फरवरी से जून के दौरान भारतीय बाजार में FPI ने 1.62 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया है, इससे पहले जनवरी में FPI ने पहले से लगाए 3,496 करोड़ रुपए निकाल लिए थे
SEBI ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) को डेरिवेटिव प्रतिभूतियों के आधार पर अपने विदेशी ग्राहकों को पार्टिसिपेटरी नोट जारी करने से रोक दिया है।
कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी निवेशकों (FPI) का भारतीयों के मुकाबले यहां की अर्थव्यवस्था में ज्यादा भरोसा है।
वित्त वर्ष 2016-17 में करीब 3,500 FPI ने पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास पंजीकरण कराया है। यह भारत के आकर्षक गंतव्य बने रहने का संकेत है।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने इस महीने अब तक भारतीय पूंजी बाजारों में तीन अरब डॉलर यानि लगभग 18,890 करोड़ रुपए का निवेश किया है।
FPI ने 2016-17 में पूंजी बाजार में 49,000 करोड़ रुपए से अधिक राशि का निवेश किया। 2015-16 में शुद्ध रूप से 18,175 करोड़ रुपए की पूंजी निकासी की थी।
महाशिवरात्रि के मौके पर घरेलू शेयर, कमोडिटी और करेंसी बाजार शुक्रवार को पूरे दिन बंद रहेंगे। अब सोमवार यानी 27 फरवरी को कारोबार होगा।
FPI की BSE-200 कंपनियों में हिस्सेदारी अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में घटकर 305 अरब डॉलर रह गई। एफपीआई ने टेक, कंज्यूमर और फार्मा सेक्टर में भारी बिकवाली की।
फरवरी महीने के पहले तीन दिन में FPI ने पूंजी बाजार में 2,300 करोड़ रुपए डाले हैं। FPI टैक्सेशन पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद वे निवेश कर रहे हैं।
विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजारों से इस महीने अभी तक 3,800 करोड़ रुपए की निकासी की है। अन्य उभरते बाजारों की तुलना में देश में वृद्धि कम रहने की संभावना।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अनिश्चितता के बीच FPI ने सिर्फ चार कारोबारी सत्रों में भारतीय पूंजी बाजार से 2,000 करोड़ रुपए की निकासी की है।
FPI ने जुलाई-सितंबर की दूसरी तिमाही में सेंसेक्स में शामिल 17 कंपनियों में मौजूदा वैल्यूएशन के हिसाब से करीब 34,000 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे हैं।
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