प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) आर्थिक वृद्धि के प्रयासों को मजबूती देगा तथा अर्थव्यवस्था में भरोसा बढ़ाएगा।
खरीद क्षमता में बढ़ोतरी, खपत सुधार और मौद्रिक रूख में नरमी से देश की आर्थिक ग्रोथ दर रफ्तार पकड़ेगी। वहीं अगले दो साल में महंगाई दर 5 प्रतिशत से नीचे आएगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अगले 30 साल तक हर साल आठ फीसदी से अधिक की आर्थिक वृद्धि हासिल होने से दुनिया की सबसे बेहतर चीजें भारत में होंगी।
सिटीग्रुप ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि अप्रैल-जून तिमाही में गतिविधियों के संकेतक कमजोर पड़ने के बावजूद 016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.7 फीसदी रहेगी।
डॉयचे बैंक के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.5 फीसदी रहने की उम्मीद है। बैंक ने इससे पहले 7.6 फीसदी का अनुमान लगाया था।
बेहतर मानसून चालू वित्त वर्ष में देश की जीडीपी वृद्धि को 8% के पार पहुंचा सकता है। आर्थिक वृद्धि दर 2015-16 के 7.6% के मुकाबले 1% तक ऊपर जा सकती है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत में छह प्रमुख क्षेत्रों में सुधारों को आगे बढ़ाने की जरूरत पर बल देते हुए आगाह किया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने 2016-17 के लिए भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.4 फीसदी कर दिया है।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर मौजूदा वित्त वर्ष में बढ़कर 7.7 फीसदी रहने की उम्मीद है।
अरविंद सुब्रमणियन ने कहा, अगर वैश्विक आर्थिक माहौल का समर्थन मिले तो भारतीय अर्थव्यवस्था अगले दस साल तक 8 फीसदी से अधिक वृद्धि दर हासिल कर सकती है।
सबसे बड़े फंड मैनेजर के पास इसके लिए समय नहीं है। इससे भी अजीब बात आपको यह लगेगी कि टूथपेस्ट, साबुन और डिटर्जेंट के बिक्री को देखते हुए निवेश करता है।
भारत के आर्थिक ग्रोथ के उंचे आंकड़ों को संदेह की नजर से देखने वालों में पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा भी शामिल हो गए। सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए।
अर्थशास्त्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष प्रो. अरविन्द पनगढ़िया ने कहा कि किसी भी सरकार का आकलन उसके कार्यकाल के दौरान हुई प्रगति पर आधारित होना चाहिए।
सुब्रमण्यम स्वामी ने अमेरिकी विदेशी मंत्रालय की उस रिपोर्ट को लेकर ट्वीट किया है जिसमें कहा गया है कि भारत की वृद्धि दर का आंकड़ा बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है।
भारत की आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में पिछले वर्ष के मुकाबले धीमी रहकर 7.4 फीसदी रह सकती है। HSBC ने एक रिपोर्ट में यह कहा है।
7.5 फीसदी की विकास दर के साथ भारत सरकार भले ही अपनी ताल ठोक रही है, लेकिन अमेरिका इन आंकड़ों को मनगढ़ंत मान रहा है।
भारत की आर्थिक ग्रोथ के आंकड़ों पर मॉर्गन स्टेनली को संदेह है। कंपनी के मुख्य वैश्विक रणनीतिकार रूचिर शर्मा ने कहा कि आंकड़ों के बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने अनुमान जताया कि 2017-18 के दौरान भूटान की वृद्धि दर 11 प्रतिशत रहेगी
मॉर्गन स्टेनली के अनुसार ब्रेक्जिट की स्थिति में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट अगले दो सालों के भीतर 0.6 फीसदी घटने होने की संभावना है।
वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि देश की आर्थिक वृद्धि अच्छे मानसून के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष के दौरान बढ़कर आठ फीसदी रहेगी। जीएसटी से भी सहारा मिलेगा।
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