इन सबके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें और अगस्त के दौरान ऑटो कंपनियों के बिक्री आंकड़े भी शेयर बाजार की चाल को प्रभावित कर सकते हैं
विनिर्माण गतिविधियों में तेजी आने से वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत दर्ज की गई।
सेंसेक्स ने आज 38938.91 की नई ऊंचाई को छुआ और 202.52 प्वाइंट की बढ़त के साथ 38896.63 के स्तर पर बंद हुआ
देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून तिमाही में 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा प्रदान करने वाली कंपनी डीबीएस ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए देश की वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के अनुमान को बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया है। पिछले साल जीडीपी वृद्धि 6.7 प्रतिशत रही थी।
जेटली ने GDP की नयी श्रृंखला की पिछली कड़ियों के अनुमानों पर ताजा रपट को लेकर छिड़ी बहस में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि UPA ने राजकोषीय अनुशासन भंग कर दिया था
विरमानी ने कहा कि अमेरिका चीन के बीच शुल्कों को लेकर छिड़े युद्ध से भारत के पास अमेरिका को अपना निर्यात बढ़ाने का मौका है
देश का चालू खाते का घाटा (कैड) चालू वित्त वर्ष में बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 2.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। नोमूरा की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
देश की आर्थिक वृद्धि दर का आंकड़ा वित्त वर्ष 2006-07 में 10.08 प्रतिशत रहा, जो कि उदारीकरण शुरू होने के बाद का सर्वाधिक वृद्धि का आंकड़ा है। यह आंकड़ा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल का है।
केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री महेश शर्मा ने इंडिया टीवी के कार्यक्रम Jai Hind with India Tv में बयान दिया कि पिछले 4 साल के दौरान देश की GDP में 31 प्रतिशत की ग्रोथ हुई है
देश का बजटीय राजकोषीय घाटा जून में बढ़कर 4.29 लाख करोड़ रुपये रहा, जो चालू वित्त वर्ष के लक्ष्य का 68.7 फीसदी है। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की अग्रणी कंपनी नोमूरा ने अपनी एक ताजा रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था बेशक अप्रैल-जून तिमाही में मजबूत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करेगी, लेकिन आगामी महीनों में यह रफ्तार सुस्त पड़ सकती है।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयां छूने के लिए तैयार है। साथ ही 2030 तक 10,000 अरब डॉलर की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के साथ इसके दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद है।
कई तिमाहियों की सुस्ती के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था ने जुलाई 2017 से ऐसी उड़ान भरी कि अब फ्रांस को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। वर्ल्ड बैंक के 2017 के अपडेडेट आंकड़ों में इस बात का खुलासा किया गया है।
सरकार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और रिटेल मुद्रास्फीति की गणना के लिए आधार वर्ष को बदलकर क्रमश: 2017-18 और 2018 करेगी। यह व्यवस्था 2019-20 से प्रभाव में आएगी।
भारत उन पांच देशों में शुमार है जो डॉलर के मजबूत होने से सबसे कम जोखिम की स्थिति में हैं। मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने गुरुवार एक रिपोर्ट में कहा कि डॉलर के मजबूत होने से अन्य मुद्राओं पर दबाव बढ़ रहा है, लेकिन भारत सबसे कम जोखिम वाले देशों में है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विभिन्न सरकारी विभागों और उद्योग के समक्ष एक नई चुनौती पेश की है। उन्होंने देश में अधिक रोजगार पैदा करने और प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाने के लिए आयात में 10 प्रतिशत कमी लाने और वैश्विक व्यापर में भारत की हिस्सेदारी मौजूदा 1.6 प्रतिशत से बढ़ाकर 3.4 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है।
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 2.5 प्रतिशत का चालू खाते का घाटा (CAD) चिंता की बात नहीं है और सरकार के पास विदेशी कोष की निकासी की वजह से पैदा हुए असंतुलन से निपटने को जरूरी ‘उपकरण’ हैं। आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने मंगलवार को यह बात कही।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में हासिल हुई 7.7 प्रतिशत की वृद्धि दर से एक बार फिर से यह स्थापित हो गया है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि अभी यह रुख कई और साल तक बना रहेगा।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया है। हालांकि उसने कर्ज की लगत बढ़ने और कच्चे तेल की कीमतों में उछाल को आर्थिक वृद्धि के लिए जोखिम बताया है।
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