आयात शुल्क में 15 प्रतिशत से 6 प्रतिशत की कटौती से त्योहारी सीजन में खरीदारी बढ़ी है, क्योंकि उपभोक्ता उच्च शुद्धता वाले सोने के उत्पादों को अधिक पसंद कर रहे हैं। एमएमटीसी-पीएएमपी के मुताबिक, मौसमी कारकों से परे, सोने की मांग साल भर चलने वाली सांस्कृतिक प्रथाओं से भी लाभान्वित होती है।
समीक्षाधीन तिमाही में भारत में कुल आभूषणों की मांग 17 प्रतिशत घटकर 106.5 टन रह गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 128.6 टन थी।
अगले दो महीनों में धनतेरस, त्योहार और शादी के सीजन का असर कीमतों पर पड़ेगा। कारोबारियों को बिक्री को लेकर काफी उम्मीदें है। आभूषणों की मांग (Gold Demand in India) सात प्रतिशत बढ़कर 146.2 टन से 155.7 टन हो गई।
Gold Market: कोरोनावायरस (Coronavirus) महामारी के कारण आई आर्थिक मंदी की चपेट से बाहर निकलकर भारत में दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में सोने की मांग पिछले साल की इसी तिमाही की तुलना में 43 फीसदी बढ़ी है।
तिमाही के दौरान भारत में सोने की मांग 37 प्रतिशत बढ़कर 59,330 करोड़ रुपये के बराबर रही, एक साल पहले इसी अवधि में सोने की मांग 43,160 करोड़ रुपये थी
अप्रैल-जून तिमाही में वैश्विक सोने की मांग में पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाले एक प्रतिशत की गिरावट हुई और यह 955.1 टन रही।
अक्षय तृतीया के मौके पर सामान्य दिनों में 30 से 40 टन सोने की बिक्री होती है लेकिन इस बार यह एक टन तक भी मुश्किल ही होगी।
जनवरी-मार्च 2021 के दौरान स्वर्णाभूषणों की कुल मांग 39 प्रतिशत बढ़कर 102.5 टन पर पहुंच गई। एक साल पहले यह 73.9 टन रही थी।
2020 में भारत की सोने की मांग 35.34 प्रतिशत घटकर 446.4 टन रह गई, जो 2019 में 690.4 टन थी। वहीं मूल्य के हिसाब से सोने की मांग में 14 प्रतिशत की गिरावट आई और यह घटकर 1.88 लाख करोड़ रुपये रह गई। 2019 में मूल्य के हिसाब से सोने की मांग 2.17 लाख करोड़ रुपये रही थी।
2020 में सिर्फ सोने की मांग में ही गिरावट नहीं आई है बल्कि इसकी सप्लाई भी घटी है, WGC के अनुसार 2020 में दुनियाभर में कुल 4633 टन सोने की सप्लाई दर्ज की गई है जो 2019 के मुकाबले 4 प्रतिशत कम है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक सितंबर तिमाही के दौरान सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में सोने की मांग में गिरावट देखने को मिली है, सितंबर तिमाही दुनियाभर में सोने की मांग में 19 प्रतिशत की भारी गिरावट देखने को मिली है और कुल 892.3 टन सोने की मांग दर्ज की गई है।
जब तक आभूषण उद्योग के कारीगर काम पर नहीं लौट आते और आपूर्ति श्रृंखला को जल्द से जल्द शुरू नहीं कर लिया जाता, तब तक आगे के हालात भी चुनौतीपूर्ण रहने की आशंका है।
कीमतों में उतार-चढ़ाव और कोरोना वायरस की वजह से छायी आर्थिक अनिश्चिता के चलते जनवरी-मार्च तिमाही में देश की स्वर्ण मांग 36 प्रतिशत घट गयी।
कोरोना वायरस का प्रभाव दूसरी तिमाही में इससे भी बुरा होगा, क्योंकि लॉकडाउन मई तक बढ़ाया गया है और स्थितियां सामान्य होने में अभी और समय लगेगा।
एजेंसी के मुताबिक अगले कुछ महीनों तक सोने के आभूषणों की मांग पर असर संभव
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 के पहले नौ महीने में देश की सोने की कुल मांग गिरकर 496.11 टन रह गई। एक साल पहले जनवरी-सितंबर में यह आंकड़ा 523.9 टन था।
आर्थिक नरमी और स्थानीय स्तर पर ऊंची कीमतों की वजह से भारत की सोने की मांग पिछले साल के मुकाबले इस साल सितंबर तिमाही में 32 प्रतिशत घटकर 123.9 टन पर आ गई है।
त्योहारी एवं वैवाहिक मौसम तथा आकर्षक कीमत के कारण इस साल अप्रैल-जून तिमाही में देश में सोने की मांग 13 प्रतिशत बढ़कर 213.20 टन पर पहुंच गयी।
ईंट और सिक्कों की मांग में 12 प्रतिशत की कमी देखी गई।
रुपए की मजबूती तथा स्थानीय स्तर पर सोने की कीमतों में गिरावट की वजह से पहली तिमाही में सोने की मांग बढ़कर 159 टन पर पहुंच गई।
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