निर्यातकों के लिए जीएसटी प्रक्रिया सरल बनाने और उसमें तेजी लाने के लिए वित्त मंत्रालय कदम उठाने की तैयारी में है। इसके तहत जीएसटी रिफंड की मंजूरी और प्रसंस्करण दोनों काम एक ही व्यवस्था या प्राधिकरण करेगा।
बिल्डरों को अब बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट सुविधा के सस्ती आवासीय परियोजनाओं पर एक प्रतिशत और अन्य श्रेणियों की आवासीय इकाइयों पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने की अनुमति दी गई है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल माह में जीएसटी वसूली 1.13 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। यह लगातार दूसरा महीना रहा है, जब जीएसटी प्राप्ति एक लाख करोड़ रुपए से अधिक रही है।
पिछले साल अगस्त से जीएसटी संग्रह में धीरे-धीरे वृद्धि हो रही है और मार्च में यह अपने उच्चतम स्तर 1.06 लाख करोड़ रुपए पर पहुंचा था।
डीजीएपी ने अपनी जांच मार्च में पूरी की। जांच में पाया गया कि कंपनी ने 4.51 करोड़ रुपए की मुनाफाखोरी की है।
कई उपभोक्ताओं ने एक मोबाइल एप-IRIS Peridot के जरिये शिकायत दर्ज कराई है कि छोटे रेस्टॉरेंट्स में उनसे जीएसटी वसूला जा रहा है लेकिन इस कर को सरकारी खजाने में जमा नहीं कराया गया
एनारॉक ने 2019 की पहली छमाही में उपभोक्ता रुख सर्वेक्षण में कहा कि रीयल एस्टेट कानून रेरा और जीएसटी की दरों में कमी से लोगों का नई संपत्तियों पर भरोसा वापस से जगाने में मदद मिली है।
बहुत से उत्पादों पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दी गई लेकिन कंपनी ने इसके बावजूद उत्पादों के दाम कम नहीं किए।
जीएसटीआर-1 दाखिल करने की समयसीमा दो दिन बढ़ाकर 13 अप्रैल कर दी है। इसी तरह जीएसटीआर-7 भरने की समयसीमा 12 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है।
प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य से कम रहने और इसके साथ ही माल एवं सेवाकर (जीएसटी) वसूली भी कम होने का राजकोषीय घाटे की लक्ष्य प्राप्ति पर असर पड़ सकता है।
सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीएसटी संग्रह का लक्ष्य 13.71 लाख करोड़ रुपए से घटाकर 11.47 लाख करोड़ रुपए कर दिया था।
जीएसटी परिषद ने 24 फरवरी की पिछली बैठक में किफायदी दर के निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी दर को घटा कर एक प्रतिशत कर दिया था।
वर्तमान वित्त वर्ष में फरवरी तक 10.70 लाख करोड़ रुपए की आय जीएसटी से हुई है।
जोसेफ ने कहा कि हमने 25 करोड़ रुपए बरामद किए हैं और शेष के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
जीएसटी परिषद ने रीयल एस्टेट क्षेत्र में मांग को बढ़ावा देने के लिए निर्माणाधीन परियोजनाओं में मकानों पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी है
माल एवं सेवा कर (GST) परिषद ने निर्माणाधीन परियोजनाओं में मकानों पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी है और इसमें इनपुट कर का लाभ खत्म करने का फैसला किया है।
आम चुनावों से पहले सरकार आम लोगों को एक और बड़ा तोहफा दे सकती है। जीएसटी काउंसिल की बैठक आज शुरू हो चुकी है। वित्त मंत्री अरुण जेटली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस बैठक की अध्यक्षता कर रहे हैं।
जेटली ने जीएसटी परिषद की बुधवार को हुई बैठक के बाद कहा कि बैठक में रीयल एस्टेट पर बने मंत्रियों के समूह की रिपोर्ट पर भी विचार किया गया।
यह दर 18 प्रतिशत या 28 प्रतिशत हो सकती है। जीएसटी परिषद की बुधवार को होने वाली 33वीं बैठक में इस पर फैसला किया जाएगा
एक अधिकारी ने कहा कि जीओएम राज्य प्रायोजित और राज्य अधिकृत लॉटरियों पर एक समान जीएसटी चाहता है। यह दर 18 प्रतिशत होगी या 28 प्रतिशत
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