सरकार ने देश की आर्थिक तरक्की में मजबूती बनी रहने का भरोसा दिया है। बीते वित्त वर्ष की जीडीपी आंकड़ों ने सबको हौरान किया था।
एनसीएईआर ने कहा है कि खाद्य कीमतों पर काबू पाना एक चुनौती है। इस समस्या से निपटने के लिए एक व्यापक नीतिगत ढांचे की जरूरत हो सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
रिपोर्ट कहती है, ‘‘भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश बना रहेगा लेकिन इसके विस्तार की रफ्तार धीमी होने की संभावना है।
मॉर्गन स्टेनली इंडिया को भरोसा है कि मौजूदा सरकार अगले पांच वर्ष तक चलेगी। गठबंधन सरकार के सामने किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आएगी। हमें लगता है कि आने वाले छह महीने में विदेशी निवेशकों की खरीदारी लौट आएगी।
सीतारमण ने कहा कि कई उच्च आवृत्ति संकेतक (जीएसटी संग्रह, बिजली खपत, माल ढुलाई आंकड़े आदि) बताते हैं कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है।
वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर सात प्रतिशत रही थी। एनएसओ ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रहने की संभावना जताई थी।
भारतीय रिजर्व बैंक के बही-खाते का आकार मार्च, 2024 तक 11.08 प्रतिशत बढ़कर 70.47 लाख करोड़ रुपये हो गया है। यह पाकिस्तान के कुल सकल घरेलू उत्पाद (करीब 340 अरब अमेरिकी डॉलर) का करीब 2.5 गुना है।
घरेलू और व्यक्तिगत देखभाल से जुड़े उत्पादों की मजबूत मांग से एफएमसीजी वस्तुओं की मात्रा में वृद्धि 6.5 प्रतिशत रही। इस वृद्धि को 7.6 प्रतिशत की ग्रामीण वृद्धि से गति मिली। वहीं शहरी क्षेत्रों में वृद्धि 5.7 प्रतिशत थी।
India GDP growth rate : वित्त वर्ष 2022-23 की जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की जीडीपी 6.1 प्रतिशत बढ़ी। समूचे वित्त वर्ष 2022-23 के लिए वृद्धि सात प्रतिशत थी।
भारतीय अर्थव्यवस्था 2023-24 की जून तिमाही में 8.2 प्रतिशत, सितंबर तिमाही में 8.1 प्रतिशत और दिसंबर तिमाही में 8.4 प्रतिशत की दर से बढ़ी है।
भारत के लिए 6.9 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि का अनुमान इस साल जनवरी में संयुक्त राष्ट्र द्वारा लगाए गए 6.2 प्रतिशत की वृद्धि दर के अनुमान से अधिक है। चीन की 2024 में वृद्धि दर 4.8 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जिसका जनवरी में 4.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।
वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था के आठ प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों पर एक टिप्पणी में, मूडीज ने कहा कि मजबूत आर्थिक स्थिति उन्हें संपत्ति की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद करेगी।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (India Ratings) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए देश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) ग्रोथ रेट के अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 7.1 फीसदी कर दिया था।
रेटिंग एजेंसी इडिया रेटिंग्स ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 में महंगाई कम हो जाएगी, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक सतर्क रहेगा।
उच्च प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद बढ़ने का मतलब यह भी है कि लोगों का जीवन स्तर बढ़ रहा है, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसा है।
भारत में एफडीआई से निवेश बढ़ने की उम्मीद है। इससे निर्यात में उछाल देखने की भी संभावना है। भारत में मजबूत आर्थिक गतिविधि के चलते महंगाई के भारतीय रिजर्व बैंक के लक्ष्य स्तर चार प्रतिशत से ऊपर रहने का अनुमान है।
India GDP Growth Rate : साल 2035 के बाद ग्रोथ रेट उच्चस्तर से धीरे-धीरे नीचे आएगी और औसतन यह अगले 23 साल 6.7 प्रतिशत रहेगी।
सुब्रमण्यम ने 28 मार्च को नयी दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा था कि अगर देश पिछले 10 वर्षों में लागू की गई अच्छी नीतियों को दोगुना कर देता है और सुधारों में तेजी लाता है तो भारतीय अर्थव्यवस्था 2047 तक आठ प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है।
भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। झारखंड, छत्तीसगढ़ और बिहार जैसे राज्यों की वृद्धि दर ऊंची होनी चाहिए। यदि ये राज्य 10 प्रतिशत से अधिक की दर से वृद्धि करें, तो भारत 10 प्रतिशत से अधिक की दर से आगे बढ़ेगा।
एसएंडपी ने यह भी कहा कि भारत में कैलेंडर ईयर 2024 में ब्याज दरों में 75 आधार अंकों यानी 0.75 प्रतिशत तक की कटौती होने की संभावना है। एजेंसी ने इससे पहले वित्त वर्ष 2024-25 में भारत की वृद्धि 6.4 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया था।
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