रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस आसानी से पीएमएस (कीमती धातुओं और पत्थरों) का उपयोग स्वामित्व का निशान छोड़े बिना बड़ी मात्रा में धन ट्रांसफर करने के लिए किया जा सकता है, यह चिंताजनक है।
रत्न एवं आभूषण का सकल निर्यात 2020-21 में 25.40 अरब डॉलर रहा। मार्च में रत्न एवं आभूषण का कुल सकल निर्यात 4.33 फीसदी बढ़कर 3.39329 अरब डॉलर पर पहुंच गया जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के 3.40907 अरब डॉलर के मुकाबले 0.46 फीसदी कम है।
अगस्त 2021 में तराशे और पॉलिश हीरों का निर्यात 29.37 प्रतिशत वृद्धि के साथ 15,083.33 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, सोने के आभूषणों का निर्यात 15.06 प्रतिशत घटा है।
गडकरी ने गोयल से आग्रह करते हुए कहा कि आपसे अनुरोध है कि इस मुद्दे को देखें और भारत सरकार के नियमों एवं दिशा-निर्देशों के तहत उचित कदम उठाने का कष्ट करें।
रत्न और आभूषण उद्योग के लिए कर्ज पर समान मासिक किस्त (ईएमआई) की सुविधा दी जानी चाहिए और नकद खरीद की सीमा को मौजूदा 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करना चाहिए।
जनवरी में तराशे और पॉलिश हीरों (सीपीडी) का निर्यात 4.92 प्रतिशत घटकर 11,757.08 करोड़ रुपए पर आ गया।
भू-राजनीतिक तनाव और बड़े विकसित बाजारों की मांग में नरमी से दिसंबर 2019 में रत्न एवं आभूषणों का निर्यात साल भर पहले की तुलना में 1.28 प्रतिशत गिरकर 17,337.52 करोड़ रुपए रह गया।
जीजेईपीसी ने कहा कि रत्न एवं आभूषण निर्यात में गिरावट की प्रमुख वजह स्वर्ण आभूषणों, रंगीन रत्नों और तराशे एवं पॉलिश किए गए हीरों के निर्यात में कमी आना है।
आम बजट 2019-20 में सोने पर आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने की वजह से स्थानीय कारोबारियों को अपना कारोबार पड़ोसी देशों में ले जाने पर मजबूर होना पड़ेगा।
देश का रत्न एवं आभूषण निर्यात वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान 8 प्रतिशत गिरकर करीब 32.72 अरब डॉलर रह गया, जबकि 2016-17 में निर्यात 35.47 अरब डॉलर था।
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक फरवरी के दौरान देशम में सोने का आयात 20.26 प्रतिशत घटकर 18,613.25 करोड़ रुपए का हुआ है
Indusind Bank की तरफ से यह भी कहा गया है कि उन्होंने गीतांजली जेम्स को कुछ कर्ज दिया है लेकिन उसकी राशि बहुत कम है
देश का रत्न एवं आभूषण निर्यात चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में 4.65 प्रतिशत घटकर 25 अरब डॉलर रह गया।
रत्न एवं आभूषण उद्योग ने सरकार से आगामी बजट में सोने पर आयात शुल्क की दर को घटाकर चार प्रतिशत करने की मांग की है।
देश के रत्न एवं आभूषण निर्यात में चालू वित्त वर्ष के अप्रैल से नवंबर के बीच 4.8 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह घटकर 22.43 अरब डॉलर रहा है। इसकी प्रमुख वजह अमेरिका समेत अन्य प्रमुख बाजारों में मांग का कम रहना है।
नई दिल्ली। रत्न व आभूषण तथा अभियांत्रिकी सामान के बेहतर उठाव के बीच देश का निर्यात नवंबर महीने में 30.55 प्रतिशत बढ़कर 26.19 अरब डॉलर हो गया। इससे पहले अक्टूबर महीने में निर्यात 1.12 प्रतिशत घटकर 23 अरब डॉलर रहा था।
देश का सोना आयात पिछले वित्त वर्ष के 500 टन की तुलना में चालू वित्त वर्ष में 700 टन पर पहुंच जाएगा। एक शीर्ष उद्योग संगठन ने आज इसकी जानकारी दी।
अगर सरकार इस मांग को मान लेती है और इंपोर्ट ड्यूटी को घटाकर आधा कर देती है तो सोने की कीमतों में 1500-1600 रुपए प्रति 10 ग्राम की गिरावट आ जाएगी
देश का निर्यात चालू वर्ष के अक्तूबर महीने में 1.12 प्रतिशत घटकर 23 अरब डॉलर रह गया। सितंबर महीने में इसमें अच्छी खासी वृद्धि दर्ज की गई थी।
मध्यपूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में ऊंची मांग की वजह से इस वित्त वर्ष में भारत के जेम्स एंड ज्वैलरी का निर्यात 42 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है।
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