वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली GST काउंसिल ने शनिवार को केंद्रीय GST (CGST) और इंटीग्रेटेड GST (IGST) विधेयकों को हरी झंडी दे दी है।
GST परिषद ने प्रस्ताव किया है कि मॉडल GST विधेयक में कर की अधिकतम दर, प्रस्तावित 14 प्रतिशत से बढ़ा कर 20 प्रतिशत तक रखने का प्रावधान किया जाना चाहिए।
अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद की बैठक शनिवार को आयोजि हुई। इसमें राज्यों को राजस्व क्षतिपूर्ति संबंधी कानून के मसौदे को मंजूरी दी गई।
GST के एक जुलाई से अमल में आने के बाद संभवत: सरकार अप्रत्यक्ष करों (Indirect Taxes) से अपनी प्राप्ति के अनुमान पर नए सिरे से विचार कर सकती है।
GSTपरिषद के हाल के फैसलों का विरोध करते हुए इनडायरेक्ट टैक्स अधिकारियों के विभिन्न संगठनों ने असहयोग आंदोलन शुरू करने का फैसला किया है।
GST काउंसिल की सोमवार यानी आज होने वाली बैठक में वित्त मंत्री केंद्र और राज्यों के बीच अधिकार क्षेत्र को लेकर बने गतिरोध को समाप्त करने का प्रयास करेंगे।
GST व्यवस्था में करदाता इकाइयों पर नियंत्रण के अधिकार के मुद्दे पर केंद्र व राज्यों के बीच आज कोई चर्चा नहीं हो सकी। आगामी बैठक अब 22-23 दिसंबर को होगी।
CBEC चेयरमैन ने कहा कि डेढ़ करोड़ रुपए से कम के कारोबार वाली इकाइयों पर केवल राज्यों का ही नियंत्रण हो इस तरह की मांग से केंद्र के अधिकार कम होंगे।
जीएसटी परिषद की बैठक बेनतीजा रही। जीएसटी के तहत विभिन्न कारोबारी इकाइयों पर नियंत्रण को लेकर केन्द्र और राज्यों के बीच सहमति नहीं बन सकी।
एसोचैम द्वारा GST काउंसिल को प्रस्तुत एक दस्तावेज में मांग की गई है कि इसेे लागू करने से पहले विभिन्न क्षेत्रों के कर ढांचे की विसंगतियां दूर की जानी चाहिए।
GST दरों पर फैसला अगले महीने के लिए टाल दिया गया है। हालांकि, केंद्र और राज्य लक्जरी और अहितकर उत्पादों पर उच्च टैक्स को लेकर सहमत हैं।
वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद ने वस्तुओं और सेवाओं की संभावित दरों पर विचार-विमर्श किया। इसमें जीएसटी के लिए चार स्तर की दरें रखने की संभावना भी शामिल है
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 18 अक्टूबर से तीन दिन की महत्वपूर्ण बैठक शुरू हो रही है। इसमें GST दर पर फैसला किया जाना है।
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