वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में सोमवार (5 अक्टूबर) को जीएसटी परिषद की 42वीं बैठक के बाद सीतारमण ने कहा कि आज रात 20,000 करोड़ रुपये का कंपनसेशन सेस राज्यों के बीच वितरित किया जाएगा।
केंद्र सरकार ने अगस्त में राज्यों को दो विकल्प दिए थे। इसके तहत राज्य या तो रिजर्व बैंक के द्वारा दी गई विशेष सुविधा से 97 हजार करोड़ रुपए का कर्ज उठा सकते हैं या फिर बाजार से 2.35 लाख करोड़ रुपए उधार ले सकते हैं।
जीएसटी काउंसिल की सोमवार (5 अक्टूबर) को 42वीं बैठक होगी। बैठक के हंगामेदार रहने के आसार हैं, माना जा रहा है कि गैर-बीजेपी राज्य कंपनसेशन के मुद्दे पर हंगामा कर सकते हैं।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, सरकार का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह सितंबर 2020 में 95,480 करोड़ रुपये रहा।
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीएसटी सालाना रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समयसीमा को एक महीने बढ़ाते हुए 1 अक्टूबर 2020 तक कर दिया है।
कंपनी मोटरसाइकिल कारोबार में विस्तार पर ध्यान दे रही है। इसके साथ कंपनी की सस्ती और महंगी दोनो तरह की नई मोटरसाइकिल पेश करने की योजना है। कंपनी कम कीमत की बाइक्स उतार कर ग्रामीण क्षेत्र पर फोकस बढ़ाएगी
जीएसटी परिषद की बैठक पांच अक्टूबर तक टल गई है। पहले यह बैठक 19 सितंबर को होनी थी। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
जावड़ेकर ने वाहनों के लिए जीएसटी दरों में कटौती की संभावना के बारे में कहा कि वित्त मंत्रालय प्रस्ताव पर काम कर रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने उद्योग जगत के साथ एक बातचीत में कहा था कि दोपहिया वाहन न तो लक्जरी और न ही नुकसानदेह सामान है, अत: जीएसटी दर में संशोधन किया जा सकता है।
कलेक्शन पिछले साल के मुकाबले 12 फीसदी घटकर 86449 करोड़ रुपये रहा है। इसमें जुलाई के मुकाबले भी मामूली गिरावट का रुख है। जुलाई में जीएसटी का कुल कलेक्शन 87442 करोड़ रुपये था।
छह गैर भाजपा शासित राज्यों- पंजाब, पश्चिम बंगाल, केरल, दिल्ली, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना ने कर्ज लेने की सलाह खारिज कर कहा है कि जीएसटी राजस्व की कमी की भरपाई के लिये कोई वैकल्पिक प्रणाली तैयार की जानी चाहिये। वहीं राजस्थान और पुड्डेचेरी ने भी इस मामले में क्षतिपूर्ति के लिये इन राज्यों का अनुसरण करने की बात कही है।
ये महामारी दैवीय घटना है तो हम 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के दौरान अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन का वर्णन कैसे करेंगे?
विभिन्न एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि के जो अनुमान लगाए हैं, उसमें जीडीपी में 3.2 प्रतिशत से लेकर 9.5 प्रतिशत तक की गिरावट की आशंका जताई गई है।
बुधवार को ही वित्त मंत्री के सामने इंडस्ट्री ने दलील दी थी कि दोपहिया वाहन लग्जरी आइटम नही हैं इसलिए इसकी जीएसटी दरों में समीक्षा की जानी चाहिए। फिलहाल दोपहिया वाहनों पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है।
वित्त मंत्री के मुताबिक राज्यों को इन विकल्पों पर विचार के लिए 7 दिन का समय दिया गया है। पहले विकल्प में राज्यों को रिजर्व बैंक के साथ चर्चा के बाद खास दरों पर 97000 करोड़ रुपये के लिए एक स्पेशल विंडो दी जाएगी ।
जीएसटी कानून के तहत राज्यों को माल एवं सेवा कर के क्रियान्वयन से राजस्व में होने वाले किसी भी कमी को पहले पांच साल तक पूरा करने की गारंटी दी गयी है।
सकल जीएसटी देनदारी में से इनपुट टैक्स क्रेडिट को घटाने के बाद शुद्ध जीएसटी देनदारी बनती है। वहीं सकल जीएसटी देनदारी पर ब्याज की गणना करने से कारोबारियों पर अधिक भुगतान करने का दबाव होगा।
उद्योग का कहना है कि दो-पहिया वाहन आम आदमी की सवारी है, इसको तम्बाकू, सिगार, रिवॉल्वर जैसे अहितकारी उत्पादों और रेसिंग कार, निजी एयरक्राफ्ट, याट जैसी लग्जरी श्रेणी में कैसे रखा जा सकता है, जहां जीएसटी की दर सबसे ऊंची 28 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि देश में पिछले पांच सालों के दौरान सड़क, नागरिक उड्डयन और एयरपोर्ट कनेक्टिविटी, टेलीकम्युनिकेशन (इंटरनेट और ब्रॉडबैंड पहुंच सहित) और पोर्ट्स में आधुनिक भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास उल्लेखनीय रहा है।
मंत्रालय ने कहा कि अब यह सिद्ध हो चुका है कि जीएसटी उपभोक्ता और करदाता दोनों के लिए अनुकूल है। जीएसटी से पहले उच्च कर दर की वजह से कर भुगतान से लोग बचते थे।
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