भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कृषि पद्धतियां सुरक्षित और टिकाऊ रहें, जिससे उपभोक्ताओं को खाद्य पदार्थों में कीटनाशक अवशेषों से जुड़े संभावित स्वास्थ्य जोखिमों से बचाया जा सके।
इस प्रोजेक्ट का मकसद विभिन्न खाद्य उत्पादों में माइक्रो और नैनो प्लास्टिक का पता लगाने के लिए विश्लेषणात्मक तरीकों को विकसित करना और उन्हें मान्यता देना है। प्रोजेक्ट के तहत भारत में माइक्रो और नैनो प्लास्टिक मिलावट के जोखिम स्तर का आकलन भी किया जाएगा।
स्विगी, जोमैटो और फूडपांडा समेत 10 ऑनलाइन फूड डीलीवरी कंपनियों ने खाद्य FSSAI से मंजूरी नहीं पाने वाले 5,000 रेस्तराओं को अपनी लिस्ट से बाहर कर दिया है।
सरकार ने अधिक वसा, चीनी एवं नमक वाले डिब्बा बंद खाद्य उत्पादों पर लाल ‘लेबल’ लगाने के प्रस्ताव वाले मसौदे को फिलहाल स्थगित कर दिया है।
जिस तरह से सिगरेट के पैकेट पर बड़े आकार की चेतावनी दिए जाने का नियम है उसी तरह से अब शराब की बोतल पर भी बड़े अक्षरों में चेतावनी जारी की जाएगी। हाल ही में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की तरफ से नोटिफिकेशन जारी हुआ है जिसके मुताबिक पहली अप्रैल 2019 से शराब की बोतल पर मोटे अक्षरों और अंग्रेजी भाषा में CONSUMPTION OF ALCOHOL IS INJURIOUS TO HEALTH, BE SAFE-DON’T DRINK AND DRIVE लिखा जाना जरूरी है
भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने कहा कि दक्षिण भारत की तुलना में उत्तर भारत में दूध में मिलावट के मामले अधिक आते हैं।
खाद्य नियामक FSSAI द्वारा जारी नए दिशा-निर्देश के अनुसार ऑनलाइन फूड कारोबार करने वाली ई-कॉमर्स कंपनियों को आपूर्ति श्रृंखला के लिए लाइसेंस लेना होगा।
रामविलास पासवान ने कहा कि अप्रैल तक लगभग पूरा देश राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आ जाएगा। कानून को लागू करने के लिए तेजी से काम हो रहा है।
देश के सार्वजनिक खाद्य सुरक्षा लैबोरेट्रीज में जांच किए गए खाद्य पदार्थों के हर पांच में से एक नमूने में मिलावट और गलत मार्का (मिसब्रांडेड) पाया गया है।
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