तेजी से उभरते भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग में 2017 में 211 करोड़ डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण के सौदे हए। इसके अलावा भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा विलय सौदा - फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट जल्द पूरा होने की उम्मीद है।
देश के कॉरपोरेट जगत ने मार्च में डेढ़ अरब डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण सौदे करने की घोषणा की है। इस प्रकार 2018 की पहली तिमाही में ऐसे सौदों का कुल मूल्य 18.53 अरब डॉलर हो गया है।
वैश्विक स्तर पर भारतीय कंपनियां अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर 85 फीसदी से अधिक आशान्वित हैं। एक सर्वे में यह निष्कर्ष निकाला गया है।
भारतीय कंपनियों के विलय एवं अधिग्रहण सौदे मार्च में 4 गुना बढ़कर 27.82 अरब डॉलर पर पहुंच गए। इसमें वोडाफोन-आइडिया का विलय सौदा भी शामिल है।
वर्ष की शुरुआत कंपनियों में विलय-अधिग्रहण के मामले में काफी मजबूती के साथ हुई है। जनवरी माह में विलय एवं अधिग्रहण से जुड़े करीब 2.3 अरब डॉलर के सौदे हुए
देश में जुलाई के दौरान कुल 4 अरब डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण सौदों की घोषणा हुई। वहीं पूरे साल में सौदों का आंकड़ा अब तक 19.87 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
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