दिसंबर अंत तक निवेश की गई 87,132 करोड़ रुपये की राशि में से 78,870 करोड़ रुपये शेयरों में निवेश किये गये हैं जबकि 7,562 करोड़ रुपये बॉन्ड्स में और 700 करोड़ रुपये हाईब्रिड सिक्योरिटीज में निवेश किये गये हैं।
कर विभाग के देश में विभिन्न भागों में सभी 14 जांच निदेशालयों में विदेशी परिसंपत्ति जांच इकाई (एफएआईयू) का गठन किया गया। इन निदेशालयों का प्राथमिक कार्य छापे मारना और तलाशी लेना है। साथ ही विभिन्न तरीकों से की जाने वाली कर चोरी को रोकने के लिये तौर-तरीके विकसित करना है।
अगस्त, जुलाई, जून, मई और अप्रैल में पी-नोट्स के जरिये निवेश क्रमश: 74,027 करोड़, 63,228 करोड़, 62,138 करोड़, 60,027 करोड़ और 57,100 करोड़ रुपये का हुआ था।
यह साल 2002 के बाद किसी कैलेंडर वर्ष के दौरान विदेशी निवेशकों के द्वारा किया गया सबसे ऊंचा निवेश है। यह इतिहास में पांचवां अवसर है जबकि शेयरों में एफपीआई का शुद्ध निवेश किसी साल में एक लाख करोड़ रुपये को पार कर गया है।
विदेशी मुद्रा यानि डॉलर का सबसे ज्यादा खर्च कच्चे तेल तथा सोने के आयात पर खर्च होता है लेकिन मोदी सरकार के कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें काफी निचले स्तर पर रही हैं और विदेशों से कच्चा तेल आयात करने के लिए पहले के मुकाबले कम डॉलर का खर्च आ रहा है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 30 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में 18.3 करोड़ डॉलर बढ़कर 560.715 अरब डालर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को इसके आंकड़े जारी किए।
23 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भंडार 5.41 अरब डॉलर बढ़कर 560.53 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। हफ्ते के दौरान एफसीए 5.20 अरब डॉलर बढ़कर 517.52 अरब डॉलर हो गयीं। इस वित्त वर्ष में अब तक रिजर्व में 80 अरब डॉलर से ज्यादा की बढ़त रही है।
अवधि के दौरान विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 84.1 करोड़ डॉलर घटकर 497.52 अरब डॉलर रह गई। भंडार ने इसी साल 5 जून को 500 अरब डॉलर के अहम स्तर को पार किया था, जिसके बाद वो लगातार इस स्तर के ऊपर ही बना हुआ है।
जो देश भारतीय कंपनियों को अपनी सरकारी खरीद में भाग लेने की अनुमति नहीं देते हैं, उन देशों की कंपनियों को भारत में भी सरकारी खरीद में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
दिन के कारोबार के दौरान रुपये ने डॉलर के मुकाबले 73.64 के ऊपरी स्तर को छुआ वहीं गिरावट के साथ रुपया 73.78 के निचले स्तर तक भी पहुंच गया। वहीं डॉलर इंडेक्स 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 93.15 के स्तर पर पहुंच गया
सप्ताह के अंत में कुल विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां (एफसीए) 26.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 498.36 अरब डॉलर पर पहुंच गईं। आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान देश का स्वर्ण भंडार 32.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 37.52 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया।
इससे पहले 7 अगस्त को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में 3.623 अरब डॉलर की वृद्धि हुई थी और यह 538.191 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था।
अप्रैल के रिकॉर्ड निचले स्तर से अब तक 2.8 फीसदी रिकवर हुआ रुपया
विदेशी मुद्रा भंडार 5 जून को पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर के पार पहुंचा था
पांच जून को समाप्त सप्ताह में पहली बार देश का विदेशी मुद्रा भंडार 500 अरब डॉलर के स्तर से ऊपर गया था।
कारोबार के दौरान 15 पैसे से ज्यादा मजबूत हुआ रुपया
रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2020-21 के दौरान रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में 45 अरब डॉलर का हस्तक्षेप कर सकता है, जिसमें से रिजर्व बैंक 25.5 अरब डॉलर का अब तक पहले ही कर चुका है।
विदेशी मुद्रा भंडार 17 महीने की आयात जरूरतों को पूरा करने में सक्षम
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 493 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंचा
समीक्षाधीन अवधि के दौरान देश का स्वर्ण भंडार 12.7 करोड़ डॉलर की गिरावट के साथ 32.779 अरब डॉलर रह गया।
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