हाल ही में अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) की इकाई अडाणी विंड एनर्जी कच्छ फाइव लिमिटेड (एडब्ल्यूईके5एल) ने गुजरात के कच्छ में 130 मेगावाट क्षमता का पवन ऊर्जा संयंत्र चालू किया है।
अडाणी समूह बंदरगाह से लेकर हवाई अड्डा, बिजली उत्पादन से लेकर पारेषण और वितरण, खाद्य तेल से लेकर एफएमसीजी उत्पाद, लॉजिस्टिक्स और सीमेंट क्षेत्रों में कार्यरत है।
24 जनवरी को अमेरिकी निवेश शोध फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में प्रतिकूल टिप्पणियां किए जाने के बाद से अडाणी समूह की कंपनियों को बाजार में भारी उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ा।
अडाणी ने एक ट्वीट मे कहा कि पीड़ितों और उनके परिवारों की मदद करना तथा बच्चों को बेहतर कल देना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने ट्वीट किया, ''उड़ीसा की रेल दुर्घटना से हम सभी बेहद व्यथित हैं।
अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के सीईओ और पूर्णकालिक निदेशक करण अडानी ने कहा, वित्तवर्ष 23 परिचालन के साथ-साथ वित्तीय प्रदर्शन में एपीएसईजेड के लिए एक शानदार वर्ष रहा है।
पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के लिए एटीएल का शुद्ध लाभ बढ़कर 1,280.60 करोड़ रुपये हो गया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 1,235.75 करोड़ रुपये था।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित जांच कमेटी की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप को राहत मिलने के बाद ग्रुप कंपनियों के शेयरों में उछाल देखने को मिल रहा है। शेयर बाजार में लिस्टेड 10 कंपनियों में से सिर्फ 1 में गिरावट बल्कि 9 में तेजी देखने को मिल रही है।
APSEZ Growth: भारत का सबसे बड़ा वाणिज्यिक बंदरगाह ऑपरेटर, अडानी पोर्ट्स भारत के बंदरगाह और रसद बुनियादी ढांचे के विकास में अग्रणी रहा है। यह उपलब्धि जिम्मेदार व्यवसाय प्रथाओं और सतत विकास का एक उदाहरण है।
सेबी ने न्यायालय में ताजा हलफनामा दायर किया है। इसमें अडाणी समूह के शेयर की कीमत में हेरफेर करने के आरोपों की जांच पूरी करने को लेकर छह महीने का समय देने के लिये अपना पक्ष रखा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अडाणी समूह अपनी दो कंपनियों के शेयर बेचकर लगभग 21,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रहा है।
आपको बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट में अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर दायर याचिकाओं पर सुनवाई होगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को अडानी समूह पर शेयरों की कीमत में हेरफेर के आरोपों की जांच करने का आदेश दिया था।
Adani Enterprises Share Market: अडानी ग्रुप ने शेयर बाजार को एक बेहद जरूरी सूचना दी है। ग्रुप की दो कंपनियों ने बाजार को दी जानकारी में हिस्सेदारी बेचकर पैसा जुटाने की बात कही है। ऐसा क्यों कहा गया है, आइए पूरा मामला जानते हैं।
अमीरों की सूची में पहले स्थान पर बर्नार्ड अरनॉल्ट कायम है। 208 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ वो शीर्ष पर हैं। उनके बाद दूसरे नंबर पर एलन मस्क, तीसरे नंबर पर जेफ बेजोस, चौथे नंबर पर बिल गेट्स और पांचवें नंबर वर वॉरेन बफे हैं।
अडानी की यह नियुक्ति 1 दिसंबर, 2023 से प्रभावी होगी। उनका वर्तमान कार्यकाल 30 नवंबर, 2023 को समाप्त हो रहा है।
पूरे वित्त वर्ष 2022-23 में अडाणी विल्मर का शुद्ध लाभ 803.73 करोड़ रुपये से घटकर 582.12 करोड़ रुपये रह गया। हालांकि, वित्त वर्ष के दौरान कंपनी की आय बढ़कर 58,446.16 करोड़ रुपये हो गई।
एक साल पहले की अवधि की तुलना में 507 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की। कंपनी के इन नतीजों का असर आज शेयर बाजार में भी दिखाई पड़ सकता है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की 24 जनवरी को आई एक रिपोर्ट में समूह के खातों में धोखाधड़ी और शेयर कीमतों में हेराफेरी के आरोप लगाए गए थे। इसके बाद समूह की कंपनियों के शेयर तेजी से गिरे।
बयान के मुताबिक अडाणी परिवार ने हिस्सेदारी बिक्री से मिली राशि का इस्तेमाल एजीईएल के शेयर खरीदने के लिए किया। इसके अलावा एजीईएल को शेयरहोल्डर ऋण और अन्य प्रतिभूतियों के जरिए समर्थन भी दिया गया।
बाजारों में एक साल की गिरावट, बढ़ती महंगाई और पूर्वी यूरोप में युद्ध के बावजूद, 1,000 से अधिक अरबपति वास्तव में फोर्ब्स की 2022 की सूची में शामिल लोगों की तुलना में अधिक अमीर हैं।
अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के बाद उनकी संपत्ति में तेजी से गिरावट हुई।
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