आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में ये ऐलान किया गया है।
मंत्री समूह में शामिल कई राज्यों के वित्त मंत्रियों ने कोविड-19 के इलाज में काम आने वाली सामग्री पर कर कटौती की वकालत की है।
अधिकारियों ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक 12 जून को होगी और इस दौरान जीओएम की रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा।
राज्यों के मंत्रियों के समूह की इस रिपोर्ट पर अब जीएसटी परिषद की अगली बैठक में विचार किया जायेगा। जीएसटी परिषद की अगली बैठक जल्द हो सकती है।
सरकार का माल एवं सेवा (जीएसटी) संग्रह मई में 1.02 लाख करोड़ रुपये रहा है। यह लगातार आठवां महीना है जबकि जीएसटी संग्रह का आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।
सरकार ने सोमवार को कहा कि जीएसटी के तहत मई के लिए मासिक बिक्री विवरण प्रस्तुत करने की समयसीमा 15 दिनों के लिए बढ़ाकर 26 जून तक कर दी गयी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की शुक्रवार को 43वीं बैठक में इस तरह की समिति गठित किए जाने का निर्णय हुआ था।
माल एवं सेवाकर (जीएसटी) परिषद की शुक्रवार को हुई बैठक में कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं और चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी दर में कोई बदलाव नहीं किया गया।
वर्तमान में टीके की घरेलू आपूर्ति और वाणिज्यिक तौर पर आयात पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है जबकि कोविड दवाओं और आक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर 12 प्रतिशत की दर से जीएसटी लागू है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि व्यक्तिगत उपयोग के लिए मंगाए गए या उपहार स्वरूप प्राप्त ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर 12 प्रतिशत एकीकृत जीएसटी लगाना असंवैधानिक है।
जीएसटी कर के तहत 28 अप्रैल, 2018 से व्यापारियों और ट्रांसपोटरों को पचास हजार रुपये से अधिक मूल्य का सामान की अंतरराज्यीय बिक्री और खरीद पर ईवे-बिल बनाना और दिखाना अनिवार्य है।
इस बैठक में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ ही राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री तथा केंद्र व राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेंगे।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से जीएसटी परिषद की ‘ऑनलाइन’ बैठक बुलाने का आग्रह किया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को कोविड टीका, दवाओं और आक्सीजन कंसंट्रेटर्स पर माल एवं सेवाकर (जीएसटी) हटाने को एक तरह से खारिज करते हुये कहा कि इसके हटने से ये जीवन रक्षक दवायें और सामान खरीदारों के लिये महंगे हो जायेंगे।
सरकार ने मार्च और अप्रैल 2021 माह के लिये जीएसटी की मासिक रिटर्न जीएसटीआर-3बी को जमा कराने में देरी पर विलंब शुल्क को माफ कर दिया है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि जीएसटी संग्रह ने न केवल 1 लाख करोड़ का आंकड़ा लगातार सातवें महीने पार किया है बल्कि कर संग्रह में लगातार वृद्धि भी हो रही है।
वर्तमान में, उद्यमों को मासिक रिटर्न फाइल करने के लिए जीएसटीआर-3बी फॉर्म को डिजिटली साइन करने और कर जमा करने की जरूरत होती है।
जीएसटी अथॉरिटी ने आरोप लगाया था कि बाइटडांस ने कर चोरी की है और उसने जीएसटी का भुगतान नहीं किया है।
मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी संग्रह ने लगातार छठवें महीने 1 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है और यह इस बात का साफ संकेत है कि महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है।
Petrol Diesel: भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने बुधवार को सदन में कहा, "बार-बार एक बात आती है कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में डाल दिया जाए। अगर जीएसटी में पेट्रो उत्पादों को डाल दिया गया तो राज्यों को हर साल दो से ढाई लाख करोड़ से ज्यादा के नुकसान की भरपाई कहां से होगी? पेट्रोल-डीजल से केंद्र और राज्यों को करीब 60 प्रतिशत रेवेन्यू और लगभग पांच लाख करोड़ रुपये प्रति वर्ष मिलते हैं।"
लेटेस्ट न्यूज़