नोटबंदी के कारण वृद्धि की संभावना पर पड़े विपरीत प्रभाव को पलटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) कल मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर में कटौती कर सकता है।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने शनिवार को भरोसा जताते हुए कहा कि अगले वित्त वर्ष में देश की इकोनॉमी की विकास दर 7 प्रतिशत से अधिक रहेगी।
सरकार ने आज वित्त वर्ष 2015-16 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को संशोधित कर 7.9 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था।
देश की GDP में मैन्यूफैक्चरिंग की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए पर्यावरण अनुकूल प्रौद्योगिकी और सर्वोत्तम विनिर्माण पद्धतियों को अपनाए जाने पर बल दिया है।
जापान की फर्म नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी से भारत की इकॉनमी, इन्वेस्टमेंट, कंपनियों की प्रॉफिट ग्रोथ और शेयर बाजार पर ज्यादा असर नहीं होगा।
नोटबंदी से बने गतिरोध की वजह से भारत की जीडीपी वृद्धि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में करीब 6 प्रतिशत रह सकती है, नोमुरा की रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया है।
दुनिया के सीईओ मानते हैं कि अगले 12 माह के दौरान यदि सकल वृद्धि की बात की जाए तो भारत शीर्ष 6 देशों में शामिल है। पिछले साल भारत शीर्ष 5 देशों में शामिल था।
आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
जीडीपी वृद्धि दर में चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में दो प्रतिशत की कमी आ सकती है। इसका कारण प्रभावी मुद्रा में उल्लेखनीय रूप से कमी आना है।
नोटबंदी पर FM जेटली ने वाइब्रेंट गुजरात में कहा कि प्रारंभिक प्रभावों के बाद इससे GDP अधिक स्वच्छ और ज्यादा बड़ी होगी। कागजी नोट अपने प्रति लोभ जगाती है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर अवधि में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर वसूली में अच्छी वृद्धि हुई है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर इसका तात्कालिक असर होगा साथ ही इससे ब्याज दर घटाने में भी मदद मिलेगी।
देश की GDP वृद्धि 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमानाों के बीच पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर और प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
SBI रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने की बात कही है। सीएसओ ने जीडीपी ग्रोथ का अग्रिम अनुमान 7.1 प्रतिशत जताया है
भारत की GDP ग्रोथ वित्त वर्ष 2016-17 में पिछले तीन साल के सबसे निम्न स्तर पर आ सकती है। अर्थव्यवस्था की रफ्तार वित्त वर्ष 2016-17 में 7.1 फीसदी रहेगी।
8 नवंबर 2016 को लागू किए गए नोटबंदी के फैसले और इससे अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को लेकर अब राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने भी आशंका जाहिर की है।
मांग बढ़ाने के उपाय करने के साथ साथ व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपए की जानी चाहिए। साथ ही बजट में कुछ कदम लीक से हटकर उठाए जाने चाहिए।
आरबीआई ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी में अर्थव्यवस्था का स्वरूप बदलने की क्षमता है। इसकी वजह से कुछ असुविधा और वृद्धि दर पर क्षणिक विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
भारत की नोटबंदी से नेपाल की इकोनॉमी की रफ्तार कम हो गई है और व्यापार को जबरदस्त झटका लगा है। रेटिंग एजेंसी बीएमआई रिसर्च ने बुधवार को इस बात की जानकारी दी।
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड एंड पूअर्स ने कहा कि नोटबंदी और जीएसटी के लागू होने से छोटी अवधि में अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है।
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