आमतौर पर लंबी दूरी तय करने वाली ट्रेनों में ही ऑनबोर्ड कैटरिंग की सुविधा होती है। जो ट्रेनें छोटी दूरी तय करती हैं, उनमें ऑनबोर्ड कैटरिंग की सुविधा नहीं मिलती है। हालांकि, पूरे देश में सिर्फ कुछ चुनिंदा ट्रेनों में ही यात्रियों को फ्री खाना दिया जाता है, जिसके लिए अलग से पैसे नहीं लिए जाते हैं।
प्रवासी मजदूर कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में कर्फ्यू और लॉकडाउन लगाए जाने के कारण संकट का सामना कर रहे हैं।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच बेरोजगारों और गरीबों को सहारा देने के लिए सरकार इस साल 93,869 करोड़ रुपये खर्च करेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यह जानकारी दी।
वह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत शामिल करीब 79.39 करोड़ लाभार्थियों को प्रति महीने प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम खाद्यान्न का वितरण कर रही है।
कोविड -19 के दूसरी लहर के मद्देनजर, खाद्य मंत्रालय ने इस योजना को एक मई, 2021 से दो महीने के लिए फिर लागू किया है। मंत्रिमंडल ने इसे बुधवार को मंजूरी देने की औपचारिकता पूरी की।
खाद्य मंत्रालय ने कहा कि योजना के तहत कम लोगों को लाभ मिलने को योजना का कमजोर प्रदर्शन नहीं माना जाना चाहिए।
सरकार ने आज यह स्पष्ट किया कि धार्मिक संस्थानों द्वारा संचालित अन्न क्षेत्र में दिए जाने वाले मुफ्त भोजन को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है।
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