PWC की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017 से 2021 के बीच भारतीय मीडिया व मनोरंजन क्षेत्र 10.5 फीसदी की चक्रवृद्धि सालाना वृद्धि दर CAGR से बढ़ेगा
RBI की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) के SLR में कटौती के बाद बैंकिंग शेयरों में लौटी खरीदारी के चलते सेंसेक्स 81 अंक बढ़कर 31271 पर बंद।
अमेरिकी और एशियाई बाजारों से मिले मजबूत संकेतों के दम पर घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई है। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 80 अंक उछला।
RBI बुधवार ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा, लेकिन उसके महंगाई के अनुमान में कटौती करने का ऐलान कर सकता है। ऐसे में महंगाई घटने से ब्याज दरें कम हो सकती है।
बुधवार आने वाले RBI के फैसले से पहले सेंसेक्स 119 अंक गिरकर 31190 के स्तर पर और निफ्टी 38 अंक लुढ़ककर 9637 के स्तर पर बंद हुआ है।
सेंसेक्स 120 अंक गिरकर 31203 के स्तर पर आ गया है। वहीं, NSE का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 40 अंक लुढ़ककर 9650 के नीचे फिसल गया है।
विश्वबैंक ने एक रिपोर्ट में यह कहा है कि नोटबंदी से भारत को राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसका कारण यह है कि इससे अधिक से अधिक लोग कर के दायरे में आएंगे।
वैश्विक वित्तीय संस्थान HSBC ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की GDP ग्रोथ रेट 7.1 फीसदी पर स्थित रहने का अनुमान लगाया है।
देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में सुधरकर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी, जबकि 1018-19 में यह 7.7 प्रतिशत पर पहुंचेगी।
शुक्रवार को सेंसेक्स 136 अंक बढ़कर 31273 के नए शिखर पर पहुंचकर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 37 अंक की तेजी के साथ 9653 के रिकॉर्ड स्तर पर क्लोज हुआ।
अमेरिकी और एशियाई बाजारों से मिले मजबूत संकेतों के दम पर घरेलू शेयर बाजार की शुरुआत तेजी के साथ हुई है। शुक्रवार को सेंसेक्स, निफ्टी रिकॉर्ड स्तर पर खुले है
गुरुवार को सेंसेक्स 8 अंक की मामूली गिरावट के साथ 31137 पर और NSE का 50 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 5 अंक गिरकर 9616 के स्तर पर बंद हुआ।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चौथी तिमाही में GDP की ग्रोथ रेट में गिरावट के पीछे नोटबंदी का प्रभाव होने की बात को नकारते हुए कहा कि इसके कई अन्य कारण भी हैं।
अमेरिकी और एशियाई बाजारों से मिले मिलेजुले संकेतों और कमजोर घरेलू GDP के आंकड़ों के चलते शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई है। सेंसेक्स 30 अंक नीचे है।
सरकार ने बताया कि 2016-17 में नए आधार वर्ष के मुताबिक GDP वृद्धि 7.1 प्रतिशत रही। वहीं चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में जीडीपी वृद्धि 6.1 प्रतिशत रही।
Moodys ने अपनी ग्लोबल मैक्रो आउटलुक रिपोर्ट में कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत यह दर्शाती है कि नोटबंदी के बावजूद सरकार की लोकप्रियता बनी हुई है।
नोमूरा ने कहा है कि देश की जीडीपी वृद्धि दर इससे पिछली तिमाही के 7.6 प्रतिशत से घटकर जनवरी-मार्च की तिमाही में 7.2 प्रतिशत पर आ जाएगी।
विश्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। 2019-20 में इसके बढ़कर 7.7% हो जाने की संभावना है।
देश की आर्थिक वृद्धि दर 2015-16 और 2016-17 के लिए नई IIP और GDP श्रृंखला के कारण संशोधित कर क्रमश: 8.3 फीसदी और 7.6 फीसदी किए जाने की संभावना है।
नकदी संकट से जूझ रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहली बार 300 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गई है। साथ ही पांच प्रतिशत से अधिक की जीडीपी की वृद्धि दर्ज की है।
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