रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस आसानी से पीएमएस (कीमती धातुओं और पत्थरों) का उपयोग स्वामित्व का निशान छोड़े बिना बड़ी मात्रा में धन ट्रांसफर करने के लिए किया जा सकता है, यह चिंताजनक है।
रत्न और आभूषण उद्योग के लिए कर्ज पर समान मासिक किस्त (ईएमआई) की सुविधा दी जानी चाहिए और नकद खरीद की सीमा को मौजूदा 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करना चाहिए।
Indusind Bank की तरफ से यह भी कहा गया है कि उन्होंने गीतांजली जेम्स को कुछ कर्ज दिया है लेकिन उसकी राशि बहुत कम है
रत्न एवं आभूषण उद्योग ने सरकार से आगामी बजट में सोने पर आयात शुल्क की दर को घटाकर चार प्रतिशत करने की मांग की है।
देश का रत्न और जेवरात का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में 11.7 फीसदी बढ़कर 11.4 अरब डॉलर हो गया।
जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सोने पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को घटाकर पांच फीसदी करने की मांग की है।
देश में छोटे ज्वैलरी निर्माताओं को सरकार ने बड़ी राहत दी है। सरकार ने उत्पाद शुल्क छूट दायरा बढ़ाते हुए इसे दस करोड़ रुपए कर दिया है।
भारत की जेम्स एंड ज्वैलरी इंडस्ट्री में औसत वेतन 2.52 लाख रुपए सालाना है जो फार्मास्युटिकल और कैपिटल गुड्स जैसी मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्रीज से काफी कम है।
दिल्ली सहित देश के अनेक भागों में ज्वैलर्स व सर्राफा व्यापारियों ने अपनी हड़ताल सोमवार को फिर शुरू की। एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाए जाने का विरोध कर रहे हैं
सरकार ने आभूषण निर्माताओं से बकाए एक्साइज ड्यूटी का भुगतान जून में एक साथ करने को कहा है। उत्पाद शुल्क विभाग के पास रजिस्ट्रेशन कराने का भी निर्देश दिया है।
एक्साइज ड्यूटी से नाराज ज्वैलर्स को सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स को ड्यूटी फ्री सोना मुहैया करा सकती है।
एक्साइज ड्यूटी लगाए जाने के विरोध में भले ही ज्वैलर्स की हड़ताल जारी है, लेकिन शादी-ब्याह की मांग पूरी करने के लिए काफी काम भूमिगत होकर किया जा रहा है।
ज्वैलर्स की मांगों पर गौर करने के लिए एक समिति बिठाने के सरकार के आश्वासन के बावजूद बजट प्रस्तावों पर आभूषण व्यापारियों की हड़ताल 26वें दिन भी जारी है।
सोने के आभूषण निर्माताओं और जौहरियों की 18 दिन लंबी हड़ताल के कारण इस इंडस्ट्री को 60000 से 70000 करोड़ रुपए के नुकसान का अनुमान है।
On Saturday Jewellers called off their 18-day old strike. government assured them that there will be no harassment by excise officials.
सरकार द्वारा गोल्ड और डायमंड ज्वैलरी पर एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी लगाने के फैसले के विरोध में देशभर के ज्वैलर्स हड़ताल पर हैं।
ज्वैलर्स की जारी बेमियादी हड़ताल के चलते 60,000 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबारी नुकसान होने का अनुमान है। एसोसिएशनों ने कहा की हड़ताल जारी रहेगी।
दुनिया की तमाम बड़ी एजेंसियां कीमतों में गिरावट भविष्यवाणी कर रहे थे, इसी बीच सोना कब 30 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम पहुंच गया किसी को नहीं पता चला।
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्टर्स ने केंद्र से गैर-चांदी की ज्वैलरी पर एक फीसदी ड्यूटी लगाने के फैसले को वापस लेने की मांग की है।
ज्वैलर्स पिछले छह दिनों से हड़ताल पर हैं, जिसके कारण अब तक 10,000 करोड़ का नुकसान हो चुका है। अब हड़ताल को अनिश्चितकाल के लिए जारी रखने का फैसला किया है।
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