विनिर्माण गतिविधियों में तेजी आने से वित्त वर्ष 2018-19 की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत दर्ज की गई।
श्विक वित्तीय सेवा कंपनी HSBC के अनुसार 2018-19 में जीडीपी वृद्धि दर 2017-18 के 6.5 प्रतिशत वृद्धि दर के मुकाबले बढ़कर 7.0 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चौथी तिमाही में GDP की ग्रोथ रेट में गिरावट के पीछे नोटबंदी का प्रभाव होने की बात को नकारते हुए कहा कि इसके कई अन्य कारण भी हैं।
नोटबंदी का आर्थिक गतिविधियों पर फौरी असर होने के बीच क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA ने GDP ग्रोथ रेट संबंधी अपना अनुमान 0.40% घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है।
भारत की आर्थिक वृद्धि चालू वित्त वर्ष के दौरान अच्छे मानसून और विनिर्माण में तेजी के साथ आठ फीसदी को पार कर जाएगी।
जीडीपी के आंकड़ों में विसंगति की बात स्वीकार करते हुए मुख्य सांख्यिकीविद टीसीए अनंत ने कि सरकार ऐसी विसंगतियों को कम से कम करने का प्रयास कर रही है।
ICD का कहना है कि सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बने रहने के साथ ही मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 7.5 फीसदी बने रहने की उम्मीद है।
बेहतर मानसून तथा कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के मद्देनजर घरेलू मांग बढ़ने से देश का चालू खाते का घाटा मौजूदा वित्त वर्ष में बढ़कर GDP 1.6 फीसदी हो सकता है।
देश की जीडीपी वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में सुधरकर 7.8 प्रतिशत रह सकती है। यह बात नोमुरा की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कही गई है।
RBI ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अनुकूल मानसून के मद्देनजर चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था 7.6 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज करेगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था के वर्ष 2016-17 में 7.2 फीसदी ग्रोथ हासिल करने की उम्मीद है। यह आंकड़ा सीएसओ के चालू वित्त वर्ष के ग्रोथ अनुमान 7.6 फीसदी से कम है।
भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट 2016-17 के दौरान 7.5 फीसदी रहने का अनुमान है। मूडीज के मुताबिक चीन में आई मंदी जैसी समस्या से निपटने के लिए भारत तैयार है
भारत सरकार ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2014-15 के लिए अपने वार्षिक आर्थिक वृद्धि दर को संशोधित कर 7.2 फीसदी कर दिया है। पहले 7.3 फीसदी रहने का अनुमान था।
अरुण जेटली ने कहा कि एक मुख्य सुधार जिसपर भारत में अभी काम चल रहा है वह है, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और उसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि उतार चढ़ाव वैश्विक नियम बन गया है। लेकिन भारत निश्चित रूप से अनुकूल वैश्विक माहौल में 8-9 फीसदी की ग्रोथ हासिल कर सकता है।
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि एनडीए सरकार की 7.1 फीसदी बढ़ोतरी के ताजा अनुमान के उलट वर्ष 2015-16 में आर्थिक ग्रोथ 7 प्रतिशत से नीचे रह सकती है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ग्लोबल अर्थव्यवस्था में उठापटक और अस्थिरता के बावजूद भारत की आर्थिक स्थिति काफी संतोषजनक बताया है।
भारत के विश्व की सबसे तेज वृद्धि दर्ज करने वाली इकोनॉमी बने रहने की भी संभावना है। इस लिहाज से यह अपने दक्षिण एशियाई आर्थिक प्रतिद्वंद्वी चीन से आगे रहेगा।
सरकार ने साल 2015-16 के लिए छमाही इकोनॉमिक सर्वे जारी कर दिया है। इसमें जीडीपी अनुमान को 8.1-8.5 फीसदी से घटाकर 7-7.5 फीसदी कर दिया गया है।
सरकार मिड-ईयर इकनॉमिक रिव्यु 18 दिसंबर को संसद में पेश करेगी, जिसमें वह चालू वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) ग्रोथ रेट के अनुमान को घटा सकती है।
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