एक रेगुलेटर को फाइल किए गए पेपर में कंपनी ने बताया कि उसके बोर्ड की फंड जुटाने वाली समिति ने पात्र योग्य संस्थागत खरीदारों को 252.62 रुपये प्रति शेयर के इश्यू मूल्य पर 33,64,73,755 (33.65 करोड़) शेयर अलॉट करने को मंज़ूरी दे दी है, जो कुल मिलाकर 8,500 करोड़ रुपये है।
अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्टअप के लिए उद्यम पूंजी कोष की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में की थी। सरकार ने कहा कि इससे अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रगति को बढ़ावा मिलेगा और निजी क्षेत्र की भागीदारी के माध्यम से भारत के नेतृत्व को मजबूती मिलेगी।
सुंदरम मल्टी कैप फंड अक्टूबर 2000 में आम निवेशकों के लिए लॉन्च किया गया था। फंड का प्रबंधन दो फंड मैनेजर- सुधीर केडिया और रतीश बी वारियर करते हैं। यह स्कीम कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स और फाइनेंस पर ओवरवेट है।
Passive Funds: निवेश की दुनिया में हर रोज कुछ ना कुछ नया आम निवेशक के सामने आता रहता है। इन दिनों पैसिव फंड में पैसा लगाने की चर्चा काफी हो रही है। बड़े निवेशक पैसा लगाना भी शुरू कर दिए हैं। आइए इसके बारे में जानते हैं।
सरकार ने अल्टरेनिटिव इनवेस्टमेंट फंड्स में निवेश को इसी साल मंजूरी दी है। फैसले के नोटिफिकेशन के बाद बोर्ड की ये पहली बैठक है।
कंपनियों के कामकाज की समीक्षा बैठक में दोनों संगठनों को बाजार की बदलती हुई जरूरतों के अनुसार बदलने और नवीकरणीय ऊर्जा में बढ़ोतरी करने को भी कहा गया
अनएकेडमी के पास 5,000 शहरों में 14 भारतीय भाषाओं में 50,000 से अधिक पंजीकृत शिक्षकों और 62 मिलियन से अधिक छात्रों का एक नेटवर्क है
स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों का फंड 2019 के अंत में 89.9 करोड स्विस फ्रैंक (6,625 करोड़ रुपये) था। यह 2020 में बढ़कर 2.55 अरब स्विस फ्रैंक (20,700 करोड़ रुपये) पर पहुंच गया।
फिलहाल बैंक पर्सनल लोन पर 8.35 फीसदी से लेकर 24 फीसदी तक ब्याज दर वसूल रहे हैं। इसके साथ ही 500 रुपये से लेकर कर्ज की रकम के 2.5 फीसदी तक प्रोसेसिंग फीस वसूली जा रही है।
IMF का अनुमान है कि आर्थिक गतिविधियां बड़े पैमाने पर ठप होने के साथ प्राथमिक घाटा बढ़ने से वैश्विक स्तर पर सार्वजनिक कर्ज 2020 में उछलकर जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) का करीब 100 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।
MSME के लिए गोल्ड लोन योजना के तहत 1 महीने में 88 करोड़ रुपये के लोन बंटे
सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन देने के लिए कई तरह के कदम उठा रही है। हीरो इलेक्ट्रिक इस अवसर का लाभ उठाने की तैयारी में है।
RTI से खुलासा हुआ है कि सियासी दलों को चंदा देने के लिये मार्च 2018 से मई 2019 के बीच कुल 5,851.41 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड खरीदे गये। इनमें से 80.6 प्रतिशत बॉन्ड सिर्फ नयी दिल्ली में भुनाये गये, जहां प्रमुख सियासी दलों के राष्ट्रीय मुख्यालय स्थित हैं।
इंडिया टीवी पैसा की टीम आपके लिए लेकर आई है फंड ट्रांसफर से जुड़े ऐसे पांच तरह के फ्रॉड्स की जानकारी, जिनके बादे में जान लेगा आपके लिए बेहद जरूरी है।
शेयरों यानि इक्विटी में निवेश कर आप सबसे अधिक रिटर्न पाते हैं। सोने का रिटर्न देखेंगे तो इसने एक साल में निगेटिव रिटर्न दिया है। रियल एस्टेट की हालत भी छुपी नहीं है।
भारतीय कंपनियां चालू वित्त वर्ष में अब तक कॉरपोरेट्स बांड्स के जरिये कुल 2.2 लाख करोड़ रुपए का धन जुटा चुकी हैं।
भारतीय प्रतिभूति और विनियम बोर्ड (सेबी) ने IPO के जरिये जुटाए गए धन के किसी भी प्रकार के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है।
भारतीय कंपनियों ने पिछले वित्त वर्ष में कारोबारी जरूरतों की पूर्ति के लिए कॉरपोरेट बांड्स के निजी नियोजन के माध्यम से सात लाख करोड़ रुपए जुटाए
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने कहा कि कुछ राष्ट्रीयकृत बैंकों के फिर से निजी हाथों में सौंपने का समय संभवत: आ गया है।
EPFO के चार करोड़ अंशधारकों के लिए एक और बड़ी खुशखबरी है। अब वे अपने ईपीएफ एकाउंट से बीमारी के इलाज के लिए बिना मेडिकल सर्टीफिकेट दिए पैसा निकाल सकते हैं।
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