छतों पर लगने वाली सौर परियोजनाओं की गति अच्छी नहीं होने से सरकार के लिए छतों के ऊपर लगी परियोजनाओं के जरिए 2022 तक 40,000 मेगावाट सौर बिजली उत्पादन की क्षमता सृजित करने का लक्ष्य हासिल करना कठिन हो सकता है।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च की तिमाही में 7.7 प्रतिशत रही जो एक साल पहले इसी तिमाही में 6.1 प्रतिशत थी। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से साबित होता है कि भारत विश्व की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। आपको बता दें कि मार्च में समाप्त हुई तिमाही में चीन की ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी थी। वर्ष 2017-18 में आर्थिक वृद्धि दर धीमी पड़कर 6.7 प्रतिशत रही।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने विभिन्न क्षेत्र की कंपनियों की बिक्री और आर्डरों में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिल रहा है जो इस बात का संकेत है कि अर्थव्यवस्था की स्थिति सुधर रही है और निवेश रफ्तार पकड़ रहा है।
उद्योग एवं कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 7.5 प्रतिशत रह सकती है। जीडीपी वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष में 6.6 प्रतिशत थी।
बाबा रामदेव के नेतृत्व वाली कंपनी पतंजलि को पिछले वित्त वर्ष में माल एवं सेवाकर (GST) लागू होने से कारोबार में झटका लगा है। पिछले कुछ सालों के दौरान साल-दर-साल तीव्र वृद्धि दर्ज करने वाली पतंजलि को पिछले वित्त वर्ष में मामूली वृद्धि होने का अनुमान है। कंपनी के एक अधिकारी ने यह बात कही
भारत की अर्थव्यवस्था नोटबंदी तथा जीएसटी के क्रियान्वयन से उबर गयी है और इसकी वृद्धि चालू वित्त वर्ष 2018-19 में 7.4 प्रतिशत तथा आगे और बढ़ कर 7.8 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की रपट के अनुसार एशिया इस समय दुनिया की अर्थव्यवस्था का मुख्य इंजन बना हुआ है और वैश्विक आर्थिक वृद्धि में इस क्षेत्र का योगदान 60 प्रतिशत से अधिक है।
नई वस्तु एवं सेवा कर (GST) व्यवस्था और बैंकों की कर्ज वसूली की समस्या से देश की आर्थिक वृद्धि में 2017 में गिरावट आई लेकिन इसमें धीरे-धीरे सुधार की उम्मीद है और 2018 में वृद्धि दर के बढ़कर 7.2 प्रतिशत रहने की संभावना है।
एशियाई विकास बैंक (ADB) के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयूकी सवादा ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की 7% से अधिक अनुमानित आर्थिक वृद्धि दर आश्चर्यजनक रूप से काफी तेज है और अगर यह गति बनी रहती है तो अर्थव्यवस्था का आकार एक दशक के भीतर ही दोगुना हो जाएगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था वृद्धि के रास्ते पर आगे बढ़ रही है और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि की दर 7.5 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान है। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता फर्म डॉयचे बैंक ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही।
सरकारी थिंकटैंक नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार का कहना है कि चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 7.5% तक पहुंच सकती है। इसकी प्रमुख वजह निवेश चक्र में सुधार और उद्योगों की पूरी क्षमता का इस्तेमाल होना है।
वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की स्वायत्त वित्तीय साख का दर्जा स्थिर परिदृश्य के साथ बीबीबी- श्रेणी में बरकार रखा है। रेटिंग का यह स्तर बताता है कि फिच की निगाह में भारत सरकार के ऋण-पत्र पूंजी लगाने लायक तो हैं पर यह निवेश की न्यूनतम श्रेणी के हैं।
भारतीय अर्थव्यवस्था में चक्रीय सुधार दिखने की उम्मीद है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि निवेश और उपभोग में सुधार से इस साल की पहली छमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की औसत वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहेगी।
दबाव और जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के बीच एयरटेल पिछले एक साल के दौरान 3 करोड़ से अधिक ग्राहक जोड़ने में सफल रही है। मार्च 2017 में एयरटेल के ग्राहकों की संख्या 27.36 करोड़ थी जो मार्च 2018 तक बढ़करकर 30.41 करोड़ हो गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने वित्त वर्ष 2017-18 में मजबूत प्रदर्शन किया और चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि और तेज होने की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) का अनुमान है कि 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत रहेगी, जो 2019 में बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो जाएगी। वहीं इन दो वर्षों के दौरान चीन की सकल घरेलू उत्पाद (GDP जीडीपी ) की वृद्धि दर क्रमश : 6.6 और 6.4 प्रतिशत रहेगी।
एक प्रमुख ऋण सूचना फर्म के अनुसार बीते साल देश में दुपहिया वाहन ऋण में गैर- बैंकिंग वित्तीय संस्थानों की अगुवाई में 32 प्रतिशत की प्रभावी बढोतरी दर्ज की गई। इस दौरान कर्जदारों द्वारा समय पर कर्ज नहीं लौटाने के सबसे अधिक मामले गुजरात में देखने को मिले।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष 2018-19 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर बढ़कर 7.4 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2017-18 में इसके 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस ने वर्ष 2018 में भारत की वृद्धि दर 7.6% रहने का अनुमान जताया है। वर्ष 2019 के लिए उसका आकलन 7.5% वृद्धि रहने का है। इसकी वजह जीएसटी और नोटबंदी से प्रभावित हुई अर्थव्यवस्था में सुधार होना है।
देश में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या इस साल जून तक 50 करोड़ को पार कर जाएगी। एक रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई गई है।
क्रिसिल की रिपोर्ट में तीन साल में ऑनलाइन खुदरा बाजार के आकार का जिक्र किए बिना कहा गया कि इस दौरान इसका आकार अभी की तुलना में 250 प्रतिशत बढ़ जाएगा।
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