दास ने कॉरपोरेट टैक्स की दर कम करने की सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक बड़ा कदम है और इससे सभी क्षेत्रों को लाभ मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नेशनल मीडिया सेंटर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि छोटे करदाताओं के डिफॉल्ट पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। साथ ही घर खरीदने के लिए जरूरी फंड के लिए स्पेशल विंडो बनाई जाएगी, इसमें एक्सपर्ट लोग काम करेंगे।
देश की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती का असर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़ों में दिखने लगा है। विनिर्माण और कृषि क्षेत्र में आई सुस्ती से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर कम होकर 5 प्रतिशत रह गई।
खपत मांग में नरमी, मानसून में देरी, विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि में गिरावट से चालू वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर वैश्विक व्यापार तनाव बढ़ने से भी निर्यात प्रभावित होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर है। उन्होंने कहा कि आज अमेरिका और चीन जैसे देशों के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था कहीं ज्यादा बेहतर है।
सेवा क्षेत्र में सुस्ती , कम निवेश और खपत में गिरावट के बीच देश की आर्थिक वृद्धि इस साल जून तिमाही में 5.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने अपनी रपट में यह कहा है।
धीमी वैश्विक वृद्धि और देश में कमजोर मानसून के बीच आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 7.1 प्रतिशत से घटाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है।
आईएमएफ ने चीन के लिए आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 2019 के लिए 6.2 प्रतिशत और 2020 के लिए 6 प्रतिशत किया है।
चीन की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार इस साल की दूसरी तिमाही में करीब तीन दशक के सबसे निम्न स्तर 6.2 प्रतिशत पर रही।
यदि हम 29 प्रतिशत से 30 प्रतिशत के मध्य स्तर तक पहुंच जाते हैं तो हम वास्तव में आर्थिक सुधार में तेजी के दौर में पहुंच जाएंगे और फिर हमें इस स्तर पर टिके रहने की जरूरत है।
डीबीएस ने चुनौतीपूर्ण व्यापार परिदृश्य में निर्यात के मोर्चे पर दिक्कतों की वजह से वृद्धि दर के अनुमान को कम किया है।
बीते वित्त वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि रर 6.8 प्रतिशत रही है, जो इसका पिछले पांच साल का सबसे निचला स्तर है।
गोल्डमैन सैक्स ने यह अनुमान भी व्यक्त किया कि रिजर्व बैंक जुलाई-सितंबर में एक बार फिर से रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
रिजर्व बैंक ने घरेलू गतिविधियों में नरमी तथा वैश्विक स्तर पर व्यापार युद्ध बढ़ने के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष 2019-20 के लिए आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को गुरुवार को कम कर 7 प्रतिशत कर दिया है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने जीडीपी और रोजगार से जुड़े तमाम आंकड़े शुक्रवार को जारी कर दिए हैं।
मजबूत घरेलू खपत और निवेश वृद्धि को समर्थन देते रहेंगे, जिसके 2019 में 7.0 प्रतिशत तथा 2020 में 7.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री इमरान खान सरकार के कार्यकाल के पहले साल में सभी प्रमुख क्षेत्रों का प्रदर्शन कमजोर रहा है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने फरवरी महीने में वित्त वर्ष 2018-19 की आर्थिक वृद्धि दर का पूर्वानुमान 7.20 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया था
रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्ज की लागत में कमी के साथ बैंकों का लाभ बढ़ने के कारण यह संभव होगा।
रिपोर्ट के अनुसार पहली तीन तिमाही के आंकड़ों से पता चलता है कि वृद्धि व्यापक रही है। औद्योगिक वृद्धि बढ़कर 7.9 प्रतिशत पर आ गई।
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