सरकार ने खाद्य कानून के तहत राशन की दुकानों के जरिए बेचे जाने वाले अनाज के दाम एक साल और नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।
सरकार ने गुरुवार को कहा कि एक जुलाई से जीएसटी व्यवस्था लागू हो जाने के बाद खाद्यान्न, आटा, दूध, सब्जियां और फल पांच प्रतिशत तक सस्ते हो जाएंगे।
कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि जुलाई से शुरू होने वाले फसल वर्ष 2017-18 में खाद्यान्न उत्पादन के नए रिकॉर्ड को छूने की संभावना है।
FCI के गोदामों में खराब होने वाले खाद्यान्न का 90 फीसदी से अधिक हिस्सा महाराष्ट्र का है।
FCI ने कहा अनाज रखने के लिये जगह की कोई कमी नहीं है और देश की कुल भंडारण क्षमता 773 लाख टन तक पहुंच चुकी है।
फसल वर्ष 2016-17 में गेहूं उत्पादन बेहतर उपज के कारण रिकॉर्ड 9.8 करोड़ टन होने जा रहा है। पिछले साल 9.22 करोड़ टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।
कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा कि अगर मानसून सीजन में अच्छी बारिश होती है तो 2017-18 में रिकॉर्ड 27.3 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन होने की उम्मीद है।
पासवान ने कहा कि राज्य सरकारों को राशन की दुकानों पर यह दर्शाना चाहिए कि खाद्यान्न पर केंद्र और राज्यों द्वारा कितनी-कितनी सब्सिडी दी जा रही है।
पीडीएस के जरिए सब्सिडी वाले अनाज के लिए आधार को अनिवार्य बनाए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई है।
सरकार ने खाद्यान्न उत्पादन को लेकर अपना दूसरा अग्रीम अनुमान जारी कर दिया है। 2016-17 के दौरान देश में रिकॉर्ड 27.198 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन होगा।
देश में चालू 2016-17 के खरीफ मौसम में अनाज उत्पादन नौ फीसदी बढ़कर 13.503 करोड़ टन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है।
दो वर्ष लगातार सूखे के बाद इस बार अच्छी बरसात को देखते हुए देश का खाद्यान्न उत्पादन चालू फसल वर्ष 2016-17 में नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच सकता है।
2015-16 में दलहनों का उत्पादन 4% घटकर 1.647 करोड़ टन रह गया। वहीं गेहूं की बंपर फसल के चलते देश का कुल खाद्यान्न उत्पादन मामूली बढ़कर 25.222 करोड़ टन रहा।
घरेलू ब्रोकरेज कंपनी जेएम फाइनेंशियल के मुताबिक दो साल कमजोर मानसून रहने के कारण इन किसानों का कर्ज बढ़कर उनकी सम्पत्ति का 22 फीसदी हो गया है।
प्राइवेट एजेंसी स्काईमेट वेदर सर्विसेज ने चार महीने (जून-सितंबर) चलने वाले मानसून के दौरान 109 फीसदी बारिश का अनुमान लगाया है।
दस राज्यों में सूखे के कारण देश का खाद्यान उत्पादन 2015-16 में 25.22 करोड़ टन के स्तर पर स्थिर रह सकता है। वहीं दलहन के उत्पादन में गिरावट आ सकती है।
देश में लगातार दो साल से सूखे के बावजूद सरकारी अनुमान के मुताबिक देश में 2015-16 (फसल वर्ष) के दौरान अनाज उत्पादन बढ़कर 25.31 करोड़ टन पहुंच सकता है।
रामविलास पासवान ने कहा कि अप्रैल तक लगभग पूरा देश राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आ जाएगा। कानून को लागू करने के लिए तेजी से काम हो रहा है।
विभिन्न राज्यों में सूखे और बेमौसमी बारिश के चलते 2015 किसानों (खेतीबाड़ी) के लिए कठिन साल रहा। इस दौरान अनेक किसानों ने आत्महत्या तक की।
भारत ने डब्ल्यूटीओ मंत्रिस्तरीय वार्ताओं में अपना रूख कड़ा करते हुए एग्रीकल्चर ड्राफ्ट पर आपत्ति जताई है। ग्रेन भंडारण खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
लेटेस्ट न्यूज़