कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने रविवार को कहा कि वह जल्द ही देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली पर एक श्वेत पत्र जारी करेगा। कर व्यवस्था की कथित 'मनमानी' को लेकर व्यापारियों में पिछले कुछ समय से चिंता बढ़ रही है।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिकारियों ने 46 फर्जी कंपनियों के एक नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAITIndia) ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी/GST) में आने वाली जटिलताओं को लेकर आगामी 26 फरवरी (शुक्रवार) को 'भारत व्यापार बंद' (Bharat Band) की घोषणा की है।
जनवरी में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 21,923 करोड़ रुपये, राज्यों का जीएसटी (एसजीएसटी) 29,014 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) 60,288 करोड़ रुपये रही है।
जीएसटी संग्रह जनवरी में रिकार्ड 1.21 से 1.23 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। इससे राज्य जीएसटी संग्रह में कमी न्यूनतम 11,000 करोड़ रुपये रह जाएगी।
कैट ने कहा है कि आगामी 8 से 10 फरवरी तक नागपुर में आयोजित एक राष्ट्रीय सम्मेलन में आंदोलन के भविष्य का रूप तय किया जाएगा। देश भर के लगभग 200 प्रमुख व्यापारी नेता सम्मेलन में भाग लेंगे।
ऐसे कर्मचारी जो बिना नोटिस पीरियड पूरा किए कंपनी की नौकरी छोड़ेंगे उन्हें कंपनी को तो एक तय रकम देनी ही होगी साथ ही उन्हें 18 प्रतिशत जीएसटी भी देना होगा।
कैब सर्विस मुहैया कराने वाली उबर और ओला के खिलाफ जीएसटी की चोरी को लेकर जांच शुरू करने के एक दिन बाद यह कदम सामने आया है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि परिसर पर मारे गए छापे के दौरान पाया गया कि वहां गुटखा/पान मसाला/तंबाकू उत्पादों का अवैध रूप से निर्माण किया जा रहा था।
दिसंबर, 2020 में 1,15,174 करोड़ रुपये का सकल राजस्व संग्रह किया गया। दिसंबर, 2020 में प्राप्त राजस्व पिछले साल समान माह में प्राप्त राजस्व की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है।
1 जनवरी 2021 से साल ही नहीं बल्कि आपकी रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी कई सेवाओं के नियमों में भी बदलाव होने जा रहा है।
सूत्रों ने कहा कि यह नियम कुल 1.2 करोड़ जीएसटी करदाताओं में से सिर्फ 45,000 करदाताओं पर ही लागू होते हैं और ईमानदार डीलरों और व्यवसायों पर इसका कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि नया नियम नकली चालान के इस्तेमाल की जांच के लिए लाया गया है ताकि गलत तरीके से इनपुट लागत पर कर रिफंड न लिया जा सके।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने जीएसटी नियमों में नियम 86 बी पेश किया है। यह नियम इनपुट कर क्रेडिट (आईटीसी) का अधिकतम 99 प्रतिशत तक ही इस्तेमाल जीएसटी देनदारी निपटाने की अनुमति देता है।
व्यवसायों द्वारा दाखिल किए गए आपूर्ति रिटर्न जीएसटीएन-1 के आधार पर जीएसटीएन अपने आप देनदारी की गणना कर लेगा, जबकि प्रणाली द्वारा तैयार किए गए मसौदा स्टेटमेंट जीएसटीआर-2बी से इनपुट क्रेडिट टैक्स (आईटीसी) की गणना होगी।
राजस्व विभाग के सूत्रों ने कहा कि दिल्ली और हिमाचल प्रदेश की कुछ कंपनियों के खिलाफ जांच की जा रही है, जिन पर आरोप है कि वे लुधियाना और जालंधर के ट्रांसपोर्टरों के जरिए कम कीमत दिखाकर माल की आवाजाही कर रही थीं।
6,000 करोड़ रुपये की इस राशि में से 5,516.60 करोड़ रुपये 23 राज्यों को दिये गये हैं जबकि 483.40 करोड़ रुपये तीन संघ शासित प्रदेशों को दिये गये हैं।
वर्तमान में इन कारोबारियों को मासिक आधार पर कुल 12 रिटर्न दाखिल करने होते हैं। नई योजना का फायदा जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं के लगभग 92 प्रतिशत कारोबारियों को मिलेगा
इस विकल्प को स्वीकार करने पर राज्यों को आत्मनिर्भर भारत मिशन के तहत राज्य सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 0.50 प्रतिशत की अंतिम किस्त का कर्ज बिना किसी शर्त के लेने की अनुमति होगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी राजस्व में हालिया रिकवरी ट्रेंड के अनुसार, नवंबर, 2020 में भी जीएसटी राजस्व संग्रह पिछले साल के समान माह में प्राप्त हुए कुल राजस्व की तुलना में 1.4 प्रतिशत अधिक हुआ है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि अब अगले चरण में जुटाए जाने वाले कर्ज से केरल और प.बंगाल को भी राशि मिलनी शुरू होगी। बयान में कहा गया है कि केरल और प.बंगाल को जीएसटी के क्रियान्वयन से राजस्व में कमी की भरपाई के लिए 10,197 करोड़ रुपये मिलेंगे।
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