में कोई बयान जारी नहीं करेगी।
जीएसटी करदाताओं का आधार अप्रैल 2018 तक 1.05 करोड़ था, जो बढ़कर अप्रैल 2024 में 1.46 करोड़ हो गया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा, ''हमने बेहतर अनुपालन के साथ ही करदाताओं के आधार में तगड़ा उछाल देखा है।''
फाइलिंग में कंपनी ने बताया है कि कंपनी को जीएसटी रिटर्न और खातों के ऑडिट के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए टैक्स ऑर्डर प्राप्त हुआ है। कंपनी उचित प्राधिकारी के समक्ष आदेश के खिलाफ अपील दायर करेगी।
जीएसटी आने से पहले एलपीजी चूल्हे पर 21 प्रतिशत टैक्स लगता था, जो कि अब घटकर 18 प्रतिशत हो गया है। सीबीआईसी द्वारा आंकड़ों में बताया गया कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, पंखा, वाटर कूलर और फर्नीचर पर जीएसटी लागू होने से पहले 31.3 प्रतिशत टैक्स लगता था, जो अब घटकर 18 प्रतिशत हो गया है।
नई दिल्ली में आज जीएसटी काउंसिल की 53वीं बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई बड़ी घोषणाएं कीं। उन्होंने रेलवे की कई सेवाओं को जीएसटी के दायरे से मुक्त करने का भी ऐलान किया।
सीतारमण ने पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना का उल्लेख भी किया। ज्यादातर राज्यों ने केंद्र की 'पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना' की सराहना की और आगे सुधार के लिए कुछ सुझाव दिए।
केंद्र और राज्य के वित्त मंत्रियों से जीएसटी कानूनों में एक नया प्रावधान जोड़ने की उम्मीद है, जिससे कर अधिकारी कुछ मामलों में बिना किसी अतिरिक्त मांग, वसूली या रिफंड के "जैसा है वैसा" आधार पर खातों को बंद कर सकेंगे।
जीएसटी परिषद की यह बैठक आठ महीने के अंतराल के बाद हो रही है। इससे पहले, जीएसटी परिषद की 52वीं बैठक सात अक्टूबर, 2023 को हुई थी। जीएसटी परिषद ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए दांव के पूरे मूल्य पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगाने के निर्णय की समीक्षा कर सकती है।
जीएसटी परिषद अपनी 22 जून की बैठक में प्रक्रिया को तेज करने और समिति द्वारा अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समयसीमा निर्धारित करने का निर्णय ले सकती है। जीएसटी व्यवस्था में वर्तमान में 0, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के पांच कर स्लैब हैं।
दुनिया भर में सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वाले मामलों में से करीब 12 प्रतिशत भारत के हैं। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को करीब 15.71-38.81 अरब अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान होता है।
पान मसाला और तंबाकू उत्पादों के निर्माण में शामिल करदाता अब संबंधित महीने के लिए खरीदे गए और खपत किए गए कच्चे माल और तैयार माल का विवरण बता सकते हैं।
अधिकारी ने कहा, ‘‘यह अभी चर्चा के स्तर पर है। ई-कॉमर्स गोदामों के लिए साझा कार्यस्थल विचार को लागू किया जा सकता है या नहीं, इस पर विधि समिति में चर्चा की जाएगी और फिर जीएसटी परिषद के समक्ष इसे रखा जाएगा।’’
वर्तमान में, दो राज्यों, गुजरात और आंध्र प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी ने पायलट आधार पर करदाताओं का आधार प्रमाणीकरण शुरू किया है। अप्रैल जीएसटी राजस्व के विश्लेषण के अनुसार, कर्नाटक दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, इसके बाद उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि किसी व्यक्ति की तलाशी और जब्ती के दौरान क्या होता है। यदि कर भुगतान से इनकार किया जाता है तो आप संपत्तियां अस्थायी रूप से कुर्क कर सकते हैं लेकिन आपको परामर्श करने, सोचने और विचार करने के लिए कुछ समय देना होगा।
सीतारमण ने कहा कि जीएसटी के तहत कई आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी-पूर्व दरों की तुलना में कर कम दर से कर लगाया गया है। बालों के तेल और साबुन जैसी वस्तुओं पर कर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया।
देश में जीएसटी आने से पहले हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पर 15 प्रतिशत सर्विस टैक्स चुकाना होता है। अब अगर सरकार हेल्थ इंश्योरंस प्रीमियम पर जीएसटी में कटौती करती है तो यह लोगों के लिए और भी किफायती होगा।
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