मौजूदा वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर अवधि में 1,235 नए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) पूंजी बाजार नियामक सेबी के यहां पंजीबद्ध हुए।
आकर्षक मुनाफे और कॉरपोरेट कमाई में सुधार की उम्मीद को देखते हुए विदेशी निवेशकों ने जनवरी में अब तक देश के पूंजी बाजार बाजार में 3 अरब डॉलर (करीब 18,000 रुपए) का निवेश किया है।
विदेशी निवेशकों ने 2017 में भारतीय ऋण बाजार में 1.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है।
दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनी आइडिया सेल्यूलर के निदेशक मंडल ने प्रवर्तक आदित्य बिड़ला समूह की कंपनियों से 3,250 करोड़ रुपए जुटाने को आज मंजूरी दे दी।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने दिसंबर महीने में शेयर बाजार से 7,300 करोड़ रुपए की निकासी की है। इसके पीछे प्रमुख वजह कच्चे तेल की कीमत बढ़ना और राजकोषीय घाटे के दायरे में वृद्धि होना बताया जा रहा है।
देश के शेयर बाजारों में अगले सप्ताह निवेशकों की नजर RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) द्वारा ब्याज दरों पर किए जाने वाले फैसले पर रहेगी।
डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने 1-17 नवंबर के दौरान शेयरों में 14,348 करोड़ रुपये (2.2 अरब डॉलर) का निवेश किया।
सरकार द्वारा सार्वजनिक बैंकों में अतिरिक्त पूंजी डालने के फैसले से उत्साहित FPI ने अक्टूबर में शेयर बाजारों में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया।
नवीतनम डिपॉजिटरी आंकड़ों के अनुसार, विदेशी निवेशकों (FPI) ने 3-27 अक्टूबर के दौरान डेट मार्केट में 15,132 करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश किया।
RBI की द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा और सप्ताह के दौरान जारी होने वाले वृहद आर्थिक आंकड़ों से आने वाले सप्ताह के दौरान शेयर बाजार की चाल तय होगी।
सितंबर में कॉरपोरेट कंपनियों की कमाई में कमी और भू-राजनीतिक चिंताओं के बीच FPI ने शेयर बाजार से 11,000 करोड़ रुपए की निकासी की है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का बिकवाली का सिलसिला जारी है। इस महीने के पहले सप्ताह में FPI ने शेयरों से 3,000 करोड़ रुपए की निकासी की है।
अगले सप्ताह शेयर बाजारों में निवेशकों की नजर मॉनसून की प्रगति, FPI और DII के रुख, डॉलर के मुकाबले रुपए की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर रहेगी।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने इस महीने अभी तक भारतीय बाजारों में वृद्धि की बेहतर संभावनाओं के मद्देनजर चार अरब डॉलर का निवेश किया है।
मंगलवार को सुबह के कारोबार के दौरान ITC के शेयर में 15 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आई, जिससे इसके शेयरधारकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा।
शेयर बाजार की चाल कंपनियों के तिमाही नतीजे के आंकड़ों, घरेलू और वैश्विक आर्थिक आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रुझान, FPI और DII के रुख पर निर्भर करेगी।
फरवरी से जून के दौरान भारतीय बाजार में FPI ने 1.62 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है, इससे पहले जनवरी में FPI ने पहले से लगाए 3,496 करोड़ रुपए निकाल लिए थे
SEBI ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) को डेरिवेटिव प्रतिभूतियों के आधार पर अपने विदेशी ग्राहकों को पार्टिसिपेटरी नोट जारी करने से रोक दिया है।
शेयर बाजारों में अगले सप्ताह उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहने की उम्मीद है। बाजार की चाल कंपनियों के तिमाही नतीजों के आंकडों और आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करेगी।
कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी निवेशकों (FPI) का भारतीयों के मुकाबले यहां की अर्थव्यवस्था में ज्यादा भरोसा है।
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