सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि जीएसटी काउंसिल परिषद अपनी अगली बैठक में घरों और दुकानों के किराए में 12 फीसदी तक की बढ़त करने वाले प्रस्ताव को पेश करने वाली है।
वित्त मंत्री ने बताया कि टेक्सटाइल पर जीएसटी दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को इस समय लागू करना सही नहीं है, क्योंकि कोरोना महामारी अभी भी जारी है।
एक अधिकारी ने बताया कि जीएसटी परिषद की 46वीं बैठक 30 दिसंबर को राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ होने वाली बजट-पूर्व बैठक का विस्तार होगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद ने गत 17 सितंबर को हुई बैठक में इन दो मंत्री समूहों का गठन करने का फैसला किया था।
वित्त मंत्री ने बैठक के बाद कहा कि ज़ोल्गेन्स्मा और विल्टेप्सो यह दोनों दवाएं बेहद जरूरी दवाएं है जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है। इसलिए परिषद ने इन 2 के लिए जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है।
देश में जीएसटी व्यवस्था एक जुलाई, 2017 से लागू हुई थी। जीएसटी में केंद्रीय कर मसलन उत्पाद शुल्क और राज्यों के शुल्क मसलन वैट को समाहित किया गया था।
अनुमान के मुताबिक फूड डिलीवरी एग्रीग्रेटर द्वारा पिछले दो सालों में तथाकथित अंडर-रिपोर्टिंग के कारण सरकार को 2000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है।
ई्रंधन पर एक समान कर लगाने से पेट्रोल-डीजल की कीमतों को नरम बनाने में मदद मिलेगी, जिनकी कीमत हाल ही में केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा उच्च कर लगाने की वजह से अपने सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गई हैं।
जीएसटी परिषद की इससे पिछली बैठक 12 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई थी। इसमें कोविड-19 से संबंधित सामग्री पर कर की दरों को 30 सितंबर तक के लिए घटाया गया था।
जीएसटी के तहत कर की चार दरें तय की गई हैं, जिसमें सबसे कम दर 5 प्रतिशत के तहत आवश्यक वस्तुओं को रखा गया है, जबकि सबसे उच्च कर दर 28 प्रतिशत की श्रेणी में कार जैसी विलासिता की वस्तुओं को रखा गया है।
आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी परिषद की बैठक में ये ऐलान किया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि जीएसटी परिषद की बैठक 12 जून को होगी और इस दौरान जीओएम की रिपोर्ट पर विचार किया जाएगा।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि व्यक्तिगत उपयोग के लिए मंगाए गए या उपहार स्वरूप प्राप्त ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर पर 12 प्रतिशत एकीकृत जीएसटी लगाना असंवैधानिक है।
इस बैठक में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ ही राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री तथा केंद्र व राज्य के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग लेंगे।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने बुधवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से जीएसटी परिषद की ‘ऑनलाइन’ बैठक बुलाने का आग्रह किया।
पिछले हफ्ते, सीतारमण ने कहा था कि क्रूड ऑयल, पेट्रोल, डीजल, जेट फ्यूल और नैचूरल गैस को गुड्स एंड सर्विस टैक्स के दायरे में लाने का अभी कोई प्रस्ताव नहीं है।
केंद्र ने पिछले सप्ताह विपक्ष शासित राज्यों की मांग को मानते हुए जीएसटी मुआवजे में कमी की भरपाई के लिए कर्ज लेने का फैसला लिया था।
वित्त मंत्रालय के एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लिए जाने वाले इस उधार से राजकोषीय घाटे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
बैठक में वित्त मंत्री ने साफ कहा कि केंद्र सरकार क्षतिपूर्ति की भरपाई के लिए कर्ज नहीं ले सकता, इसके लिए राज्यों को ही कर्ज उठाना होगा। उनके मुताबिक अगर केंद्र कर्ज उठाता है तो इससे कर्ज लागत काफी बढ़ जाएगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में सोमवार (5 अक्टूबर) को जीएसटी परिषद की 42वीं बैठक के बाद सीतारमण ने कहा कि आज रात 20,000 करोड़ रुपये का कंपनसेशन सेस राज्यों के बीच वितरित किया जाएगा।
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