395 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के भाव पर 11.90 करोड़ शेयरों की बिक्री से सरकारी खजाने में लगभग 4,700 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है। बताते चलें कि ये भाव, मंगलवार को बंद हुए कंपनी के शेयरों के भाव से 6.23 प्रतिशत कम है।
वित्त वर्ष 2022-23 में तीन प्रमुख सरकारी जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को भारी नुकसान हुआ था। हालांकि, सरकार की देखरेख में इन कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023-24 में अच्छा प्रदर्शन करते हुए अपने नुकसान को काफी कम किया है।
बैंक ने एक नियामक फाइलिंग में कहा है कि बैंक, ज्यूरिख और कोटक जनरल ने पारस्परिक रूप से सहमति व्यक्त की है कि ज्यूरिख एक ही किस्त में प्राथमिक और माध्यमिक अधिग्रहणों के संयोजन के माध्यम से 70 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण करेगा।
भारत में मौजूदा समय में 26 जेनरल इंश्योरेंस कंपनियां हैं, जिनमें से छह का स्वामित्व केंद्र सरकार के पास है।
भारत की जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री के क्षेत्र में 24 कंपनियां कार्यरत हैं। ये सभी कंपनियां कुल मिलाकर जनरल इंश्योरेंस इंडस्ट्री में 84 फीसदी मार्केट की हिस्सेदारी रखती हैं।
एको ने अपने स्वास्थ्य बीमा वर्टिकल को बढ़ाने में भी निवेश करने का फैसला किया है, जो इसके कुल प्रीमियम का लगभग 20 फीसदी योगदान देता है।
बजट घोषणा के अनुरूप अगस्त में सरकार द्वारा संचालित साधारण बीमा कंपनियों के निजीकरण से जुड़े विधेयक को संसद की मंजूरी के बाद मंत्रालय की यह परामर्श जारी हुआ है।
सरकार ने 2020-21 के बजट में इन कंपनियों में 6,950 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का प्रावधान किया था।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि यह रणनीतिक अधिग्रहण QorQl प्रा. लि. द्वारा किया जाएगा। यह एक टेक्नोलॉजी कंपनी है, जिसकी अधिकांश हिस्सेदारी विजय शेखर शर्मा और शेष पेटीएम के पास है।
इरडा के निर्देश के बाद सार्वजनिक क्षेत्र की चार सरकारी बीमा कंपनियों ने एक लाख लोगों को मानसिक रोग बीमा कवर दिया है।
सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों में आगामी बजट में 4,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की जा सकती है। इन कंपनियों की माली हालत बेहतर करने के लिए सरकार उनमें ये पूंजी डाल सकती है।
फ्यूचर जेनेरली इंडिया इंश्योरेंस कंपनी (एफजीआईआई) ने गुरुवार को कहा कि उसने अपने ग्राहकों को पॉलिसी सोशल नेटवर्किंग प्लैटफॉर्म व्हाटसऐप के जरिए भेजनी शुरू की हैं।
भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने एक अधिसूचना में सभी साधारण बीमा कंपनियों को ऐसे वाहनों का तब तक बीमा करने से मना किया है जब तक उसके पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र नहीं हो। वाहनों के बीमा का हर साल नवीनीकरण होता है।
सार्वजनिक क्षेत्र की यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एम. एन. शर्मा ने कहा कि हम यूनाइटेड इंडिया में दो अन्य कंपनियों का विलय चाहते हैं। क्षेत्र की तीन कंपनियों में यूनाइटेड इंडिया सबसे बड़ी है। हम चाहते हैं कि उनका विलय हमारी कंपनी में हो।
ओएनजीसी द्वारा एचपीसीएल में सरकारी हिस्सेदारी के अधिग्रहण की तर्ज पर सरकार बीमा क्षेत्र में यह तरीका अपना सकती है। यह भारी मात्रा में नकदी जुटा कर बैठी सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों को इसी क्षेत्र की छोटी सरकारी कंपनियों को खरीदने के लिए
पिछले वित्त वर्ष में गैर-जीवन बीमा क्षेत्र के GDP के 1% के जादुई आंकड़े को पार करने के बाद कंपनियों को अगले 5 साल में दोगुना वृद्धि होने की उम्मीद है।
देश की सबसे बड़ी मॉर्गेज कंपनी HDFC लिमिटेड ने कहा है कि वह उचित समय आने पर अपनी सब्सिडियरी कंपनियों को शेयर बाजार लिस्ट कराएंगे।
रिलायंस कैपिटल अपने हेल्थ इंश्योरेंस कारोबार को जनरल इंश्योरेंस यूनिट से अलग कर हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी बनाएगी। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने मंजूरी दे दी है।
जनरल इंश्योरेंस कंपनियां अपने कारोबार के कई क्षेत्रों में लगातार बढते घाटे जैसे कारणों से कुछ खंडों में बीमा प्रीमियम 10-15% तक बढाने की योजना बना रही हैं।
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