चांदी की कीमतों में लगातार तीसरे दिन भी गिरावट जारी रही। इंडस्ट्रियल यूनिट्स और कॉइन मेकर्स की कमजोर मांग के कारण चांदी की कीमतों में देखने को मिली।
विदेशों में कमजोरी के रुख के बीच मौजूदा स्तर पर कमजोर मांग से मंगलवार को सोना 230 रुपए घटकर 30,000 रुपए से नीचे 29,820 रुपए प्रति 10 ग्राम रह गया।
सरकार ने कहा कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) में ट्रेडिंग इस माह के अंत तक शुरू होगी और योजना की चौथा चरण उसके बाद शुरू किया जाएगा।
घरेलू बाजार में Gold ज्वेलरी की छिटपुट डिमांड के साथ विदेशों बाजारों से आए मजबूती के संकेतों के चलते दोनों बहुमूल्य धातुओं की कीमत में तेजी का रुख रहा।
सोने का इंपोर्ट अप्रैल में 60.4 फीसदी घटकर 1.23 अरब डॉलर रहा। यह लगातार तीसरा महीना है, जब सोने का इंपोर्ट घटा है।
ईटीएफ में जोरदार निवेश और अनिश्चित वित्तीय स्थिति के मद्देनजर सोने की मांग इस साल पहली तिमाही के दौरान 21 फीसदी बढ़कर 1,290 टन हो गई।
सोने की कीमत ज्यादा होने के कारण अक्षय तृतीया पर चमक फीकी रही। ज्वैलर्स ने कहा कि बिक्री पिछले साल के मुकाबले 20 से 30 फीसदी कम है।
अक्षय तृतीया के मौके पर गोल्ड की कीमतें 2 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। इसके कारण ज्वैलर्स को बिक्री घटने का डर सता रहा है।
आभूषण निर्माताओं की हड़ताल तथा वैश्विक कीमत समरूपता के अभाव में वित्त वर्ष 2015-16 में सोने का आयात करीब 10 फीसदी घटकर 950 टन रहा।
अक्षय तृतीया त्योहार के मौके पर सोने और चांदी का शोधन कारोबार करने वाली कंपनी एमएमटीसी पैंप ने तोला नाम से सोने का नया सिक्का पेश किया है।
अक्षय तृतीया से ठीक पहले सोने की कीमत ने खरीदारों के साथ जौहरियों की चिंता बढ़ा दी है। फिलहाल सोना 30,050 रुपए प्रति 10 ग्राम पर चल रहा है।
देश में सोने का आयात अप्रैल माह में 67.33 फीसदी घटकर 19.6 टन रह गया। आयात में आई इस भारी गिरावट के पीछे आभूषण विक्रेताओं की हड़ताल मुख्य वजह है।
विदेशों में मजबूत रख के बावजूद आभूषण निर्माताओं की मौजूदा स्तर पर मांग कमजोर पड़ने से सोने में चार दिन की तेजी पर विराम लग गया।
शुक्रवार को लगातार तीसरे दिन सोने की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोना करीब दो साल बाद 30,000 रुपए के पार पहुंच गया।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम अपना पूरा 7.5 टन सोना गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत जमा कर सकता है।
वैश्विक स्तर पर कीमतों में गिरावट से सोने का आयात 2015-16 में करीब आठ फीसदी गिरकर 31.72 अरब डॉलर रह गया। इससे देश के कैड पर नियंत्रण में मदद मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों से कमजोर संकेत और आभूषण निर्माताओं की ओर से कमजोर मांग के चलते सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है।
एक्साइज ड्यूटी से नाराज ज्वैलर्स को सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स को ड्यूटी फ्री सोना मुहैया करा सकती है।
बाजार में तेजी का फायदा उठाने के लिए करीब 27 SME ने इस वर्ष IPO के लिए आवेदन किया है ताकि वह बाजार से 220 करोड़ रुपए जुटा सकें।
तिरुपति बालाजी मंदिर प्रबंधन ने कहा है कि उसने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत उसने एक सरकारी बैंक में 1,311 किलोग्राम सोना जमा किया है।
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