कृषि मंत्रालय ने खाद्य तेलों के इंपोर्ट ड्यूटी 5 फीसदी और बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। इससे किसानों और तेल रिफाइनरी को कुछ राहत मिल सकती है।
आने वाले दिनों में दाल की कीमत में तेजी गिरावट देखने की संभावना है। सरकार सप्लाई बढ़ाने के लिए बड़ी मात्रा में दाल इंपोर्ट करने पर विचार कर रही है।
आरबीआई स्पौंसर्ड प्रोफेशनल एनालिस्ट के एक सर्वे के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में रिटेल महंगाई दर (सीपीआई) बढ़कर 5.5 फीसदी पर पहुंच सकती है।
आसमान छूती दालों की कीमतों में काबू पाने के लिए सरकार अतिरिक्त दालें आयात करने पर विचार कर रही है। फिलहाल दाम 180 रुपए प्रति किलो तक है।
टमाटर की आसमान छूती की कीमतों वजह उत्पादन में कमी नहीं है। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि टमाटर के उत्पादन में कोई गिरावट नहीं आई है।
पिछले एक हफ्ते के दौरान दिल्ली, चेन्नई, मुंबई और अहमदाबाद में अरहर दाल की कीमतों में 12 रुपए प्रति किलो की गिरावट दर्ज की गई।
तमिलनाडु को छोड़कर सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश मार्च, 2016 तक खाद्य सुरक्षा कानून लागू करेंगे। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने यह जानकारी दी है।
क्रूड ऑयल की कीमतों पर एक बार फिर गिरावट हावी होता नजर आ रहा है। मजबूत डॉलर और ग्लोबल स्तर पर रिकॉर्ड भंडार के कारण क्रूड की कीमतों में तेज गिरावट आई है।
महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी को RBI कुछ राहत दे सकता है। यूबीएस के मुताबिक भारत में महंगाई बढ़ने के बावजूद RBI ब्याज दरों में कटौती कर सकता है।
प्याज के बाद अब टमाटर की कीमत आसमान छूने लगी हैं। दिल्ली के रिटेल मार्केट में टमाटर 60 रुपए प्रति किलो के भाव बिक रहा है।
दाल, सब्जी और खाने पीने की दूसरी वस्तुओं के अलावा पेट्रोल और रसोई गैस महंगी होने के चलते अक्टूबर में थोक महंगाई दर में उछाल आया है।
महंगाई से आम आदमी का पीछा छूटता नजर नहीं आ रहा है। पहले, टमाटर, फिर प्याज, उसके बाद दाल और अब चावल की कीमतें आसमान छू सकती हैं।
मटर के दाम अपने उच्चतम स्तर 160 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है। बदलते मौसम के कारण सप्लाई बाधित होने कई राज्यों में सब्जियों के दाम चढ़ने लगे हैं।
महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पिछले एक हफ्ते में पेट्रोल-डीजल से लेकर खाना तक सब कुछ महंगा हो गया है।
दाल, दूध, तेल और मसालों की कीमत बढ़ने से अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5 फीसदी हो गई है, जो सितंबर में 4.41 फीसदी थी।
दालों की कीमतों में आई जारी तेजी के ऑनलाईन ग्रॉसरी स्टोर 24X 7 फ्रेश ने 140 रुपए प्रति किलो अरहर दाल बेचेगी। इससे पहले सरकार सस्ती दाल बेच रही है।
कृषि मंत्रालय ने घरेलू खरीद और आयात के जरिए चालू फसल वर्ष 2015-16 के दौरान 3.5 लाख टन दालों का बफर स्टॉक बनाने का प्रस्ताव किया है।
एसोचैम के एक रिसर्च में कहा गया है कि डिमांड-सप्लाई के अंतर को पाटने और कीमत पर काबू पाने के लिए सरकार को एक करोड़ टन दाल आयात करना पड़ेगा।
दाल की आसमान छूती कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का असर दिखना शुरू हो गया है। लेकिन, दाल अभी भी आम आदमी के पहुंच से बाहर है।
एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में पिछले 10 दिनों के दौरान कीमतें 7 रुपए प्रति किलो तक चढ़ गई है। स्टॉक खत्म होने और उत्पादन में कमी से आई तेजी।
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