बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशों में कमजोर रुख के बावजूद स्थानीय आभूषण कारोबारियों की सतत लिवाली समर्थन से मुख्यत: सोने की कीमतों में तेजी आई।
बाजार सूत्रों ने सोने की कीमतों में तेजी आने का श्रेय घरेलू हाजिर बाजार की मांग में आई तेजी को दिया।
कमजोर वैश्विक रुख के साथ मुनाफावसूली के लिए प्रतिभागियों के सौदे घटाने से बुधवार को वायदा कारोबार में सोना 114 रुपये गिरकर 37,890 रुपये प्रति दस ग्राम पर आ गया, जबकि वायदा कारोबार में चांदी 307 रुपये गिरकर 43,634 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई।
बाजार सूत्रों ने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख के बावजूद स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की मांग बढ़ने के कारण घरेलू हाजिर बाजार में इस बहुमूल्य धातु सोने की कीमतों में उछाल आया।
सर्राफा कारोबारियों ने कहा कि कमजोर वैश्विक रुख के साथ स्थानीय आभूषण निर्माताओं की घटी मांग की वजह से सोने की कीमतों में गिरावट आई है।
आभूषण कारोबारियों की ताजा लिवाली से स्थानीय सर्राफा बाजार में शुक्रवार को सोने का भाव 475 रुपये की तेजी के साथ 38,420 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाला विशेष आहरण अधिकार इस दौरान 67 लाख डॉलर बढ़कर 1.441 अरब डॉलर हो गया।
आर्थिक वृद्धि तथा मुद्रास्फीति के मोर्चों पर सकारात्मक उपलब्धियों के बावजूद भारत के समक्ष कमजोर निवेश, नीतिगत फैसलों का लाभ लक्ष्य तक पहुंचने में सुस्ती तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का कम संग्रह समेत कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
आर्थिक वृद्धि तथा मुद्रास्फीति के मोर्चों पर सकारात्मक उपलब्धियों के बावजूद भारत के समक्ष कमजोर निवेश, नीतिगत फैसलों का लाभ लक्ष्य तक पहुंचने में सुस्ती तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का कम संग्रह समेत कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच पीली धातु यानी सोने की चमक इस महीने कुछ ज्यादा ही बढ़ गई है, क्योंकि निवेशकों के लिए यह सुरक्षित और पसंदीदा निवेश का सबसे बेहतर विकल्प बन गया है। ऐसे में त्योहारी सीजन में भारत में सोना 40,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चला जाए तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।
विदेशों में सोने की कीमतों में तेजी के बावजूद स्थानीय स्तर पर आभूषण विक्रेताओं की सुस्त मांग के कारण यह गिरावट आई है।
अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं उठाव बढ़ने के अलावा मजबूत वैश्विक रुख के चलते प्रमुख तौर पर चांदी की कीमतों में तेजी आई है।
विश्लेषकों के मुताबिक, सोने की कीमतों में उछाल का मुख्य कारण सकारात्मक वैश्विक रुख के साथ स्थानीय मांग में वृद्धि होना है।
गिरावट का कारण विदेशी बाजारों में इसकी कीमत 1,500 डॉलर प्रति औंस के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर मजबूत होने के बावजूद स्थानीय सर्राफा व्यापारियां की मांग में कमी आना था।
बाजार विश्लेषकों ने कहा कि छह वर्षों में पहली बार बुधवार को सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमत 1,500 डॉलर प्रति औंस के स्तर को लांघ गई।
दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत बुधवार को 1,113 रुपये की तेजी के साथ 37,920 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वोच्च स्तर को छू गया। अमेरिका और चीन के बीच ताजा व्यापार तनाव के बढ़ने से निवेशकों ने सुरक्षित निवेश के विकल्प के बतौर सर्राफा की ओर रुख किया जिससे विदेशी बाजारों में तेजी का रुख रहा।
घरेलू बाजार में मजबूत रुख के बीच सटोरियों के सौदे बढ़ाने से बुधवार को वायदा कारोबार में सोना 243 रुपये मजबूत होकर 37,740 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया।
कारोबारियों ने कहा कि कमजोर वैश्विक प्रवृत्ति के बीच स्थानीय जौहरियों की कमजोर मांग से सोने के भाव पर असर पड़ा।
ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के उपाध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने कहा कि घरेलू बाजार में 36,970 रुपए प्रति दस ग्राम का भाव अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है।
कारोबारियों के मुताबिक कमजोर वैश्विक रुख और घरेलू बाजार में सुस्त लिवाली से कीमती धातुओं में गिरावट का रुख रहा।
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