देश के रीयल्टी सेक्टर क्षेत्र का कुल वित्तपोषण 2011 के 3.8 अरब डॉलर से 40 प्रतिशत बढ़कर 2016 में 5.4 अरब डॉलर हो गया है। हालांकि बैंको की हिस्सेदारी घटी है।
फंड की समस्या से जूझ रही भारतीय स्टार्टअप्स इंडस्ट्री में 2016 की शुरुआत से ही विलय और अधिग्रहण (एमएंडए) में काफी बढ़ोतरी देखी जा रही है।
भारतीय स्टार्टअप्स पिछले कुछ सालों से निवेशकों से मिले पैसे पर खूब तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। एंटरप्रेन्योर्स का एक ग्रुप फंड के लिए संघर्ष कर रहा है!
बीते आठ महीनों में देश के प्रमुख स्टार्टअप्स ने करीब 2,000 लोगों को नौकरी से निकाल दिया। जबकि सरकार रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए इनको रियायतें दे रही है।
कारट्रेड ने सिंगापुर की इन्वेस्टमेंट कंपनी टेमासेक और एक वेंचर इन्वेस्टमेंट कंपनी मार्च कैपिटल से 950 करोड़ रुपए का नया निवेश हासिल किया है।
नंदन नीलेकणी ने पांच स्टार्टअप्स में अभी तक अपना निजी निवेश किया है। इसके जरिये उन्होंने अन्य एंत्रप्रेन्योर्स के लिए एक उदाहरण भी पेश किया है।
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