फर्जी पंजीकरण के खिलाफ पहला अभियान 16 मई से 15 जुलाई, 2023 के बीच चलाया गया था। इसमें जीएसटी पंजीकरण वाली कुल 21,791 ऐसी इकाइयां पाई गईं थीं जो अस्तित्व में नहीं थीं।
विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर सबसे अधिक 28 प्रतिशत स्लैब के ऊपर उपकर लगता है।
जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार कर चोरी के लगभग 46 प्रतिशत मामले कर का भुगतान न करने (गुप्त आपूर्ति और कम मूल्यांकन के जरिये) से संबंधित हैं।
जीएसटी नेटवर्क ने माल एवं सेवा कर (GST) भुगतानकर्ताओं को जारी किए गए परामर्श में कहा कि करदाताओं को पोर्टल के माध्यम से अपने आपूर्तिकर्ताओं के साथ बिलों में सुधार/ संशोधनों के कुशल प्रबंधन के लिए आईएमएस नाम की नई संचार सुविधा शुरू की जा रही है।
सीबीआईसी ने आगे कहा कि किसी सूचीबद्ध कंपनी या पीएसयू के संबंध में जांच शुरू करने या उनसे विवरण मांगने के लिए सीजीएसटी अधिकारियों को इकाई के नामित अधिकारी को समन भेजने के बजाय आधिकारिक पत्र जारी करना चाहिए।
GSTN की ओर से व्यापारियों को दिए गए परामर्श में कहा गया है कि पंजीकरण के 30 दिन के अंदर अपना बैंक खाते की जानकारी दें। ऐसा नहीं करने पर पंजीकरण रद्द हो सकता है।
इनमें से सबसे अधिक 926 कंपनियां महाराष्ट्र में, इसके बाद राजस्थान में 507, दिल्ली में 483 और हरियाणा में ऐसी 424 कंपनियों का पता चला। मंत्रालय के अनुसार, इन मामलों में 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से 31 गिरफ्तारियां केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों द्वारा की गईं।
इस साल नवंबर का संग्रह हालांकि अक्टूबर में जुटाए गए 1.72 लाख करोड़ रुपये से कम है, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद से यह दूसरा सबसे बड़ा संग्रह है।
वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि सितंबर, 2023 में जीएसटी संग्रह पिछले साल के इसी महीने के 1.47 लाख करोड़ रुपये से 10 प्रतिशत अधिक रहा। बयान में कहा गया, ‘‘समीक्षाधीन महीने के दौरान घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व सालाना आधार पर 14 प्रतिशत अधिक रहा।
लोकसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी की तरफ दिए गए आंकड़ों के अनुसार, केंद्रीय जीएसटी प्राधिकारणों की तरफ से की गई कर मांग के खिलाफ दायर अपील की संख्या जून के अंत तक बढ़कर 14,227 हो गई। वहीं यह मार्च 2021 में 5,499 थी।
एक व्यक्ति एक महीने में अधिकतम 25 बिल ‘अपलोड’ कर सकता है, जिसका न्यूनतम मूल्य 200 रुपये होना चाहिए।
चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में 14,302 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी के 2,784 मामले पकड़े गए, जबकि इस अवधि के दौरान 5,716 करोड़ रुपये की कर वसूली की गई।
One nation One Tax: अलग-अलग तरह के टैक्स से आम जनता को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने देश में जीएसटी को लागू किया था। धीरे-धीरे इस निर्णय को भी 6 साल हो चुके हैं।
देश में टैक्स व्यवस्था का बड़ा बदलाव लागू हो गया है। राज्य के भीतर एक शहर से दूसरे शहर में माल भेजने के लिए अनिवार्य ई-वे बिल व्यवस्था आज गुजरात और केरल सहित पांच राज्यों में शुरू कर दी गई।
माल एवं सेवा कर( जीएसटी) के क्रियान्वयन के नौ महीने के भीतर ही राजस्व प्राधिकरणों ने काला बाजारी एवं आयात के निम्न कीमत निर्धारण के जरिये कर चोरी का पता लगाया है।
सेकेंड हैंड सामान खरीदने या बेचने पर वस्तु एवं सेवा कर (GST) नहीं चुकाना होगा, बशर्ते उसे खरीदी गई कीमत से कम कीमत पर बेचा गया हो।
उपभोक्ताओं को जून में उपभोग की गई क्रेडिट कार्ड, टेलीफोन या अन्य सर्विस के बिल भुगतान पर GST देना होगा। यदि जुलाई में इन सेवाओं का इन्वॉइस बनाया जाता है।
आज रात 12 बजे से देश में गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (GST) लागू हो जाएगा। बहुत सी वस्तुओं और सेवाओं के दाम बदलने से हर भारतीय पर इसका असर पड़ेगा।
30 जून की आधी रात को ससंद का स्पेशल सेशन बुलाकर ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में इसको मंजूरी दी जाएगी। GST की लॉन्चिंग के कार्यक्रम में कई मशहूर हस्ती मौजूद रहेंगी।
सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि करदाताओं को हर महीने केवल एक ही बार GST रिटर्न फाइल करने की जरूरत है, जैसा कि वे इन दिनों कर रहे हैं।
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