इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) विशाल सिक्का का मानना है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करना काफी झंझट वाला काम है और यह बड़ी चुनौती है।
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू होने के बाद देश में पारदर्शिता और टैक्स अनुपालन बढ़ेगा, जिससे कारोबार सुगमता बेहतर होगी।
वित्त मंत्रालय ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद सोमवार को GST काउंसिल के गठन के लिए अधिसूचना जारी कर दी है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को GST विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति ने जीएसटी विधेयक के लिए अपनी स्वीकृति दे दी है।
वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा की जीएसटी के लागू होने से लघु और मध्यम उद्योग (एसएमई) भी राष्ट्रीय मूल्य वर्धन श्रंखला की कड़ी बन जाएंगे।
एक अप्रैल को मुश्किल लक्ष्य करार देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सरकार के पास वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने के लिए समय कम है
GST लागू करने के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों से इसके अनुमोदन की संवैधानिक अनिवार्यता पूरी हो गयी है।
भारत के साथ व्यापार संबंधों में मजबूती से उत्साहित अमेरिका ने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 109 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।
सरकार संसद के शीतकालीन सत्र को तय समय से पखवाड़ा भर पहले ही बुला सकती है ताकि जीएसटी से जुड़े विभिन्न समर्थनकारी कानूनों को पारित करवाया जा सके।
जीएसटी को संसद तभी पारित कर सकती है जब कि जीएसटीएन को सुरक्षा संबंधी स्वीकृति मिल चुकी हो। वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) एक विशेष उद्देश्यीय इकाई है।
सरकार ने वस्तु एवं सेवाकर (GST) की शुरुआत ठीक ढंग से करने के लिए विभिन्न पक्षों की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) तैयारियों का अधिया ने जायजा लिया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) आर्थिक वृद्धि के प्रयासों को मजबूती देगा तथा अर्थव्यवस्था में भरोसा बढ़ाएगा।
संसद में GST संविधान संशोधन विधेयक पारित होने के बाद राज्यों को भी इस मामले में साथ लेने के लिए सरकार कड़ी मेहनत कर रही है।
राजन ने कहा जीएसटी को एक अप्रैल 2017 से अमल में लाना चुनौतीपूर्ण होगा। हालांकि इसके लागू होने से कारोबारियों का विश्वास और अंतत: निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
अमेरिका ने भारत में वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) संविधान संशोधन विधेयक के संसद में पारित होने का स्वागत किया है। इससे द्विपक्षीय व्यापार में मदद मिलेगी।
उद्योग जगत ने लोकसभा में GST विधेयक के पारित होने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे एक अप्रैल से अप्रत्यक्ष कर सुधार के लागू होने की संभावना बढ़ी है।
देश की टैक्स व्यवस्था में सबसे बड़ा बदलाव माने जा रहे जीएसटी बिल को आज लोकसभा से भी मंजूरी मिल गई। पिछले हफ्ते राज्य सभा ने बिल को मंजूरी दी थी।
भारतीय उद्योग का एक बड़ा वर्ग चाहता है कि जीएसटी दर को 20 फीसदी से कम रखा जाए। वहीं महत्वपूर्ण सेवाओं की सूची में रखा जाए तकि महंगाई न बढ़े।
वस्तु एवं सेवा कर (GST) के लागू होने पर लग्जरी कारें, एफएमसीजी उत्पाद, टिकाऊ उपभोक्ता उत्पाद, इलेक्ट्रॉनिक्स और सिलेसिलाए परिधान सस्ते होंगे।
जीएसटी से सभी तरह और आकार के उद्योगों को फायदा होगा, स्टार्टअप्स भी अपने लिए आगे अच्छा समय आने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
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