साल 1999 में, जब रतन टाटा और उनकी टीम ने अपना नया कार कारोबार फोर्ड को पेश किया, तो उन्हें तिरस्कार का सामना करना पड़ा। फोर्ड के प्रतिनिधियों ने उनकी विशेषज्ञता पर सवाल उठाए।
भारतीय सड़कों पर फेल होने वाली कंपनियों में 100 साल पुरानी फोर्ड और जनरल मोटर्स भी शामिल हैं
भारी उद्योग मंत्री महेंद्र नाथ पांडे को लिखे पत्र में फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने सरकार से फोर्ड इंडिया के डीलरशिप के लिए मुआवजे की संरचना में उद्योग निकाय को शामिल करने के निर्देश देने का भी अनुरोध किया है।
एमजी मोटर्स ने फोर्ड के साणंद और मरईमलाई नगर प्लांट को खरीदने में रुचि दिखाई है। कंपनी के सूत्रों के अनुसार बातचीत फिलहाल काफी शुरूआती स्तर पर है।
फोर्ड मोटर इंडिया ने 1995 में भारत में अपना कारोबार शुरू किया था। जनरल मोटर्स के बाद फोर्ड दूसरी अमेरिकन कंपनी है जो भारत में अपने संयंत्र को बंद कर रही है।
दोनों कंपनियों ने अक्टूबर, 2019 में ज्वॉइंट वेंचर बनाने की घोषणा की थी। फोर्ड मोटर कंपनी ने एक बयान में कहा कि दोनों कंपनियों के बीच हुए समझौते की अंतिम तारीख 31 दिसंबर, 2020 थी।
नई मध्यम आकार की एसयूवी को महिंद्रा प्रोडक्ट प्लेटफॉर्म और पावरट्रेन प्लेटफॉर्म पर संयुक्तरूप से विकसित किया जाएगा, जो इंजीनियरिंग और कमर्शियल क्षमताओं से लैस होगी।
Ford motor वैश्विक स्तर पर अपने 10 फीसदी कर्मचारियों को निकालने की योजना बना रही है, जिसका मतलब है कि दुनिया भर में 20,000 नौकरियों की कटौती की जाएगी।
IndiaTV Paisa की टीम आज यहां बताने जा रही है उन पांच खासियतों की जो भारत में लॉन्च होने वाली फेसलिफ्ट EcoSport में शायद न मिलें।
EcoSport अमेरिका में बिकने वाली पहली मेड-इन-इंडिया कार होगी। फोर्ड नई EcoSport को चेन्नई स्थित प्लांट में तैयार करेगी। जहां से इसका निर्यात किया जाएगा।
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