वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को 37वीं जीएसटी काउंसिल बैठक के बाद कुछ वस्तुओं पर जीएसटी की दरों में कटौती की घोषणा की है
देश में आर्थिक सुस्ती के माहौल को दूर करने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पावर बूस्टर डोज देने में लगी हुई हैं। आज गोवा में होने वाली गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 37वीं अहम बैठक के पहले वित्त मंत्री ने कंपनियों को बड़ी राहत दी है। कॉर्पोरेट टैक्स घटाने का प्रस्ताव किया गया है।
आज गोवा में होने वाली जीएसटी काउंसिल की 37वीं महत्वपूर्ण बैठक में दरों को लेकर कई बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। बैठक में सभी राज्यों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस बैठक पर सभी कंपनियों की निगाहें लगी हुई हैं। ऑटो और एफएमसीजी सेक्टर में छाई मंदी से निपटने के लिए काउंसिल जीएसटी दर में कमी कर सकती है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की शुक्रवार (20 सिंतबर 2019) को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक से पहले अधिकारियों की एक समिति ने वाहनों, बिस्कुट सहित कई उत्पादों पर जीएसटी कटौती की मांग को खारिज कर दिया।
जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने शनिवार को कहा कि जीएसटी में होने वाली गड़बड़ियों पर लगाम लगाने के लिये जनवरी 2020 से नये डीलरों के लिए आधार सत्यापन अनिवार्य करने का निर्णय लिया गया है। जीएसटीएन पर मंत्रियों के समूह के प्रमुख एवं बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से कहा, 'नये डीलरों के लिये आधार सत्यापन अनिवार्य किया जाएगा।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीआईआईसी) की दो प्रमुख आसूचना एजेंसियों का सबसे बड़ा संयुक्त अभियान है। इन अभियान में दोनों एजेंसियों के 1,200 अधिकारी शामिल हुए हैं।
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद दो करोड़ रुपए से कम कमाई करने वाले छोटे व्यवसायों को सालाना रिटर्न दाखिल करने से छूट देने के प्रस्ताव पर चर्चा के लिए तैयार है। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि रिटर्न दाखिल करने की तिथि तीन बार बढ़ाए जाने के बावजूद अभी तक संतोषजनक संख्या में रिटर्न दाखिल नहीं हुए हैं।
केंद्र सरकार ऑटो मोबाइल पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) घटाने के उद्योग के प्रस्ताव को जीएसटी परिषद में रखने के लिए तैयार है। उद्योग की मांग है कि खपत की मंदी समाप्त करने के लिए जीएसटी को घटाकर 18 प्रतिशत किया जाए।
वाहन कल-पुर्जा उद्योग ने सभी कल-पुर्जों पर एक समान 18 प्रतिशत की दर से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने की शुक्रवार को मांग की। उद्योग जगत का कहना है कि इससे कंपनियों को रोजमर्रा की जरूरतों को लेकर लिए गए ऋण का इस्तेमाल दीर्घकालिक उद्देश्यों में करने में मदद मिलेगी।
राजस्व विभाग से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश का सकल माल एवं सेवाकर (जीएसटी) संग्रह अगस्त 2019 में एक लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से नीचे 98,202 करोड़ रुपये रहा।
वार्षिक माल एवं सेवाकर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख तीन महीना बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। इसकी वजह रिटर्न दाखिल करने में कर दाताओं को पेश आ रही तकनीकी दिक्कतें बतायी गयी हैं।
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शनिवार को कहा कि 2024-25 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को दूरदर्शी आर्थिक प्रबंधन के माध्यम से हासिल किया जा सकता है।
पूर्व वित्त मंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया। जेटली ने अरुण जेटली ने दोपहर 12.07 मिनट पर AIIMS में अंतिम सांस ली, वे 9 अगस्त से यहां भर्ती थे। भारतीय राजनीति में जेटली अपने पीछे कई यादें छोड़ गए हैं। 2014 में अमृतसर लोकसभा सीट से चुनाव हार जाने के बाद भी उन्हें पीएम मोदी ने वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी थी।
अर्थव्यवस्था की सुस्ती को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस समय दुनिया भर में नरमी के हालात हैं। भारत में सुस्ती बाहरी प्रभाव से है या आंतरिक इसको समझना होगा। सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए तमाम प्रयास कर रही है।
सीटीएफ के अध्यक्ष नीरज आनंद ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 खत्म किए जाने के दौरान उत्पन्न हुए हालातों के मद्देनजर हम आयकर और जीएसटी रिटर्न की समय-सीमा आगे बढ़ाने की मांग करते हैं।
आर्थिक वृद्धि तथा मुद्रास्फीति के मोर्चों पर सकारात्मक उपलब्धियों के बावजूद भारत के समक्ष कमजोर निवेश, नीतिगत फैसलों का लाभ लक्ष्य तक पहुंचने में सुस्ती तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का कम संग्रह समेत कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
आर्थिक वृद्धि तथा मुद्रास्फीति के मोर्चों पर सकारात्मक उपलब्धियों के बावजूद भारत के समक्ष कमजोर निवेश, नीतिगत फैसलों का लाभ लक्ष्य तक पहुंचने में सुस्ती तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का कम संग्रह समेत कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
पूर्वोत्तर राज्यों में माल एवं सेवा कर संग्रह वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों में 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि विनिर्माण वाले बड़े राज्यों के मुकाबले अधिक है। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह में वृद्धि पूर्वोत्तर के सातों राज्यों में दर्ज की गयी। यह राष्ट्रीय औसत 9 प्रतिशत के मुकाबले तीन गुना अधिक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार आधुनिक बुनियादी ढांचा के विकास पर पांच साल में 100 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी और इससे देश की अर्थव्यवस्था का आकार करीब दोगुना कर 5,000 अरब डॉलर पहुंचाने में मदद मिलेगी।
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम ने शुक्रवार को कहा कि उद्योग वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को तत्काल घटाकर 18 प्रतिशत किये जाने की मांग को लेकर एकमत है। बता दें कि वर्तमान में वाहनों पर 28 प्रतिशत की जीएसटी के अलावा एक प्रतिशत से लेकर 22 प्रतिशत तक का उपकर लगता है।
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