निक्केई इंडिया सर्विसेज पीएमआई बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स अगस्त में मामूली तौर पर सुधरकर 47.5 रहा है जो जुलाई में 45.9 था।
GST लागू होने का असर सर्विस सेक्टर पर भी दिखाई दिया। जुलाई में GST लागू होने के बाद सर्विसेज PMI पिछले चार साल के निम्न स्तर पर पहुंच गई।
जीएसटी काउंसिल अगले महीने होने वाली बैठक में विभिन्न क्षेत्रों के संगठनों की तरफ से उठाए गए टैक्स के मुद्दे पर विचार कर सकती है।
25 जून से GSTN में पंजीकरण के लिए 1.60 लाख नए आवेदन मिले हैं। इनमें से 53,000 आवेदनों को कारोबार के ब्योरे के साथ पूर्ण किया गया है।
नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली GST की औपचरिक शुरुआत 30 जून की आधी रात को संसद के ऐतिहासिक केंद्रीय कक्ष में एक समारोह में की जाएगी।
सरकार ने कहा है कि जिन व्यापारियों ने GSTIN में अपने पंजीकरण प्रक्रिया पूरी नहीं की है वे अंतरिम आईडी का इस्तेमाल कर अपना कारोबार करना जारी रख सकते हैं।
नीति आयोग के CEO अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि अगले महीने से लागू होने वाले GST से देश को 9 फीसदी आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने में मदद मिलेगी।
FIEO ने कपड़ा और चमड़ा क्षेत्र के लिए एकसमान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर के लिए राज्य सरकारों से समर्थन मांगा है।
कंज्यूमर ड्यूरेबल्स बनाने वाली कंपनियों को GST लागू होने के बाद जुलाई-अगस्त में TV, रेफ्रिजरेटर और AC की बिक्री प्रभावित होने का अंदेशा है।
सरकार ने कहा कि GST लागू होने से कोई महंगाई नहीं बढ़ेगी बल्कि देश में बने माल विदेशी सामान की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक प्रतिस्पर्धी होंगे।
उद्योग जगत का मानना है कि इस देशव्यापी नई इनडायरेक्ट टैक्स सिस्टम (GST) की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि जीएसटी नेटवर्क (GSTN) कितना दक्ष और मजबूत है।
इन्फोसिस के CEO विशाल सिक्का ने कंपनी कर्मचारियों से कहा कि आगे की राह लंबी और कठिन है। उन्होंने कहा है, हमारे पास पहाड़ लांघने के अलावा कोई विकल्प नहीं
GST काउंसिल ने GST के रेट 5, 12, 18 और 28 फीसदी तय किए हैंं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि GSTमें 12 फीसदी और 18 फीसदी स्टैंडर्ड रेट होंगे।
सरकार की अगले साल 1 अप्रैल से GST लागू करने की योजना के साथ राजस्व विभाग के सामने 60,000 फील्ड अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की एक बड़ी चुनौती है।
GST लागू होने के बाद रिटर्न फाइल करने तथा कर योजना को लेकर असमंजस को दूर करने में ऑनलाइट टैक्स फाइलिंग पोर्टल क्लियरटैक्स कारोबारियों की मदद करेगी।
नेशनल टैक्स ड्राफ्ट लागू होने के बाद केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड यानी सीबीईसी (CBEC) का नाम अप्रत्यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीआईटी (सीबीआईटी) होगा।
सरकार संसद के शीतकालीन सत्र को तय समय से पखवाड़ा भर पहले ही बुला सकती है ताकि जीएसटी से जुड़े विभिन्न समर्थनकारी कानूनों को पारित करवाया जा सके।
सरकार ने वस्तु एवं सेवाकर (GST) की शुरुआत ठीक ढंग से करने के लिए विभिन्न पक्षों की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) तैयारियों का अधिया ने जायजा लिया है।
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