देश की GDP वृद्धि 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमानाों के बीच पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर और प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
SBI रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने की बात कही है। सीएसओ ने जीडीपी ग्रोथ का अग्रिम अनुमान 7.1 प्रतिशत जताया है
भारत की GDP ग्रोथ वित्त वर्ष 2016-17 में पिछले तीन साल के सबसे निम्न स्तर पर आ सकती है। अर्थव्यवस्था की रफ्तार वित्त वर्ष 2016-17 में 7.1 फीसदी रहेगी।
8 नवंबर 2016 को लागू किए गए नोटबंदी के फैसले और इससे अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को लेकर अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी आशंका जाहिर की है।
मांग बढ़ाने के उपाय करने के साथ साथ व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपए की जानी चाहिए। साथ ही बजट में कुछ कदम लीक से हटकर उठाए जाने चाहिए।
आरबीआई ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी में अर्थव्यवस्था का स्वरूप बदलने की क्षमता है। इसकी वजह से कुछ असुविधा और वृद्धि दर पर क्षणिक विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
भारत की नोटबंदी से नेपाल की इकोनॉमी की रफ्तार कम हो गई है और व्यापार को जबरदस्त झटका लगा है। रेटिंग एजेंसी बीएमआई रिसर्च ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी।
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के लागू होने से छोटी अवधि में अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए 2000 रुपए तक के क्रेडिट और डेबिट लेनदेन पर सेवाकर (सर्विस टैक्स) माफ किया जाएगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी के फैसले से लोगों को हो रही तकलीफ खेदजनक है पर यह थोड़े समय की है। इससे लंबे समय में ग्रोथ को बल मिलेगा।
नोटबंदी के कदम से देश में काले धन के पैदा होने पर खास असर नहीं पड़ेगा। भारत जैसे बड़े मुल्क को कैशलेस सोसाइटी बनने में कम से कम पांच साल लगेंगे: एसोचैम
तेजी से हो रहे सुधार को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई है कि 2040 तक भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार मौजूदा स्थिति से 5 गुना बड़ा होगा।
अर्जुन राम मेघवाल ने बड़े नोटों को अमान्य करने के निर्णय को गरीबोन्मुखी और कालाधन के खिलाफ जंग करार दिया। इससे जीडीपी ग्रोथ दर 10 प्रतिशत तक पहुंचेगी।
नोटबंदी के बाद वित्त वर्ष 2016-17 के लिए इंडिया रेटिंग्स ने अपने जीडीपी वृद्धि अनुमान को संशोधित करते हुए 6.8 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 7.8 प्रतिशत था।
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा-एमएल) ने शोध रिपोर्ट में कहा कि वृद्धि के अनुमान को 2016-17 में 0.50 प्रतिशत कटौती कर 6.9 प्रतिशत कर दिया है।
दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) के दौरान GDP ग्रोथ दर 7.3 प्रतिशत रही है। इससे पहले चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.1 प्रतिशत रही थी।
वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 7.4 प्रतिशत था।
सरकार ने आज कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था इस साल की पहली छमाही में 7.1 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।
फिच ने कहा कि नोटबंदी का लघु अवधि में भारत की वृद्धि दर पर नकारात्मक असर होगा, पर पूरे वित्त वर्ष में इसकी वजह से जीडीपी में मामूली कमी ही आएगी।
नोटबंदी का आर्थिक गतिविधियों पर फौरी असर होने के बीच क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने GDP ग्रोथ रेट संबंधी अपना अनुमान 0.40% घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है।
लेटेस्ट न्यूज़