विश्वबैंक के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ रेट 7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। पहले यह अनुमान 7.6 फीसदी का था।
देश में नोटबंदी के बीच दिसंबर 2016 में वाहन-बिक्री 18.66 प्रतिशत घट गई। पिछले 16 साल में वाहनों की बिक्री में यह सबसे बड़ी मासिक गिरावट है।
भारत की GDP ग्रोथ वित्त वर्ष 2016-17 में पिछले तीन साल के सबसे निम्न स्तर पर आ सकती है। अर्थव्यवस्था की रफ्तार वित्त वर्ष 2016-17 में 7.1 फीसदी रहेगी।
देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में घटकर पांच प्रतिशत पर आ जाएगी। HSBC की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
देश में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल से अक्टूबर की अवधि में 27.82 अरब डॉलर का FDI आया। यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 21.87 अरब डॉलर से 27% अधिक है।
भारत की वृद्धि दर आने वाले वर्ष में 7.1 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रहेगी और 2018 में तीव्र गति से बढ़कर 7.7 प्रतिशत रहेगी। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
म्यूचुअल फंड उद्योग 2016 में काफी तेज रफ्तार से बढ़ा। साल के दौरान परिसंपत्तियों में लगभग चार लाख करोड़ रुपए का इजाफा हुआ।
बेहतरीन मौसम तथा इसके साथ ही स्कूलों में छुट्टियों की वजह से सर्दी के मौसम में इस साल पर्यटन में उल्लेखनीय इजाफा देखने को मिल रहा है।
केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू ने कहा कि घरेलू विमानन क्षेत्र तेजी की राह पर है और बीते कई वर्षों में इसने विशेष वृद्धि दर्ज की है।
निर्यात में लगातार तीसरे महीने बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रहा। नवंबर में निर्यात पिछले साल के समान महीने से 2.29 प्रतिशत बढ़कर 20 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
भारतीय रिजर्व बैंक 2017 में नीतिगत दरों में 25 से 50 आधार अंकों की कटौती कर सकता है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई दर आगे भी नियंत्रित बनी रहेगी।
DBS ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक ग्रोथ को सपोर्ट देने और अनुकूल महंगाई दर का फायदा उठाने के लिए दिसंबर में ही दरों में कटौती जैसा कदम उठा सकता है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या के मुताबिक नोटबंदी के कदम से देश में आर्थिक गतिविधियां व वृद्धि दर प्रभावित होगी, क्योंकि प्रणाली में नकदी की कमी है।
फिच ने कहा कि नोटबंदी का लघु अवधि में भारत की वृद्धि दर पर नकारात्मक असर होगा, पर पूरे वित्त वर्ष में इसकी वजह से जीडीपी में मामूली कमी ही आएगी।
देश का मोबाइल वॉलेट बाजार सालाना 141 प्रतिशत की दर से बढ़कर 2021-22 तक 30,000 करोड़ रुपए पर पहुंच जाएगा। एक अध्ययन में यह अनुमान लगाया गया है।
नोटबंदी का आर्थिक गतिविधियों पर फौरी असर होने के बीच क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने GDP ग्रोथ रेट संबंधी अपना अनुमान 0.40% घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है।
सिंगापुर की ब्रोकरेज कंपनी DBS ने कहा कि नोटबंदी के कारण वृद्धि दर के नीचे जाने का बड़ा जोखिम है। कंपनी का अनुमान है कि GDP में 0.80% तक की कमी आ सकती है।
केयर रेटिंग्स ने कहा है कि 500 और 1,000 रुपए के नोट को बंद करने से चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर 0.3 से 0.5 प्रतिशत तक घटेगी।
देश का निर्यात लगातार सुधर रहा है। लगातार दूसरे महीने अक्टूबर में एक्सपोर्ट 9.59 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ 23.51 अरब डॉलर रहा।
चालू वित्त्त वर्ष की दूसरी छमाही में रोजमर्रा के काम आने वाले उपभोग के सामान (FMCG ) की खपत दूसरी छमाही में बेहतर रहने की उम्मीद की जा रही है।
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