अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोने की कीमत डॉलर में होती है, इसलिए अमेरिकी मुद्रा में उछाल से दूसरी मुद्राओं में बुलियन महंगा हो जाता है। पूरी दुनिया में निवेशकों का ध्यान अब 9 अक्टूबर को यूएस फेड की आखिरी मीटिंग के नतीजों पर है।
भारत में त्योहारों का सीजन आते ही सोने की डिमांड बढ़ जाती है। देश में सोना खरीदना निवेश का एक सुरक्षित तरीका भी माना जाता है।
सोने का भाव फेस्टिवल सीजन में तेज डिमांड के चलते बढ़त बनाए रख सकता है। इंटरनेशनल मार्केट में सोने की कीमत पर भू-राजनितिक तनाव का असर आने वाले समय में देखने को मिल सकता है।
सोमवार को सोना 78,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। हालांकि, स्थानीय बाजारों में मंगलवार को चांदी 92,500 रुपये प्रति किलोग्राम पर अपरिवर्तित बनी रही।
एमसीएक्स पर सोने की कीमतें अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई हैं, पहली बार ₹75,000 से ऊपर पहुंच गई हैं, अकेले सितंबर में 4.74% की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक-जिंस सौमिल गांधी ने कहा, ‘मंगलवार को सोना नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया, क्योंकि कई अमेरिकी फेडरल रिजर्व सदस्यों ने ब्याज दरों में और अधिक कटौती के लिए दरवाजा खुला रखा है।’
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) के वायदा कारोबार में अक्टूबर डिलिवरी वाले सोने के अनुबंध का भाव 184 रुपये या 0.25 प्रतिशत बढ़कर 74,224 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया।
दिसंबर डिलिवरी वाले चांदी अनुबंध की कीमत बुधवार को 116 रुपये या 0.13 प्रतिशत की गिरावट के साथ 89,024 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई। पिछले सत्र में मंगलवार को चांदी 89,140 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी।
सोने की कीमत डॉलर में होती है, इसलिए अमेरिकी मुद्रा में कमजोरी इसे बाकी मुद्राओं में सस्ता बनाती है, जिससे इसकी मांग बढ़ जाती है।
व्यापारियों ने बताया कि घरेलू मांग में वृद्धि के कारण सोने की कीमतों में तेजी देखी गई। हालांकि, विदेशों में कमजोरी के रुख ने बढ़त को सीमित कर दिया। विदेशी बाजारों में कॉमेक्स सोना 2,532.10 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था।
घरेलू स्तर पर, व्यापारियों ने सोने की कीमतों में गिरावट का कारण विदेशों में कमजोर रुख के बीच स्थानीय आभूषण विक्रेताओं की सुस्त मांग को बताया।
कोटक सिक्योरिटीज के एवीपी-जिंस शोध कायनात चैनवाला के अनुसार, अमेरिकी आर्थिक आंकड़े जारी होने से पहले डॉलर में मजबूती, मुनाफावसूली और समायोजन के कारण कॉमेक्स सोने में गिरावट आई।
कमजोर हाजिर मांग के बीच सटोरियों ने अपने सौदों के आकार को घटाया जिससे वायदा कारोबार में मंगलवार को सोने की कीमत 111 रुपये की गिरावट के साथ 71,490 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गयी।
चैनवाला ने कहा कि इसके अलावा मजबूत उपभोक्ता खर्च, मुद्रास्फीति में कमी और अमेरिका में बेहतर जीडीपी वृद्धि ने फेडरल रिजर्व द्वारा अधिक आक्रामक ढील की उम्मीदों को कम कर दिया है। एशियाई कारोबारी घंटों में, चांदी की कीमतें 0.52 प्रतिशत गिरकर 28.99 डॉलर प्रति औंस रह गईं।
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट के अनुसार, 27 अगस्त को सोने का भाव 71,762 रुपये प्रति 10 ग्राम और चांदी कीमत 85,962 रुपये थी।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल के भाषण से पहले बुलियन बाजार के व्यापारी सतर्क दिख रहे हैं। चांदी बुधवार को 87,000 रुपये प्रति किलोग्राम की कीमत पर बंद हुई थी।
सोमवार को जब बाजार खुलेगा तो सोने और चांदी की कीमत में तेजी देखने को मिल सकती है। त्योहारी सीजन शुरू होने के साथ ही मांग बढ़ेगी। इससे दोनों कीमती धातु के दाम बढ़ सकते हैं।
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का सोने का आयात 30 फीसदी बढ़कर 45.54 अरब डॉलर हो गया। स्विटजरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है।
कमोडिटी बाजार के विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले महीनों में सोने की कीमत में बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। सोना एक रेंज बाउंड में ट्रेड करेगा।
पिछले कारोबारी सत्र में शनिवार को सोना 72,550 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। वायदा कारोबार में सोमवार को सोने की कीमत 237 रुपये की तेजी के साथ 70,026 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई।
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