जीएसटी काउंसिल की अगली और महत्वपूर्ण बैठक 10 जनवरी को होगी, जिसमें निर्माणाधीन फ्लैट्स और मकान पर जीएसटी की दर घटाकर 5 प्रतिशत करने का फैसला हो सकता है।
सरकार ने जुलाई 2017 से सितंबर 2018 के लिए सारांश और अंतिम बिक्री रिटर्न दाखिल नहीं करने वाली जीएसटी पंजीकृत कंपनियों को विलंब शुल्क से छूट दी है।
नोटबंदी से लेकर जीएसटी और उर्जित पटेल के इस्तीफे तक पर पीएम मोदी ने अपने पहले इंटरव्यू में कही ये बातें।
दिसंबर 2018 में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह घटकर 94,726 करोड़ रुपए रहा है। इससे पहले नवंबर में 97,637 करोड़ रुपए रहा था।
आम आदमी को नए साल का तोहफे के रूप में सरकार ने 23 वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दर को घटाने की अधिसूचना जारी कर दी है।
माल एवं सेवा कर विभाग (जीएसटी) ने गुरुवार को बताया कि उसने तेलुगू सुपरस्टार महेश बाबू के दो बैंक एकाउंट्स को अटैच किया गया है। यह कार्रवाई उनसे सर्विस टैक्स की वसूली के लिए की गई है।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने बुधवार को GST के घोषित लक्ष्यों में किए गए बदलाव को लेकर सरकार पर तंज कसा है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि आगे टैक्स रेवेन्यू में अच्छी बढ़ोतरी होने पर देश में GST की 3 दरें रह जाएंगी।
जीएसटी परिषद की 31वीं बैठक के बाद यहां संवाददाताओं के बताया कि जीएसटी परिषद ने कुल 17 सामानों और छह सेवाओं पर कर घटाया है, जिससे राजस्व पर पूरे वित्त वर्ष में 5,500 करोड़ रुपये का असर पड़ेगा।
जीएसटी काउंसिल की आज होने जा रही बैठक में आम लोगों को ढेरों राहत मिल सकती हैं। काउंसिल आम जरूरत से लेकर कई लक्जरी वस्तुओं पर टैक्स घटाने की घोषणा कर सकती है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद वाहनों के टायरों पर जीएसटी दर को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर सकती है।
मोदी ने कहा कि उनकी सरकार चाहती है कि 99 प्रतिशत सामान या चीजें जीएसटी के 18 प्रतिशत और इससे नीचे वाले टैक्स स्लैब में रहें।
जीएसटी परिषद की अगले सप्ताह होने वाली बैठक में सीमेंट जैसी निर्माण कार्य में काम आने वाली वस्तुओं पर कर दर में कटौती हो सकती है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर के आठ माह के दौरान 12,000 करोड़ रुपए की माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की चोरी का पता लगाया है।
सरकार ने जीएसटी फाइल करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2018 को बढ़ाकर 31 मार्च 2019 कर दिया है।
नवंबर माह में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) राजस्व संग्रह घटकर 97,637 करोड़ रुपए रहा है, जो अक्टूबर के 1 लाख करोड़ रुपए से कम है।
केंद्र और राज्यों के बीच नवंबर माह में एकीकृत माल एवं सेवा कर (आईजीएसटी) मद में पड़े 33,000 करोड़ रुपए का बंटवारा किया गया।
वित्त मंत्रालय की जांच इकाई ने चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान कुल 29,088 करोड़ रुपए की इनडायरेक्ट टैक्स की चोरी के 1,835 मामलों की पहचान की है।
राजस्व विभाग जीएसटी की चोरी को रोकने के लिए ई-वे बिल को फास्टैग प्रणाली और लॉजिस्टिक्स डाटा बैंक के साथ जोड़ने की योजना बना रहा है।
मोदी सरकार द्वारा टैक्स ढांचे में पिछले साल किए गए सबसे बड़े बदलाव से देश को फायदा हुआ या नुकसान, इसकी रिपोर्ट अगले महीने आ सकती है।
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