सरकार ने सोमवार को कहा कि जीएसटी के तहत मई के लिए मासिक बिक्री विवरण प्रस्तुत करने की समयसीमा 15 दिनों के लिए बढ़ाकर 26 जून तक कर दी गयी है।
सरकार ने जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा को 31 मार्च तक बढ़ा दिया है। यह सरकार द्वारा दिया गया दूसरा विस्तार है। इससे पहले समय सीमा 31 दिसंबर 2020 से बढ़ाकर 28 फरवरी कर दी गई थी।
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीएसटी सालाना रिटर्न और ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समयसीमा को एक महीने बढ़ाते हुए 1 अक्टूबर 2020 तक कर दिया है।
सीबीआईसी ने कहा कि जीएसटीएन पोर्टल पर तत्काल प्रभाव से शून्य फॉर्म जीएसटीआर-3बी भरने के तरीके के बारे में जानकारी उपलब्ध है।
सरकार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न नहीं भरने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की तैयारी में है। योजना बनाई जा रही है कि जो लगातार दो बार रिटर्न भरने से चूकेगा, उसका पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) फॉर्म को और सरल बनाने और इसे दाखिल करने की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेट्स, व्यापारियों और अन्य अंशधारकों के साथ बैठकें की।
माल एवं सेवाकर नेटवर्क (जीएसटीएन) 22 अक्टूबर यानी मंगलवार को जीएसटी रिटर्न भरने के नए संस्करण को जारी करेगा। जिसका मकसद रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाना है।
जीएसटी काउंसिल की गोवा में आयोजित 37वीं बैठक में परिषद ने आधार को जीएसटी के अंतर्गत करदाताओं के पंजीकरण से जोड़ने का सैद्धांतिक तौर पर शुक्रवार को फैसला किया और रिफंड पर दावा करने के लिए इसे जरूरी बनाने की संभावना पर विचार किया।
वार्षिक माल एवं सेवाकर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख तीन महीना बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया गया है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी। इसकी वजह रिटर्न दाखिल करने में कर दाताओं को पेश आ रही तकनीकी दिक्कतें बतायी गयी हैं।
जीएसटी रिटर्न दायर करने की नयी प्रणाली के तहत व्यापारियों को कई तरह के प्रारूप के बजाय अब महीने में केवल एक बार एकल फॉर्मेट में ही रिटर्न भरना होगा।
उद्योग जगत ने शुक्रवार को कहा कि जीएसटी परिषद के लिये अप्रत्यक्ष कर का दायरा बढ़ाने और सभी क्षेत्रों को इसके अंतर्गत लाने तथा कर स्लैब को युक्तिसंगत बनाने का सही समय है।
जीएसटीआर-1 दाखिल करने की समयसीमा दो दिन बढ़ाकर 13 अप्रैल कर दी है। इसी तरह जीएसटीआर-7 भरने की समयसीमा 12 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है।
सरकार ने जीएसटी फाइल करने की समय सीमा 31 दिसंबर 2018 को बढ़ाकर 31 मार्च 2019 कर दिया है।
वित्त मंत्रालय ने सितंबर महीने के लिए जीएसटीआर-3बी बिक्री रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को पांच दिन बढ़ाकर 25 अक्टूबर कर दिया है।
कारोबारियों को हर माह तीन रिटर्न भरती होती थी जबकि एक सालाना रिटर्न दाखिल करनी होती थी। कुल मिलाकर उन्हें साल में 37 रिटर्न दाखिल करनी होती हैं
वस्तु एवं सेवा कर (GST) के तहत केवल 16 प्रतिशत कारोबारियों की ही शुरुआती बिक्री रिटर्न का अंतिम रिटर्न के साथ मेल हो पाया है। राजस्व विभाग ने इसमें संभावित कर चोरी की आशंका को देखते हुए इसका विश्लेषण शुरू कर दिया है।
शनिवार को आयोजित GST काउंसिल की बैठक GST रिटर्न के सरलीकरण को लेकर बेनतीजा रही। हालांकि, इस बैठक में दो मॉडल पर चर्चा तो की गई लेकिन अब निर्णय को GST काउंसिल की अगली बैठक के लिए टाल दिया गया है।
आज वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर परिषद (GST काउंसिल) की 26वीं बैठक होने वाली है। उम्मीद की जा रही है कि इस बैठक में जीएसटीआर-3बी भरने की समयसीमा बढ़ाई जा सकती है।
जीएसटी परिषद कर रिटर्न दाखिल करने में आसानी के लिए इंफोसिस टेक्नोलॉजी के चेयरमैन नंदन निलेकणि द्वारा प्रस्तावित मॉडल को तय करने के बारे में 10 मार्च को होने वाली बैठक में विचार करेगी।
सरकार ने निर्यातकों को अपने GST रिफंड दावे हाथ से भरने की अनुमति दे दी है। अब निर्यातक कर अधिकारियों के सामने हाथ से अपने रिफंड दावे भर सकते हैं।
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