केंद्रीय मंत्रिमंडल 25 साल पुराने विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) को समाप्त करने के बारे में आज फैसला कर सकता है।
सरकार द्वारा आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाए जाने से देश में FDI वित्त वर्ष 2016-17 में 9 प्रतिशत बढ़कर 43.48 अरब डॉलर के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है।
सरकार प्रिंट मीडिया, निर्माण व रिटेल क्षेत्र के लिए FDI नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है ताकि इनमें विदेशी निवेश बढ़ाया जा सके।
रमेश अभिषेक ने कहा कि कुशल श्रम बल की उपलब्धता व टिकाउ सरकार जैसे कई मानकों पर भारत विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिहाज से समकक्ष देशों से आगे बना हुआ है।
विदेशी निवेशकों का भरोसा मोदी सरकार पर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसीलिए सन 1991 में न्यू इकनॉमिक पॉलिसी अपनाने के बाद पहली बार CAD की भरपाई FDI से हुई है।
सिंगल ब्रांड रिटेल समेत सरकार कुछ क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की नीति में रियायतों की घोषणा कर सकती है।
सरकार को उम्मीद है कि विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) के स्थान पर नई व्यवस्था अगले दो महीने में अस्तित्व में आ जाएगी।
विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (FIPB) इस सप्ताह विदेशी निवेश (Foreign Investment ) के 19 प्रस्तावों पर विचार करने वाला है। 27 अक्टूबर को इसकी बैठक होगी।
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