माल एवं सेवा करhttps://www.khabarindiatv.com/topic/gst-council (जीएसटी) परिषद अपनी आगामी बैठक में कुछ वस्तुओं पर टैक्स की दर घटा सकती है। ज्यादातर ऐसी वस्तुओं पर दर में कटौती की जा सकती है
वित्त सचिव हसमुख अधिया ने आज कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करेगी और ऐसा चरणबद्ध तरीके से किया जा सकता है।
जीएसटी परिषद अपनी अगली बैठक में प्राकृतिक गैस को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के दायरे में लाने पर विचार कर सकती है। एक अधिकारी ने आज यह जानकारी दी।
जीएसटी परिषद (GST काउंसिल) ने केंद्र व राज्यों से कहा है कि वह अपीलीय प्राधिकरणों की स्थापना के काम में तेजी लाएं जहां अग्रिम विनिर्णय प्राधिकार (AAR) के फैसलों को चुनौती दी जा सके।
नागर विमानन मंत्रालय विमान ईंधन एटीएफ को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत लाने के लिए जीएसटी परिषद से संपर्क करेगा। नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा से मुलाकात के बाद एक एयरलाइन के वरिष्ठ अधिकारी ने आज यह संकेत दिया।
माल एवं सेवा कर (GST) परिषद से कोई राहत नहीं मिलने के बाद विमानन रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (MRO) उद्योग ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) से संपर्क करने का फैसला किया है। इस क्षेत्र पर कर की दर 18 प्रतिशत है। उद्योग इसमें कटौती की मांग कर रहा है। MRO एसोसिएशन आफ इंडिया ने आगाह किया है कि यदि इस विसंगति को दूर नहीं किया गया तो यह उद्योग बंद हो सकता है
माल एवं सेवा (जीएसटी) परिषद ने शुक्रवार को अपनी 27वीं बैठक में यह फैसला किया है कि रिटर्न प्रक्रिया को सरल बनाने और अनुपालन को बढ़ाने के लिए कारोबारियों के लिए एक सिंगल मंथली रिटर्न फॉर्म पेश किया जाएगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल की 27वें दौर की बैठक शुक्रवार को होने जा रही है। बैठक आम लोगों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की 27वीं बैठक शुक्रवार को आयोजित होगी। बैठक में अन्य बातों के अलावा सरलीकृत टैक्स रिटर्न फॉर्म पेश किए जाने पर प्रमुखता से विचार किया जाएगा।
अप्रैल में जीएसटी संग्रह का एक लाख करोड़ रुपए से अधिक होने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया है। उन्होंने कहा कि इससे आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने का संकेत मिलता है।
केंद्र सरकार के पास माल एवं सेवा कर (जीएसटी) उपकर मद में 31 मार्च तक 20,000 करोड़ रुपए का अधिशेष है। एक अधिकारी ने बताया कि इस राशि का इस्तेमाल राज्यों की क्षतिपूर्ति में किया जाएगा
एक देश एक कर की तर्ज पर एक जुलाई 2017 से लागू माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 7.41 लाख करोड़ रुपए जुटाए हैं। वित्त मंत्रालय ने आज इसकी जानकारी दी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की चार मई को एक महत्वपूर्ण बैठक होगी। बैठक में जीएसटी रिटर्न फॉर्म को सरल बनाने तथा अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था नियमों में जरूरी संशोधन समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
देश में टैक्स व्यवस्था का बड़ा बदलाव लागू हो गया है। राज्य के भीतर एक शहर से दूसरे शहर में माल भेजने के लिए अनिवार्य ई-वे बिल व्यवस्था आज गुजरात और केरल सहित पांच राज्यों में शुरू कर दी गई।
सरकार वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) को सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी में बदलने की तैयारी में है। जीएसटीएन इस नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था मे सूचना प्रौद्योगिकी ( आईटी ) ढांचे को देखती है।
लगातार बढ़ती पेट्रोल की कीमतों के बीच सरकार ने एक अहम बयान दिया है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि पेट्रोलियम पदार्थ भी जीएसटी के दायरे में आए।
पेट्रोल-डीजल: सोमवार को डीजल की कीमतें फिर से रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं, ऐसे में पेट्रोलियम मंत्री ने GST काउंसिल से अपील की है कि वह इन्हें GST के दायरे में रखें
माल एवं सेवा कर व्यवस्था के तहत कारोबारियों और ट्रक परिचालकों को एक अप्रैल से एक राज्य से दूसरे राज्य में 50 हजार रुपए से अधिक का माल लाने-लेजाने के लिए सबूत के तौर पर इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली से प्राप्त किया गया ई-वे बिल साथ में रखना होगा।
सरकार ने शनिवार को इलेक्ट्रॉनिक वे या ई-वे बिल को देशभर में लागू करने के लिए 1 अप्रैल 2018 की तारीख को अधिसूचित कर दिया है। एक अप्रैल से 50,000 रुपए से अधिक मूल्य के उत्पादों को राज्यों के बीच लाने-ले जाने के लिए ई-वे बिल अनिवार्य होगा।
शनिवार को आयोजित GST काउंसिल की बैठक GST रिटर्न के सरलीकरण को लेकर बेनतीजा रही। हालांकि, इस बैठक में दो मॉडल पर चर्चा तो की गई लेकिन अब निर्णय को GST काउंसिल की अगली बैठक के लिए टाल दिया गया है।
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