रिजर्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया है। वहीं आईएमएफ ने 10.3 फीसदी और वर्ल्ड बैंक ने 9.6 फीसदी की गिरावट का अनुमान दिया है। हालांकि लगभग सभी अनुमानों में अगले साल तेज रिकवरी की भी बात कही गई है।
दूसरे दौर की राहत में सरकारी कर्मचारियों को अवकाश यात्रा रियायत यानि एलटीसी के एवज में नकद वाउचर योजना और त्योहारों के लिए विशेष अग्रिम (फेस्टिवल एडवांस) देने का ऐलान किया गया है। इसके अलावा सरकार ने राज्यों को 12,000 करोड़ रुपये का ब्याजमुक्त कर्ज तथा 25,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त पूंजीगत खर्च करने की घोषणा की है।
अनुमानों के मुताबिक अगले वित्त वर्ष अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी देखने को मिलेगी। एजेंसी के मुताबिक तीसरी तिमाही से रिकवरी शुरू होगी और 2021-22 में अर्थव्यवस्था में बेस इफेक्ट की वजह से तेज बढ़त देखने को मिल सकती है।
मार्च से जून के दौरान एग्री कमोडिटी का एक्सपोर्ट 23 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुका है। जिसकी कीमत 25,500 करोड़ रुपये से ज्यादा है। वहीं खरीफ फसल की बुवाई का क्षेत्रफल पिछले साल के मुकाबले बढ़ने से इस साल बंपर उत्पादन होने की उम्मीद
भारतीय अर्थव्यवस्था में कोरोना की वजह अब तक की सबसे तेज तिमाही गिरावट देखने को मिली है। आज जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक जून में खत्म हुई तिमाही के दौरान जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। इसी तिमाही के दौरान कारोबारी गतिविधियों पर कोरोना संकट का सबसे गहरा असर देखने को मिला था, जिसका असर आंकड़ों के रूप में अब सबके सामने है।
विश्वबैंक का अनुमान है कि भारत का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 6.6% संभव
2021 में अर्थव्यवस्था के 6.9 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज करने का अनुमान
बागवानी फसलों को लॉकडाउन की वजह से नुकसान की आशंका
IMF ने 2020-21 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान दिया है
एजेंसी के मुताबिक पहले से जारी नरमी के बीच कोरोना संकट से अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगा
नीति अयोग का चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3 प्रतिशत रहने का अनुमान
एजेंसी ने सरकारी समर्थन में जबर्दस्त वृद्धि करने की सलाह दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक अगर लॉकडाउन 15 मई के बाद भी जारी रहता है तो ग्रोथ निगेटिव हो सकती है
सबसे खराब स्थिति में देश की अर्थव्यवस्था के आकार में 0.9 % की गिरावट का अनुमान
रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में आई मंदी का भारत पर भी बुरा असर पड़ेगा
फिच ने दुनिया भर की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान घटाकर 1.3 फीसदी किया
जीडीपी के साथ कोर सेक्टर में भी ग्रोथ देखने को मिली है
अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस का असर पड़ने की भी आशंका
सरकार अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए और राहत पैकेज का ऐलान कर सकती है
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने कहा है कि कर्ज के बढ़ते स्तर को देखते हुए भारत को मध्यम अवधि में राजकोषीय स्थिति सही करने की रणनीति अपनाने तथा अधिक महत्वाकांक्षी रणनीतिक एवं वित्तीय सुधारों पर अमल करने की तत्काल जरूरत है।
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