दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन ने 2017 के लिए सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि का लक्ष्य करीब 6.5 फीसदी रखा। चीन ने पिछले वर्ष 6.5 से 7 फीसदी का लक्ष्य रखा था।
उम्मीद से बेहतर GDP के आंकड़े से उत्साहित वित्त मंत्री ने कहा कि तीसरी तिमाही में 7% वृद्धि ने नोटबंदी के असर के बारे में बड़ी बड़ी बातों को झुठला दिया।
BofAML की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.9 प्रतिशत रहने की संभावना है, 2017-18 में यह 7.2 प्रतिशत रह सकती है।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने मंगलवार (28 फरवरी) को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) सभी राज्यों में 1 जुलाई से लागू होगा।
पेरिस के शोध संस्थान आर्थिक सहयोग एवं विकास संगठन (ओईसीडी) ने 2016-17 के लिए भारत की ग्रोथ दर के अनुमान को घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है।
CSO चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के जीडीपी अनुमान कल जारी करेगा। दिसंबर तिमाही के इन आंकड़ों में नोटबंदी का प्रभाव सामने आने की उम्मीद है।
भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। नोटबंदी के कारण कुछ समय की नरमी के बावजूद वह वैश्विक परिदृश्य में एक आकर्षक चमकता स्थान बनी रहेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक 2000 रुपए के नए नोट पर RBI गवर्नर उर्जित पटेल के हस्ताक्षर हैं लेकिन इन नोटों की छपाई का काम तभी शुरू हो गया था जब राजन गवर्नर पद पर थे।
आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार धीमी पड़ने से इस बार जनवरी-मार्च तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि कम रहकर 5.7 प्रतिशत रह सकती है।
सरकार ने आज वित्त वर्ष 2015-16 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान को संशोधित कर 7.9 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया था।
जापान की फर्म नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी से भारत की इकॉनमी, इन्वेस्टमेंट, कंपनियों की प्रॉफिट ग्रोथ और शेयर बाजार पर ज्यादा असर नहीं होगा।
नोटबंदी से बने गतिरोध की वजह से भारत की जीडीपी वृद्धि अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में करीब 6 प्रतिशत रह सकती है, नोमुरा की रिपोर्ट में यह अनुमान व्यक्त किया है।
दुनिया के सीईओ मानते हैं कि अगले 12 माह के दौरान यदि सकल वृद्धि की बात की जाए तो भारत शीर्ष 6 देशों में शामिल है। पिछले साल भारत शीर्ष 5 देशों में शामिल था।
आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। इससे पहले 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।
जीडीपी वृद्धि दर में चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही में दो प्रतिशत की कमी आ सकती है। इसका कारण प्रभावी मुद्रा में उल्लेखनीय रूप से कमी आना है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर अवधि में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर वसूली में अच्छी वृद्धि हुई है।
देश की GDP वृद्धि 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमानाों के बीच पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था पर और प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।
SBI रिसर्च ने चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने की बात कही है। सीएसओ ने जीडीपी ग्रोथ का अग्रिम अनुमान 7.1 प्रतिशत जताया है
मांग बढ़ाने के उपाय करने के साथ साथ व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपए की जानी चाहिए। साथ ही बजट में कुछ कदम लीक से हटकर उठाए जाने चाहिए।
आरबीआई ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी में अर्थव्यवस्था का स्वरूप बदलने की क्षमता है। इसकी वजह से कुछ असुविधा और वृद्धि दर पर क्षणिक विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
लेटेस्ट न्यूज़