देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले कुछ महीनों से लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है और यह पहली बार 450 अरब डॉलर के पार पहुंचा है।
मंगलवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय बाजार में 1131.12 करोड़ रुपए के शेयरों की बिकवाली की।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार नवें सप्ताह बढ़ता हुआ 22 नवंबर को समाप्त सप्ताह में 34.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर बढ़करक 448.60 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
शुक्रवार को रुपया अमेरिकी करेंसी के मुकाबले 71.78 पर बंद हुआ था।
फॉरेक्स ट्रेडर्स ने बताया कि कमजोर औद्योगिक उत्पादन और कमजोर वैश्विक कारणों से बुधवार को फॉरेक्स मार्केट में भी कमजोरी का दौर हावी रहा।
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देश का स्वर्ण भंडार भी 23.2 करोड़ डॉलर बढ़कर 27.17 अरब डॉलर हो गया।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार एक अक्टूबर को समाप्त सप्ताह के दौरान बढ़ कर 434.60 अरब डॉलर की नयी ऊंचाई पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति की द्वैमासिक समीक्षा की घोषणा करते हुए कहा कि एक अक्टूबर को विदेशी विनिमय भंडार ने ऊंचाई का नया रिकार्ड कायम किया।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार दूसरे सप्ताह गिरावट दर्ज की गयी। 20 सितंबर को समाप्त सप्ताह में 38.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 428.572 अरब डॉलर रह गया। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों में कमी और स्वर्ण आस्तियों के घटने के कारण यह गिरावट आई है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ रहा है और यह 400 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के स्तर पर बना हुआ है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 14 जून को समाप्त सप्ताह में 1.35 अरब डॉलर घटकर 422.2 अरब डॉलर पर आ गया।
आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देश का स्वर्ण भंडार बिना किसी बदलाव के 22.95 अरब डॉलर पर स्थिर रहा।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से विशेष आहरण अधिकार 61 लाख डॉलर बढ़कर 1.44 अरब डॉलर हो गया।
डॉलर में व्यक्त किए जाने वाले विदेशी मुद्रा संपत्ति पर भंडार में मौजूद गैर-अमेरिकी मुद्रा जैसे यूरो, पौंड और येन में होने वाले उतार-चढ़ाव का प्रभाव पड़ता है।
समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान देश के स्वर्ण भंडार में कोई बदलाव नहीं आया और यह 23.021 अरब डॉलर के स्तर पर स्थिर बना रहा।
बाजार सूत्रों ने कहा कि निर्यातकों की डॉलर बिकवाली तथा विदेशी निधियों के सतत निवेश के कारण भी रुपए की तेजी को मदद मिली है।
फॉरेक्स डीलर्स ने कहा कि निर्यातकों द्वारा अमेरिकी मुद्रा की बिकवाली करने से रुपए को समर्थन मिला। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी का अनुमान जताए जाने से भी घरेलू मुद्रा को मजबूती मिली है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी निधियों की धननिकासी, कच्चेतेल के बढ़ते मूल्य और घरेलू शेयरों में बिकवाली बढ़ने से रुपए का लाभ सीमित हो गया।
फॉरेक्स डीलर्स ने कहा कि विदेशी फंड के सतत निर्वाह और घरेलू शेयरों में भारी खरीदारी से रुपए को बल मिला, हालांकि अमेरिका डॉलर के मजबूत होने और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि ने इसे सीमित कर दिया।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार इससे पहले 13 अप्रैल, 2018 को समाप्त सप्ताह में 426.02 अरब डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था। लेकिन इसके बाद से इसमें काफी गिरावट आई है।
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार चीन से मिली इस उदार मदद के बाद पाकिस्तान चालू वित्त वर्ष में अपने मित्र देशों से 9.1 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता प्राप्त कर चुका है।
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