सरकार ने अगले कुछ साल में कारोबार सुगमता रैंकिंग मामले में 50 के भीतर आने का लक्ष्य रखा है।
मालवाहनों के लिए बिना रुके टोल भुगतान की फास्टैग सुविधा को जीएसटी ई-वे बिल प्रणाली से जोड़ने के लिए आईएचएमसीएल और जीएसटीएन आज सोमवार को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेंगे।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत राजस्व प्राप्ति बढ़ाने सहित इसकी व्यापक रूप से समीक्षा कर जरूरी सुझाव देने को लेकर गठित एक उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक मंगलवार को होगी।
माल एवं सेवाकर नेटवर्क (जीएसटीएन) 22 अक्टूबर यानी मंगलवार को जीएसटी रिटर्न भरने के नए संस्करण को जारी करेगा। जिसका मकसद रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वीकार किया है कि मौजूदा रूप में माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कुछ खामियां हो सकती हैं।
सरकार ने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह तथा इसके प्रशासन को दुरुस्त करने के उपायों का सुझाव देने के लिये अधिकारियों की एक समिति गठित की है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इससे पूर्व माह यानि अगस्त में जीएसटी संग्रह 98,202 करोड़ रुपए था। एक साल पहले समान माह में जीएसटी संग्रह का यह आंकड़ा 94,442 करोड़ रुपए था।
व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आरोप लगाया है कि ई-कॉमर्स कंपनियां त्योहारी सीजन की सेल के जरिए सरकार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का चूना लगा रही हैं।
1 अक्टूबर 2019 से देशभर में कई नए नियम लागू हो जाएंगे, जिसका आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ेगा। बैंकिंग, ट्रांसपोर्टिंग, जीएसटी रेट, कॉर्पोरेट टैक्स, प्लास्टिक के प्रयोग समेत कई चीजें बदल जाएंगी।
होटल उद्योग ने होटल कमरों पर लगने वाली जीएसटी दर में कटौती का स्वागत करते हुए कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है। इससे होटल एवं पर्यटन क्षेत्र को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को जीएसटी परिषद ने 1000 रुपए किराये वाले होटल कमरों पर जीएसटी शून्य कर दिया है।
जीएसटी काउंसिल की गोवा में आयोजित 37वीं बैठक में परिषद ने आधार को जीएसटी के अंतर्गत करदाताओं के पंजीकरण से जोड़ने का सैद्धांतिक तौर पर शुक्रवार को फैसला किया और रिफंड पर दावा करने के लिए इसे जरूरी बनाने की संभावना पर विचार किया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को 37वीं जीएसटी काउंसिल बैठक के बाद कुछ वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में कटौती की घोषणा की है
देश में आर्थिक सुस्ती के माहौल को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पावर बूस्टर डोज देने में लगी हुई हैं। आज गोवा में होने वाली गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 37वीं अहम बैठक के पहले वित्त मंत्री ने कंपनियों को बड़ी राहत दी है। कॉर्पोरेट टैक्स घटाने का प्रस्ताव किया गया है।
आज गोवा में होने वाली जीएसटी काउंसिल की 37वीं महत्वपूर्ण बैठक में दरों को लेकर कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। बैठक में सभी राज्यों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस बैठक पर सभी कंपनियों की निगाहें लगी हुई हैं। ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर में छाई मंदी से निपटने के लिए काउंसिल जीएसटी दर में कमी कर सकती है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की शुक्रवार (20 सिंतबर 2019) को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले अधिकारियों की एक समिति ने वाहनों, बिस्कुट सहित कई उत्पादों पर जीएसटी कटौती की मांग को खारिज कर दिया।
जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने शनिवार को कहा कि जीएसटी में होने वाली गड़बड़ियों पर लगाम लगाने के लिये जनवरी 2020 से नये डीलरों के लिए आधार सत्यापन अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है। जीएसटीएन पर मंत्रियों के समूह के प्रमुख एवं बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, 'नये डीलरों के लिये आधार सत्यापन अनिवार्य किया जाएगा।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीआईआईसी) की दो प्रमुख आसूचना एजेंसियों का सबसे बड़ा संयुक्त अभियान है। इन अभियान में दोनों एजेंसियों के 1,200 अधिकारी शामिल हुए हैं।
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद दो करोड़ रुपए से कम कमाई करने वाले छोटे व्यवसायों को सालाना रिटर्न दाखिल करने से छूट देने के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि रिटर्न दाखिल करने की तिथि तीन बार बढ़ाए जाने के बावजूद अभी तक संतोषजनक संख्या में रिटर्न दाखिल नहीं हुए हैं।
केंद्र सरकार ऑटो मोबाइल पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) घटाने के उद्योग के प्रस्ताव को जीएसटी परिषद में रखने के लिए तैयार है। उद्योग की मांग है कि खपत की मंदी समाप्त करने के लिए जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत किया जाए।
वाहन कल-पुर्जा उद्योग ने सभी कल-पुर्जों पर एक समान 18 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने की शुक्रवार को मांग की। उद्योग जगत का कहना है कि इससे कंपनियों को रोजमर्रा की जरूरतों को लेकर लिए गए ऋण का इस्तेमाल दीर्घकालिक उद्देश्यों में करने में मदद मिलेगी।
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