सरकार ने गरीबों के लिए फ्री अनाज योजना को 3 महीने के लिए और बढ़ा दिया है। लेकिन देश में अनाज के घटते उत्पादन और बढ़ती कीमतों के बीच इस योजना पर विशेषज्ञों द्वारा संदेह व्यक्त किया जा रहा था।
हालांकि, इस साल खरीफ सत्र के दौरान मोटा अनाज और तिलहन उत्पादन मामूली रूप से कम रहने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय इस साल खरीफ सत्र में खाद्यान्न उत्पादन 15 करोड़ टन से अधिक होने की उम्मीद कर रहा है, जो फसल वर्ष 2020-21 के इसी सत्र में हासिल किए गए 14 करोड़ 95 लाख टन से अधिक है।
तीसरे चरण में इस साल योजना को पहले दो महीने के लिये -मई और जून- में लागू किया गया। इसके बाद चौथे चरण के तहत इसे नवंबर 2021 तक के लिये बढ़ा दिया गया।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सरकार देश के करीब 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति, प्रति माह पांच किलो गेहूं और चावल क्रमश: 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्रदान कर रही है।
तीसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक इस साल खाद्यान्न, चावल, गेहूं, मक्का, चना, मूंगफली और सरसों में रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज होगा।
फसल वर्ष 2020-21 के लिए दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार इस साल रबी सीजन के दौरान देश में रिकॉर्ड अनाज और दलहन पैदा होने का अनुमान है।
2020-21 खरीफ सीजन में खाद्यान्न उत्पादन 1,445.2 लाख टन होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि गन्ने और कपास जैसी नकदी फसलों का उत्पादन भी अच्छा होने की उम्मीद है।
केंद्र सरकार ने चालू फसल वर्ष 2020-21 यानि जुलाई 2020 से जून 2021 के बीच में 30.1 करोड़ टन खाद्यान्नों का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है जो कि पिछले साल के मुकाबले करीब 2 फीसदी ज्यादा है।
देश में कुल खाद्यान्न उत्पादन 2019-20 में रिकार्ड 29.665 करोड़ टन पहुंच गया। वहीं बागवानी उत्पादन अब तक के सर्वोच्च स्तर 32.05 करोड़ टन के स्तर पर रहा है। देश कई उत्पादों में दुनिया में अग्रणी बन गया है।
साल के अंत तक पूरे देश में वन नेशन वन राशन कार्ड को लागू करने का प्रयास
सरकार के मुताबिक बदलाव से किसानों को पैदावार की बेहतर कीमत मिल सकेगी
गेंहूं और कपास का उत्पादन अब तक के सबसे ऊपरी स्तर तक पहुंचने का अनुमान
फसल वर्ष 2020-21 के दौरान खरीफ सत्र में 14.99 करोड़ टन और रबी सत्र में 14.84 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है।
देश में इस साल गेहूं और चावल सहित कुल खाद्यान्न की रिकॉर्ड पैदावार होने का अनुमान लगाया गया है।
इस मानसून सत्र में बारिश सामान्य से कम रहने के बावजूद सरकार ने फसल वर्ष 2018-19 में 28.52 करोड़ टन अनाज उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
कृषि मंत्रालय ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में बताया है कि 2017-18 के दौरान देश में चावल उत्पादन 1110.1 लाख टन होने का अनुमान है जो अबतक का सबसे अधिक उत्पादन होगा
सरकार के इस फैसले से देशभर में जूट उद्योग से जुड़े करीब 3.7 लाख कामगारों और जूट की खेती करने वाले करीब 60 लाख किसानों को लाभ होगा
विश्व व्यापार संगठन (WTO) की यहां चल रही मंत्री स्तरीय वार्ता टूटने के कगार पर आ गई है क्योंकि अमेरिका ने खाद्यान्न के सार्वजनिक भंडारण के मुद्दे के स्थायी समाधान के प्रयासों में शामिल होने से इनकार कर दिया है।
ASSOCHAM के मुताबिक देश में रिकॉर्ड खाद्यान्न उत्पादन की संभावना और बाजार में कम प्राइस वार की वजह से महंगाई दर में बढ़ोतरी की आशंका नहीं है
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