"भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश और पांचवें या छठे सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। उसे ज़रूरत नहीं है कि वो अमेरिका (America) और चीन (China) के धुरी में शामिल हो।"
Forex Reserve: Indian Foreign Reserve में गिरावट के पीेछे ताजा गिरावट के पीछे प्रमुख कारण RBI द्वारा रुपये को थामने (Rupee Falling) की कोशिशें भी हैं। यानि रुपये में गिरावट को रोकने की कोशिश ही गिरावट का भी कारण बन रही हैं।
सरकार ने इससे पहले 31 मार्च 2020 को कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप और लॉकडाउन के बीच विदेश व्यापार नीति 2015-20 को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया था।
गडकरी ने कहा कि वह भारत में बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण के लिए विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) से बात कर रहे हैं, लेकिन वह उनकी प्रतिक्रिया से संतुष्ट नहीं हैं।
नौ जुलाई को समाप्त सप्ताह में 1.883 अरब डॉलर बढ़कर रिकॉर्ड 611.895 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने यूरोबांड्स जारी कर 1 अरब डॉलर की राशि जुटाई है, जिसकी वजह से केंद्रीय बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार अपने पांच साल के उच्चतम स्तर 18.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
विकासशील एशिया में एफडीआई प्रवाह 2020 में 4 प्रतिशत बढ़कर 535 अरब डॉलर रहा। चीन में एफडीआई प्रवाह इस दौरान 6 प्रतिशत बढ़कर 149 अरब डॉलर रहा।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को बताया कि पिछले शुक्रवार तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 598.2 अरब डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंचा है
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 21 मई, 2021 को समाप्त सप्ताह में 2.865 अरब डॉलर बढ़कर 592.894 अरब डॉलर हो गया जो एक नया रिकार्ड है। इसमें सोर्ण और मुद्रा आस्तियों का प्रमुख योगदान है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार (एसडीआर) 20 लाख डॉलर बढ़कर 1.506 अरब डॉलर हो गया।
आरबीआई ने कहा कि 7 मई 2021 को समाप्त सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में होने वाली वृद्धि मुख्य तौर पर विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां बढ़ने से हुई है।
विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी सितंबर 2020 के लगभग 6.69 प्रतिशत से घटकर 31 मार्च, 2021 में 5.87 प्रतिशत रह गई।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार इससे पहले 29 जनवरी 2021 को 590.185 अरब डॉलर की सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गया था।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार इससे पहले 29 जनवरी 2021 को 590.185 अरब डॉलर की सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गया था।
अर्थव्यवस्था में उम्मीद से बेहतर सुधार तथा नवोन्मेषी तरीके से कई किस्तों में दिए गए प्रोत्साहन पैकेज की वजह से भारतीय बाजार में FPI ने बड़ा निवेश किया है।
वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 10 महीनों के दौरान कुल एफडीआई (जिसमें आय को दोबारा निवेश करना शामिल है) 15 प्रतिशत बढ़कर 72.12 अरब डॉलर रहा।
एपीआई के तहत प्रबंधित संपत्ति का आंकड़ा 44.07 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इतिहास में अबतक का सबसे ऊंचा स्तर है।
दुनिया के सबसे बड़े विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में चीन शीर्ष पर है। इसके बाद क्रमश: जापान और स्विट्जरलैंड का स्थान है।
लगातार दो सप्ताह तक गिरावट के बाद देश का स्वर्ण भंडार 12 फरवरी को समाप्त सप्ताह के दौरान 1.26 अरब डॉलर बढ़कर 36.227 अरब डॉलर का हो गया।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार पांच फरवरी को समाप्त सप्ताह में 6.24 अरब डॉलर घटकर 583.945 अरब डॉलर रह गया। रिजर्व बैंक के शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
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