जीएसटी और नोटबंदी जैसे कदमों से अर्थव्यवस्था को लगे झटके को देखते हुये चालू वित्त वर्ष के जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाने से इनकार करते हुये कहा कि अर्थव्यवस्था को इस स्थिति से पूरी तरह उबरने और उच्च वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ने के लिये दो साल के समय
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने कहा है कि वह जनवरी में भारत के लिए अपने विकास दर अनुमान को संशोधित करेगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि 10 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करना चुनौतीपूर्ण है और यह इस पर निर्भर है कि दुनिया कैसे आगे बढ़ रही है।
मूडीज ने सोमवार को कहा कि GDP की वृद्धि दर 7.6% रहने की स्थिति में अगले एक से डेढ़ साल में कंपनियों का कर पूर्व लाभ 5 से 6 प्रतिशत तक बढ़ने की संभावना है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घरेलू अर्थव्यवस्था की बुनियादी हालात मजबूत बताते हुए कहा कि आर्थिक वृद्धि की गति को तेज बनाए रखने के उपाय किए जा रहे हैं।
औद्योगिक मंडल फिक्की के अध्यक्ष पंकज पटेल ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि ये उद्योग जगत के अनुकूल नहीं हैं।
नोटबंदी और GST की वजह से उत्पन्न समस्याओं के चलते IMF ने अपनी विश्व आर्थिक रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्धि 2017 में 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि GDP ग्रोथ रेट में पहली तिमाही में आई गिरावट अस्थाई है और दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन सुधरेगा।
चालू वित्त वर्ष 2017-18 की अप्रैल-जून तिमाही में आर्थिक वृद्धि में उल्लेखनीय गिरावट के बाद फिच रेटिंग्स ने यह अनुमान घटाया है।
मॉर्गन स्टेनली के एक शोध नोट के अनुसार, भारत की वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि का रुख लगातार आगे बढ़ने वाला रहा है।
अगले 10 सालों में भारत की अर्थव्यवस्था 6 खरब डॉलर (करीब 393 खरब रुपए) होने की उम्मीद है, जो कि दुनिया की तीसरे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगी।
चालू वित्त वर्ष के लिए एशियाई विकास बैंक (ADB) ने भारत की ग्रोथ रेट 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। पहले उसने यह आंकड़ा 7.4 फीसदी का दिया था।
विश्व बैंक के भारत प्रमुख जुनैद अहमद ने GST को संरचनात्मक बदलाव करार दिया। उन्होंने कहा कि इससे 8 प्रतिशत से अधिक की ग्रोथ रेट की संभावना मजबूत हुई है।
जापान की वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी नोमूरा ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की GDP ग्रोथ रेट 7.1 फीसदी रहने का अनुमान है।
विनिर्माण क्षेत्र में नये आर्डर मिलने, उत्पादन और रोजगार गतिविधियां बढ़ने से अगस्त में उछाल दर्ज किया गया। पीएमआई आंकड़ों में यह बात सामने आई है।
विश्वबैंक ने एक रिपोर्ट में यह कहा है कि नोटबंदी से भारत को राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसका कारण यह है कि इससे अधिक से अधिक लोग कर के दायरे में आएंगे।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चौथी तिमाही में GDP की ग्रोथ रेट में गिरावट के पीछे नोटबंदी का प्रभाव होने की बात को नकारते हुए कहा कि इसके कई अन्य कारण भी हैं।
विश्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। 2019-20 में इसके बढ़कर 7.7% हो जाने की संभावना है।
SBI रिसर्च की इकोरैप रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे तेल की कम कीमतें और अन्य सकारात्मक वृहद बुनियाद से देश की वृद्धि दर बढ़ सकती है।
संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर इस साल 7.1 प्रतिशत तथा अगले वर्ष यानी 2018 में 7.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
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