General Elections 2024 : इस बार आम चुनाव में खर्चा 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रह सकता है। यह खर्चा 2020 के यूएस इलेक्शन के करीब बराबर है।
Share Market Outlook : बाजार को स्थिर सरकार पसंद आती है। जब पुरानी सरकार रिपीट होती है, तो पॉलिसी में बदलाव की संभावनाएं काफी कम होती हैं। यह बात बाजार को सपोर्ट करती है।
आम चुनाव वाले साल 2009 में सेंसेक्स ने 6 महीने में करीब 60 फीसदी रिटर्न दिया था। साल 2014 और 2019 में भी बाजार ने अच्छी तेजी देखी गई। इस साल भारत में आम चुनावों के साथ ही अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव भी होने हैं।
अर्थशास्त्रियों ने कहा कि नई सरकार को कंपनियों के लिए भूमि अधिग्रहण नियमों में ढील देनी चाहिए, श्रम सुधारों को आगे बढ़ाना चाहिए
चेकप्वाइंट को एक शोध परियोजना के तौर पर चालू किया गया है, जिसमें व्हाट्सएप की ओर से तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है।
भारत के मन की बात पृष्ठ सर्वाधिक खर्च करने वाले के रूप में उभरा है। इसके माध्यम से दो श्रेणी के अंतर्गत 3,700 से अधिक विज्ञापन आए और 2.23 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए गए।
व्हॉट्सएप के प्लेटफॉर्म से फर्जी खबरों के प्रसार के बाद भीड़ की हिंसा की घटनाओं की वजह से वह लगातार आलोचनाओं के घेरे में है।
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