2047 तक भारत जनसांख्यिकी के लिहाज से दुनिया के सबसे युवा देशों में से एक होगा, जो समृद्धि की ओर अग्रसर होगा, जिसकी अनुमानित प्रति व्यक्ति आय लगभग 18,000 से 20,000 अमेरिकी डॉलर होगी।
सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से अगस्त में जारी किए गए डेटा के मुताबिक, भारत में श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) 15 वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों में अप्रैल-जून में बढ़कर 50.1 प्रतिशत हो गई है, जोकि अप्रैल-जून 2023 में 48.8 प्रतिशत थी, जो दिखाता है कि देश में रोजगार में इजाफा हो रहा है।
दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के कारण आए गंभीर संकट से उबर गई और इसकी 2021-24 के दौरान औसत वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर आठ प्रतिशत से अधिक रही।
भविष्य की वृद्धि के लिए बैंकों में 4 ट्रिलियन डॉलर के पूंजी आधार की आवश्यकता होगी, जिसमें से एक तिहाई को नई पूंजी की तैनाती करनी होगी।
विश्व बैंक ने कहा कि दक्षिण एशिया क्षेत्र के बड़े हिस्से के लिए जिम्मेदार भारत की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 में 7 प्रतिशत पर मजबूत रहने की उम्मीद है। सेवाएं मजबूत बनी रहेंगी। कृषि में अपेक्षित सुधार के कारण ग्रामीण निजी खपत में सुधार होगा।
जीडीपी वृद्धि के लिए जिम्मेदार घटकों और मुख्य चालकों जैसे उपभोग, निवेश, विनिर्माण, सेवाओं और निर्माण ने सात प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की है। केवल दो पहलुओं ने वृद्धि दर को थोड़ा नीचे खींच दिया है और ये हैं- सरकारी (केंद्र और राज्य दोनों) व्यय तथा कृषि।
भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है, क्योंकि अप्रैल-जून तिमाही में चीन की जीडीपी वृद्धि 4.7 प्रतिशत रही।
मई 2024 में देश के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि मात्रात्मक रूप से, पूरे देश में दक्षिण पश्चिम मानसून मौसमी वर्षा ±4 प्रतिशत की मॉडल त्रुटि के साथ लंबी अवधि के औसत (एलपीए) का 106 प्रतिशत होने की संभावना है।
अर्थशास्त्रियों ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही के लिए अनुमानित जीडीपी वृद्धि 7.0-7.1 प्रतिशत होगी, और सकल मूल्य वर्द्धन 6.7-6.8 प्रतिशत रहेगा।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है। गवर्नर ने महंगाई पर कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून में तेजी से खाद्य महंगाई में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
डेलॉइट के 'भारत आर्थिक आउटलुक' के अगस्त महीने के अपडेट में कहा गया है कि केंद्रीय बजट 2024-25 में कृषि उत्पादकता में सुधार, युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने और विनिर्माण क्षेत्र में कई पहलों से उपभोक्ता खर्च को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
गुजरात के धोलेरा, महाराष्ट्र के ऑरिक औरंगाबाद, मध्य प्रदेश के विक्रम उद्योगपुरी और आंध्र प्रदेश के कृष्णापत्तनम में इन शहरों की बसावट के लिए सहयोगी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा चुका है।
सरकार ने देश की आर्थिक तरक्की में मजबूती बनी रहने का भरोसा दिया है। बीते वित्त वर्ष की जीडीपी आंकड़ों ने सबको हौरान किया था।
एनसीएईआर ने कहा है कि खाद्य कीमतों पर काबू पाना एक चुनौती है। इस समस्या से निपटने के लिए एक व्यापक नीतिगत ढांचे की जरूरत हो सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
रिपोर्ट कहती है, ‘‘भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहेगा लेकिन इसके विस्तार की रफ्तार धीमी होने की संभावना है।
मॉर्गन स्टेनली इंडिया को भरोसा है कि मौजूदा सरकार अगले पांच वर्ष तक चलेगी। गठबंधन सरकार के सामने किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आएगी। हमें लगता है कि आने वाले छह महीने में विदेशी निवेशकों की खरीदारी लौट आएगी।
सीतारमण ने कहा कि कई उच्च आवृत्ति संकेतक (जीएसटी संग्रह, बिजली खपत, माल ढुलाई आंकड़े आदि) बताते हैं कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।
वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रही थी। एनएसओ ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रहने की संभावना जताई थी।
भारतीय रिजर्व बैंक के बही-खाते का आकार मार्च, 2024 तक 11.08 प्रतिशत बढ़कर 70.47 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह पाकिस्तान के कुल सकल घरेलू उत्पाद (करीब 340 अरब अमेरिकी डॉलर) का करीब 2.5 गुना है।
घरेलू और व्यक्तिगत देखभाल से जुड़े उत्पादों की मजबूत मांग से एफएमसीजी वस्तुओं की मात्रा में वृद्धि 6.5 प्रतिशत रही। इस वृद्धि को 7.6 प्रतिशत की ग्रामीण वृद्धि से गति मिली। वहीं शहरी क्षेत्रों में वृद्धि 5.7 प्रतिशत थी।
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